नहीं रहे पंजाबी के वरिष्ठ साहित्यकार हरदेव सिंह गरेवाल

रावेल पुष्प

कोलकाता : कोलकाता के वरिष्ठ पंजाबी साहित्यकार हरदेव सिंह गरेवाल अपनी उम्र के लगभग 89 साल पूरे कर गुजर गये। गौरतलब है कि वे कोलकाता पंजाबी साहित्य सभा के अध्यक्ष, गुरुद्वारा संत कुटिया के सचिव, खालसा इंग्लिश हाई स्कूल के प्राथमिक सचिव तथा कोलकाता प्रेस क्लब के सदस्य भी थे।वे वर्षों तक पंजाबी दैनिक नवीं प्रभात के संपादक रहे तथा कई महत्वपूर्ण पुस्तकों के प्रणेता भी रहे, जिनमें मुख्य थीं- मैं पंजाब वलुंधर होया, कलकत्ता अते पूरबी भारत दी पंजाबी कविता, पवणा दा संगीत, कोलकाता दे पंजाबी आजादी घुलाटिये तथा हाल ही में प्रकाशित पुस्तक अनमोल रतन शामिल है, जिसमें उन्होंने कोलकाता में स्वाधीनता आंदोलन, साहित्य व्यवसाय, गायन एवं समाज सेवा से जुड़े विभिन्न पंजाबी व्यक्तियों के बारे में खोजपूर्ण सामग्री प्रस्तुत की है। उन्हें पंजाब से बाहर रहकर पंजाबी साहित्य की सेवा के लिए पंजाब सरकार ने शिरोमणि पंजाबी साहित्यकार सम्मान से भी विभूषित किया था।

अपनी बुजुर्गियत के बावजूद आखिरी समय तक वे बिल्कुल सक्रिय रहे और आज उनकी अंतिम यात्रा गुरुद्वारा संत कुटिया से शुरू हुई जो केवड़ातला श्मशान घाट तक गई, जिसमें नगर एवं आसपास के विभिन्न गुरुद्वारों, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा साहित्यकार शामिल हुए उसमें कुछ थे- सर्वश्री गुरदीप सिंह संघा, जगमोहन सिंह गिल, रावेल पुष्प, भूपेंद्र सिंह बशर, बचन सिंह सरल, विमल शर्मा, तेजेंद्र सिंह वालिया, गुरमीत सिंह जानी, सोहन सिंह अतियाणा, बलजीत सिंह, ओंकार सिंह, भूपेंद्र सिंह, गुरबख्श सिंह लोपों,गुरशरण सिंह तथा अन्य।

स्वर्गीय हरदेव सिंह गरेवाल के सुपुत्र कुलमीत सिंह गरेवाल ने बताया की उनके निमित्त अंतिम अरदास (भोग) आगामी 30 सितंबर को गुरुद्वारा संत कुटिया में होगी।