
रविवार दिल्ली नेटवर्क
सवाई माधोपुर : सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क से सटे उलीयाणा गांव के एक खेत में विगत शाम टाइगर द्वारा एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिए जाने के मामले का लगभग 21 घंटे बाद पटाक्षेप हुआ है। घटना के बाद से ही ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्याप्त था और ग्रामीण इसी आक्रोश के चलते शव को लेकर घटना के बाद से ही लगातार सड़क पर जाम लगाकर बैठे हुए थे। जिससे सवाई माधोपुर कुंडेरा मार्ग लगभग 20 घंटे तक जाम रहा।
जानकारी के अनुसार टाइगर टी 86 द्वारा खेत में बकरी चरा रहे उलियाणा निवासी भरत लाल मीणा पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया था। यही नहीं ग्रामीण को मारने के बाद टाइगर उसके के शव के पास ही काफी देर तक बैठा रहा। ग्रामीणों ने मशक्कत कर टाइगर को भगाया और शव को अपने कब्जे में लिया। इसके बाद ग्रामीण बेहद आक्रोशित हुए और शव लेकर सड़क पर आ गए। ग्रामीणों की मांगों पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सहमति नहीं बनी। इससे 21 घंटे तक लगातार गतिरोध बना रहा ।
इसके बाद दोसा से कृषि मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा जाम स्थल पर पहुंचे और मृतक के परिजनों तथा ग्रामीणों से वार्ता कर घटना की जानकारी ली तथा मांगे सुनी । इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों तथा सरकार के आला अधिकारियों से वार्ता करने के बाद 10 लाख रुपए वन विभाग के द्वारा तथा ₹5लाख किरोड़ी लाल मीना द्वारा देना तय हुआ। कुल मिलाकर मृतक के आश्रित को 15 लाख रुपए की नकद आर्थिक सहायता देने, एक आश्रित को नेचर गाइड की नोकरी लगाने, घटना में लापरवाही बरतने वाले फॉरेस्टर मंगल सिंह को निलंबित करने तथा उपवंत संरक्षक रामानंद व सीसीएफ अनूप के आर को हटाने के मामले में ग्रामीणों से सहमति बनी।
डी एफ ओ तथा सीसीएफ को हटाने के मामले में किरोड़ी ने कहा कि वे मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे तब तक ग्रामीण जमुल खेड़ा चौक में रोजाना सांकेतिक धरना देंगे। सभी मांगों पर कमोबेश सहमति बनने के उपरांत ग्रामीणों द्वारा आंदोलन समाप्त किया गया । मौका स्थल पर ही मेडिकल टीम द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। समूचे घटनाक्रम के दौरान एहतियात बतौर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा।