गोपेन्द्र नाथ भट्ट
जयपुर : राजस्थान की राजधानी पिंक सिटी जयपुर में आगामी दिसम्बर में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट 2024 के आयोजन से पहले मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 का उद्घाटन कर पर्यटन विकास को नये पंख लगा दिए है।। इस टर्मिनल पर पहली इंटरनेशनल फ्लाइट अबूधाबी से आयी । इसमें आने वाले यात्रियों का राजस्थानी परंपरा से स्वागत किया गया। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 के उद्घाटन के साथ ही यह राजस्थान का पहला इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल बन गया है जहां दो टर्मिनल हो गये हैं। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में तीन एयरपोर्ट है और अब दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में एक नया जेवर एयरपोर्ट भी बन रहा है आई इस लिहाज़ से जयपुर एक और एयरपोर्ट टर्मिनल खुलना महत्वपूर्ण है।जयपुर एयरपोर्ट का अपना महत्व है क्योंकि यह राष्ट्रीय राजधानी के सबसे निकट है और जब जब दिल्ली में ट्रैफ़िक कंजक्शन होता हैं या कोई आपात परिस्थितियाँ होती है दिल्ली से सभी फ्लाइट्स जयपुर डायवर्ट की जाती हैं।
टर्मिनल एक पर 11 साल बाद फिर से रौनक सेआयी है।एयरपोर्ट प्रशासन ने 16 जुलाई 2013 को एयरपोर्ट के टर्मिनल एक को आम जनता के लिए पूरी तरह बंद कर दिया था। जयपुर एयरपोर्ट पर टर्मिनल दो के निर्माण के बाद टर्मिनल एक को बंद करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद टर्मिनल दो से ही सभी फ्लाइट्स का संचालन होने लगा था। दरअसल, टर्मिनल एक का फिर से निर्माण किया गया है और इस टर्मिनल को हेरिटेज लुक दिया गया है। यहां पर्यटक लाल पत्थर के साथ-साथ हवामहल, जंतर-मंतर एवं राजस्थान की कई हेरिटेज इमारत की झलक देख सकेंगे ।
टर्मिनल 1 का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हेरिटेज लुक में बने नए टर्मिनल पर यात्रियों के लिए खास सुविधाएं दी गई हैं।इससे निवेशकों और पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी. टर्मिनल पर संस्कृति, विरासत और विकास का ध्यान रखा गया है. शहर की शोभा पता यात्रियों को टर्मिनल से ही चल जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 से 11 दिसंबर को प्रदेश में राइजिंग राजस्थान होने वाला है।इसमें दुनिया भर से मेहमान आएंगे तथा जयपुर के वर्ल्ड क्लास होने की छवि और निखरेगी। पर्यटकों को पहला अनुभव एयरपोर्ट से ही मिलता है।जयपुर एयरपोर्ट की यात्री क्षमता 65 लाख है। यह आने वाले समय में 3 करोड़ 80 लाख होने वाली है।इससे प्रदेश में पर्यटन के साथ व्यापार में भी वृद्धि होंगी और प्रदेश का आर्थिक विकास भी होगा। राजस्थान में निवेशकों और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ प्रदेश में 7 हवाई अड्डे हैं। उनके विस्तार और प्रगति के लिए भी काम कर हो रहा हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से बीकानेर, कोटा और जैसलमेर हवाई अड्डे पर उड़ानें सुनिश्चित हो रही है। प्रदेश के सभी सीमावर्ती जिलों में हेलीपैड विकसित करने का काम भी किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि राजस्थान ज्यादा से ज्यादा हवाई मार्ग से भी जुड़े।
राजस्थान की राजधानी जयपुर हेरिटेज सिटी है. लोग पिंक सिटी के नाम से इसे जानते हैं. टर्मिनल-1 को हेरिटेज लुक दिया गया है. इससे जयपुर घूमने आने वाले विदेशी पर्यटकों को इस टर्मिनल पर उतरते ही शहर की शोभा और जानकारी मिलेगी।टर्मिनल-1 चालू होने से इंटरनेशनल फ्लाइट बढ़ जाएगी
उल्लेखनीय हो कि जयपुर से वर्तमान में मध्य पूर्व और कुआलालंपुर के 6 इंटरनेशनल उड़ानें हैं,जो गल्फ कंट्री में रहने वाले कामकाजी वर्ग की आबादी के लिए चलाई जा रही हैं, लेकिन अब टर्मिनल-1 चालू होने के बाद जयपुर में विदेशों से आने वाले सैलानियों के लिए कई इंटरनेशनल फ्लाइट की सुविधा शुरू हो जाएगी.
जयपुर एयरपोर्ट के टर्मिनलस का संचालन अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड द्वारा की जाती हैं।हवाई अड्डे की समग्र क्षमता को बढ़ाने में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. 2023 में लगभग 5.4 मिलियन यात्रियों ने टर्मिनल 2 से यात्रा की और इस वर्ष यातायात में और वृद्धि होने की संभावना है।हवाई कनेक्टिविटी में सुधार और अयोध्या, बीकानेर, अबू धाबी, कुआलालंपुर में नए मार्गों के खुलने से यात्री यातायात में प्रभावशाली वृद्धि हुई है।
आने वाले सालों में जयुपर से हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है। जिसको देखते हुए जयपुर एयरपोर्ट पर विस्तार कार्य किए जा रहे हैं।
राजस्थान का पर्यटन उद्योग माइंस और मिनरल्स के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय महत्व है। प्रदेश के सभी ज़िलों में छोटी बड़ी हवाई पट्टिया हैं। इन पर छोटे विमान और एयर एम्बुलेंस सुविधाओं का विस्तार कर निकटवर्ती प्रदेशों दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को भी जोड़ सर्किट बनाया जा सकता है।
उम्मीद है राजस्थान में हवाई सेवाएँ बढ़ने से देश विदेश विशेष कर खाड़ी देशों यूरोप अमरीका कनाडा आदि देशों की अन्तर्राष्ट्रीय सेवाओं का विकास होगा।