नीति गोपेंद्र भट्ट
नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी सूरीनाम और सर्बिया की छह दिवसीय यात्रा पूरी कर शुक्रवार रात को स्वदेश पहुँचीं। पिछले वर्ष जुलाई में पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी।
नई दिल्ली के इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टेकनिकल एरिया पर केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भारत आगमन पर उनकी अगवानी करने वालों में भारत सरकार की ओर से विशेष रुप से दक्षिणी राजस्थान के बाँसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कनकमल कटारा को भी शामिल किया गया था ।
कटारा ने इस मौके पर अपने मोबाईल से सेल्फी लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विदेश से स्वदेश आगमन के अवसर को यादगार बनाया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति मुर्मू ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के साथ विविध विषयों पर विस्तृत चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया।
मुर्मू ने सूरीनाम के अपने समकक्ष चंद्रिका प्रसाद संतोखी से मुलाकात की और रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी एवं क्षमता निर्माण सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक गहरा बनाने पर चर्चा की।
सूरीनाम की यात्रा समाप्त करने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू गत बुधवार को राष्ट्रपति एलेक्सांद्र वुसिक के निमंत्रण पर सर्बिया पहुंची। यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की सर्बिया की पहली यात्रा थी। राष्ट्रपति मुर्मू का बेलग्रेड में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सर्बिया के राष्ट्रपति ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की और वहाँ उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू की यूरोप की यह पहली यात्रा थी। राष्ट्रपति मुर्मू की इस यात्रा से भारत और सर्बिया के बीच मतबूत संबंधों की पुन: पुष्टि हुई है।इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों खासकर आर्थिक मोर्चे पर संबंधों को नयी ऊर्जा मिली है।
बेलग्रेड में राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और भारतीय समुदाय के लोगों से भी संवाद किया।
इस मौक़े पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत तेजी से और अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और देश दशक के अंत से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।