उद्धव सरकार के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम, गवर्नर फ्लोर टेस्ट कराने का ले सकते हैं फैसला

प्रदीप शर्मा

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना के बागी विधायकों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस पर जवाब दाखिल करने के लिए 12 जुलाई तक का समय दिया है. सूत्रों का कहना है कि वे अब फ्लोर टेस्ट कराने के संवैधानिक प्रावधानों पर वकीलों से परामर्श कर रहे हैं।

इन सब के बीच महाराष्ट्र सरकार के लिए अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी खुद संज्ञान लेते हुए फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला ले सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसकी बीजेपी ने पूरी तैयारी कर ली है. खबर है कि शिंदे की सेना के बिना भी बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर सीधे राज्यपाल से संपर्क नहीं करेगी. संभावना है कि महाराष्ट्र से किसी छोटी पार्टी का कोई सदस्य फ्लोर टेस्ट की मांग के लिए राज्यपाल से संपर्क कर सकता है क्योंकि एमवीए सरकार के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। दूसरा विकल्प ये है कि राज्यपाल स्थिति का स्वत: संज्ञान ले सकते हैं और फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते हैं।

बीजेपी को भरोसा है कि फ्लोर टेस्ट के बाद मौजूदा एमवीए सरकार गिर जाएगी. सूत्रों का कहना है, बीजेपी एकनाथ शिंदे की सेना के साथ गठबंधन में सरकार बनाएगी. बीजेपी ने सभी विधायकों को मुंबई और आसपास के इलाके में रहने को कहा है ताकि फ्लोर टेस्ट के दौरान सभी मौजूद रहें।

बीजेपी दावा कर रही है कि महाविकास अघाड़ी की सरकार अल्पमत में चल रही है. बीजेपी के मुताबिक शिवसेना के पास मात्र 16 विधायक बचे हैं, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. तो वहीं एनसीपी के दो मंत्री नवाब मलिक और अनिल देशमुख जेल में हैं तो ऐसे में एनसीपी के पास 51 का आंकड़ा ही बचता है. इसके अलावा महाविकास अघाड़ी को 2 समाजवादी पार्टी के विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल सकता है. इन सभी नंबरों को जोड़ लिया जाए तो भी बहुमत सिद्ध नहीं होता है।

और इधर ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया. राउत ने इसे साज़िश बताते हुए कहा कि वह 28 जून को केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे ऐसा अनुमान है।

सूत्रों की माने तो दिल्ली में महाराष्ट्र में सरकार के गठन का फ़ॉर्मूला तय हो गया है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के कोटे से 18 कैबिनेट, 10 राज्यमंत्री समेत 28 मंत्री होंगे. वहीं शिंदे कैम्प से 6 कैबिनेट और 6 राज्यमंत्री बनाए जा सकते हैं, शुरुआत में 4 मंत्री पद रिक्त रखे जाएंगे, शिंदे कैम्प को डिप्टी सीएम के साथ भारी भरकम मंत्रालय दिया जाएगा।

दरअसल महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक के बीच महाराष्ट्र में जो सरकार बनाने का फॉर्मूला तय हुआ है उसके अनुसार हर 6 विधायकों पर एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद दिया जा सकता है. हालांकि यह फॉर्मूला कर जगह लागू नहीं होगा. आगे इसमें संशोधन होते रहेंगे. लेकिन जो कुल मिलाकर जो फॉर्मुला तय हुआ है उसमें 6 विधायकों पर एक कैबिनेट राज्यमंत्री देने के स्थिति में निश्चित रूप से सबसे ज्यादा फायदे में बीजेपी रहेगी. क्योंकि बीजेपी के 106 विधायक हैं, जिसके कारण बीजेपी पास 28 मंत्री पद आएंगे।