- हमें जू. महिला हॉकी एशिया कप जीतने से बहुत आत्मविश्वास मिला
- शिविर में हममे से हर किसी ने जानी अपनी भूमिका
- हमने इस साल सबक सीखा कि आखिरी सीटी तक मैच खत्म नहीं होता
- हमारे पास दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखाने का मौका
- भारत जू. महिला हॉकी टीम का पहला मैच कनाडा से 29 नवंबर को
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : प्रीति की अगुआई में भारत की जूनियर महिला टीम मुंबई से 29 नवंबर से 10 दिसंबर तक सांतियागो (चिली) में होने वाले एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप 2023 में शिरकत करने के लिए सांतियागो रवाना हो गई। ऋतुजा डडासो पिसल भारतीय जूनियर महिला टीम की उपकप्तान होंगी। भारत की जूनियर महिला टीम पूल सी में 2022 की उपविजेता जर्मनी, बेल्जियम और कनाडा के साथ पूल सी में है। मौजूदा चैंपियन नीदरलैंड पूल ए में दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और मेजबान चिली के साथ है। अर्जेंटीना, दक्षिण कोरिया व जिम्बाब्वे पूल बी में जबकि इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, अमेरिका और जापान पूल डी में हैं। भारतीय जूनियर महिला टीम अपने अभियान का आगाज कनाडा के खिलाफ 29 नवंबर को मैच से करने के बाद 30 नवंबर को जर्मनी और 2 दिसंबर को पूल सी में अपने लीग मैच में बेल्जियम से भिड़ेगी। भारतीय जूनियर टीम की निगाहें सबसे पहले अपने पूल सी में शीर्ष पर रहकर क्वॉर्टर फाइनल में स्थान बनाने पर रहेंगी।
भारत की कप्तान फुलबैक प्रीति सोनीपत (हरियाणा ) की हैं। पहलवान पिता की बेटी प्रीति ने छठी कक्षा में हॉकी थामी और शुरू में भारत की पूर्व कप्तान प्रीतम रानी सिवाच की अकादमी में अपने हॉकी कौशल को निखारा। भारतीय जूनियर टीम के सांतियागो रवाना होने से पहले टीम की कप्तान प्रीति ने कहा, ‘जूनियर हॉकी विश्व कप जैसे विश्व मंच पर अपने देश की नुमाइंदगी करना वाकई गर्व की बात है। मेरे लिए इससे भी बड़े गर्व की बात यह है कि मैं महिला हॉकी जूनियर विश्व कप में प्रतिभाशाली भारतीय खिलाडिय़ों की टीम का नेतृत्व कर रही हूं। हमारी जूनियर टीम के पास दुनिया के सामने भारतीय हॉकी की ताकत को दिखाने का मौका है। हमें दक्षिण कोरिया को जूनियर महिला हॉकी एशिया कप के फाइनल में 2-1 से हरा कर खिताब जीतने से हमारा आत्म विश्वास मिला और इसी लय के साथ जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में शिरकत करना चाहते हैं। इस बार हमसे सभी सांतियागो (चिली) में जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में पदक जीतने की उम्मीद कर रहा है और हम इन उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। हमारा शिविर बहुत बढिय़ा रहा । शिविर में हमारी टीम की हर खिलाड़ी जान पाई कि भारत को जूनियर महिला हॉकी विश्व कप जीतना है तो उसकी भूमिका क्या होगी। हम जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में शिरकत करने को लेकर खासे रोमांचित हैं।हमारी टीम जूनियर टीम ने 2013 में जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में कांसा जीता था। 2021 में पोशेफस्ट्रूम (दक्षिण अफ्रीका ) के जूनियर हॉकी विश्व कप में में हमारी जूनियर टीम इंग्लैंड से निर्धारित समय में 2-2 की बराबरी के बाद शूटआउट 0-3 से हाकर कांसा जीतने से चूक गई और तब मैं टीम में बहुत छोटी थी और मुझे मात्र एक मैच खेलने को मिला था। मेरा मानना है कि हम अतीत में आखिरी मिनट में अपनी एकाग्रता कुछ खोते रहे हैं और इस असर मैच के नतीजे पर पड़ता है। हमने इस साल यही सबक सीखा है कि आखिरी सीटी बजने तक खेल खत्म नहीं होता है और मैच में आखिरी क्षण तक पूरे जोश और जज्बे से खेलने की जरूरत है। हमने इसके लिए बढिय़ा तैयारी की और अपने कोच तुषार खांडकर के मार्गदर्शन मे हमारे अभ्यास सत्र खासे बढिय़ा रहे। हमने कम समय में कोच तुषार सर के साथ टीम के स्ट्रक्चर और अपना कौशल बेहतर करने पर खासी चर्चा की। हम अपने खेल को बेहतर करने में जुटी हैं।’
भारत की कप्तान फुलबैक प्रीति अब भारतीय जूनियर टीम महिला हॉकी टीम की नियमित सदस्या हैं और वह लुसाने में हुए हीरो एफआईएच हॉकी 5 टूर्नामेंट में शिरकत करने वाली भारतीय टीम में शामिल थी। प्रीति जब 13 बरस की थी तब एक जिला स्तरीय टूर्नामेंट में उनके पैर में चोट लगी थी अैौर तब डॉक्टरों ने उन्हें पूरे एक बरस के बेड रेस्ट की सलाह देने के साथ यह उनके फिर कभी हॉकी खेलने पर आशंका जताई थी। वह कहती हैं, ‘मेरे लिए यह वाकई बहुत मुश्किल समय था और मैं तब बेहद निराश थी। तब मेरे पिता ने मुझे यह संकेत भी नहीं दिया कि मैं फिर कभी नहीं खेल पाउंगी। तब मेरे पिता ने मुझे बस यही कहा था कि यदि मैं हॉकी खेलना चाहूं तो खेल सकती हूं। तब मुझे अपने कोच का बहुत समर्थन मिला और उन्होंने बराबर मुझे प्रेरित किया और तभी फिर हॉकी खेल पाई। जब मैं आठवी-नौंवी कक्षा में थी तब मैंने हॉकी को और गंभीर से खेलना शुरू कर दिया। मुझे अपनी उपलब्धियों पर फख्र है। जिन्होंने मेरी क्षमता पर सवाल उठाए थे, मैंने उन सभी को जवाब दे दिया । मेरा मानना है कि महिलाएं खेल में बहुत कुछ हासिल कर सकती है। मेरा मानना है कि मैं अन्यों के उदाहरण प्रस्तुत कर सकती हूं जिससे कि और महिलाओं को मेरी जैसी दिक्कत नहीं झेलनी पड़ी।’
अपनी कप्तान प्रीति की बात से इत्तफाक जताते हुए भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की उपकप्तान ऋतुजा डडासो पिसल ने कहा, ‘ हमारी टीम में बेहतरीन प्रतिभासम्पन्न खिलाड़ी है। हमारे लिए यह जूनियर विश्व कप दुनिया को यह दिखाने का मौका है कि भारत दुनिया की श्रेष्ठï टीम है। भारतीय जूनियर टीम की उपकप्तान के रूप में मैं प्रीति का हर लिहाज से टीम को जूनियर विश्व कप जिताने का सर्वश्रेष्ठï मौका मुहैया कराने की पूरी कोशिश करूंगी।’