रूफ टॉप सोलर उपभोक्ताओं को मिलेगा अधिक भुगतान
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
देव दिवाली पर भजन लाल सरकार ने राजस्थान वासियों को नायाब तौहफा दिया है। यह खुश खबरी प्रदेश में रूफ टॉप सोलर के माध्यम से सौर ऊर्जा उत्पन्न कर ग्रिड को बिजली उपलब्ध कराने वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए है। अब उन्हें उपभोग के बाद ग्रिड में देने वाली अतिरिक्त बिजली के बदले राजस्थान डिस्कॉम्स से प्रति यूनिट 2 रूपए 71 पैसे के स्थान पर 3 रूपए 26 पैसे प्रति यूनिट का भुगतान मिलेगा। राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के निर्णय के अनुसार विद्युत वितरण निगमों ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। फीड इन टैरिफ में बढ़ोतरी के यह आदेश चालू बिलिंग माह से प्रभावी हो जाएंगे।
प्रदेश में 1 लाख 35 हजार से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं ने नेट मीटरिंग के माध्यम से अपने घर अथवा आवासीय परिसर की छत पर रूफ टॉप सोलर संयंत्र स्थापित कर रखे हैं। अब 55 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी से प्रदेश में रूफ टॉप सोलर की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक से अधिक उपभोक्ता सस्ती एवं सर्वसुलभ सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
उल्लेखनीय है कि पीएम सूर्यघर योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 96 हजार 685 उपभोक्ताओं ने रूफ टॉप सोलर स्थापित किए गए हैं। इस योजना में उन्हें 3 किलोवाट तक का रूफ टॉप सोलर लगाने पर अधिकतम 78 हजार रूपए की केन्द्रीय सहायता मिल रही है।
यह समाचार अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर उन घरेलू उपभोक्ताओं के लिए जो रूफ टॉप सोलर सिस्टम से बिजली उत्पन्न कर रहे हैं या लगाने की योजना बना रहे हैं। राजस्थान में अब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए रूफ टॉप सोलर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करना और भी लाभकारी हो गया है। राज्य के तीनों डिस्कॉम्स जयपुर, जोधपुर और अजमेर विद्युत वितरण निगमों ने आदेश जारी कर घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली के बदले मिलने वाले दरों में 55 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भुगतान स्वीकृत किया है। यह निर्णय राज्य सरकार की सौर आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा विस्तार नीति के अनुरूप लिया गया है। पहले घरेलू उपभोक्ताओं को ग्रिड में सप्लाई की गई सौर ऊर्जा के बदले जितना भुगतान किया जाता था, अब उसमें 55 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। इसका सीधा लाभ उन उपभोक्ताओं को मिलेगा जिन्होंने अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाए हैं और बिजली निगमों को अतिरिक्त ऊर्जा बेच रहे हैं।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नेट मीटरिंग प्रणाली में अब संशोधित भुगतान दर लागू होगी। उदाहरण के लिए, यदि पहले किसी उपभोक्ता को सौर ऊर्जा की बिक्री पर 3.15 रु प्रति यूनिट का भुगतान होता था, तो अब उसे 3.70 रु प्रति यूनिट मिलेगा। यह बढ़ोतरी प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है ताकि अधिक से अधिक घर सोलर ऊर्जा को अपनाएँ। राज्य के डिस्कॉम्स ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का उद्देश्य घरेलू स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और राज्य की पारंपरिक ऊर्जा पर निर्भरता को कम करना है। राजस्थान पहले से ही देश में सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है, और यह कदम आम नागरिकों को इसमें भागीदार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे रूफ टॉप सोलर लगाने वाले घरेलू उपभोक्ता न केवल अपनी बिजली की खपत को घटा सकेंगे बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर हर माह आय भी प्राप्त कर सकेंगे। नई दरों से औसतन प्रति किलोवाट की स्थापना पर वार्षिक बचत और आय में 4,000 से 6,000 रु तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और डिस्कॉम्स ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे सौर छत योजना का लाभ उठाएँ। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी और नेट मीटरिंग की सुविधा पहले से उपलब्ध है।
इस निर्णय से न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि राज्य में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयासों को भी बल मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह राजस्थान को ग्रीन एनर्जी हब बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।





