अजमेर में होगा 100 साल पुराने ड्रेनेज सिस्टम पर काम

Work will be done on 100 year old drainage system in Ajmer

बनेगी जल निकासी की ठोस योजना- श्री देवनानी —फॉयसागर पर जिला स्तरीय जल महोत्सव —जल का पूजन, संरक्षण, संवद्र्धन एवं सदुपयोग हमारी संस्कृति का हिस्सा-विधानसभा अध्यक्ष —प्राकृतिक खेती से बढ़ेगी किसानों की आमदनी, जल का संचय सीखें हम-श्री चौधरी

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जयपुर : राज्य सरकार की पहल पर अच्छी वर्षा के बाद ईश्वर व इन्द्र देव के आभार के साथ पहली बार जल महोत्सव मनाया गया। अजमेर जिले की फॉयसागर झील पर आयोजित जिला स्तरीय महोत्सव में जल की पूजा एवं आरती की गई। मंत्रोच्चारण एवं हरि नाम संकीर्तन के साथ आध्यात्मिक माहौल में हजारों लोग झील पर जुटे एवं ईश्वर का आभार जताया।

कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। जलझूलनी एकादशी का पौराणिक महत्व है। भगवान श्री विष्णु से जुड़ी यह तिथि हमें जल का महत्व समझाती है। इस साल प्रदेश में बहुत अच्छी वर्षा हुई है। बीसलपुर, आनासागर, फॉयसागर, पुष्कर एवं चौरासियावास सहित 83 प्रतिशत बांध भर गए हैं। हमें जल के संरक्षण, संवद्र्धन एवं सदुपयोग के प्रति जागरूक होना है। पहले की बजाए अब जागरूकता बढ़ी है।

श्री देवनानी ने कहा कि इस साल अजमेर में अत्यधिक बारिश हुई है। कई क्षेत्रों में जलभराव हुआ है। लोगों को परेशानी भी हुई। लगातार प्रयासों से पानी उतर गया है। लेकिन भविष्य को देखते हुए ड्रेनेज के लए एक दीर्घकालिक योजना पर जल्द काम शुरू होगा। अजमेर में वर्ष 1936 से पहले सैकड़ों सालों से मौजूद रही ड्रेनेज व्यवस्था को पुनजीर्वित करने की योजना पर काम किया जाएगा। इसके लिए एक्सपर्ट और सोसायटी के व्यूज भी लिए जाएंगे। आगामी सालों में जलभराव ना हो इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी।

श्री देवनानी ने कहा कि हम अजमेर में जलापूर्ति के लिए बीसलपुर बांध पर निर्भरता को भी कम करने का प्रयास कर रहे हैं। फॉयसागर से पानी लिया जा रहा है। शहर से मीठे पानी के जलस्त्रोतों को जोड़कर फिल्टर प्लांट तक पानी पहुंचाने की दिशा में भी काम होगा। इसी तरह राज्य की बजट घोषणाओं में पेयजल के लिए हुई घोषणाएं भी शहर की जलापूर्ति के लिए वरदान बनेंगी।

केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि “जल ही कल है और जल ही जीवन है“ इस मूल मंत्र को जीवन में अपनाना होगा। भारतीय संस्कृति में सदैव से जल के पूजन की परम्परा ही है। हमें जल व प्रकृति के संरक्षण के लिए गंभीरता से प्रयास करने होंगे। भौतिकता के पीछे दौड़ में हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ को बंद करें।

राज्यमंत्री श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का तीसरा कार्यकाल किसानाें को समर्पित है। किसान सम्मान निधि में वृद्धि की गई है। किसानों के हित में कई निर्णय लिए गए है। किसानों के हित में कई निर्णय लिए गए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया है। किसानों को अब प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए। यूरिया व उर्वरकों के उपयोग के बजाए प्राकृतिक खाद से खेती करेंगे तो किसानों की आमदनी बढ़ेगी। उनके परिवार व पशुओं को भी फायदा होगा। इस साल जिले में अच्छी बारिश हुई है। किसानों को इसका फायदा मिलेगा। आनासागर झील की भराव क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए।