रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर राजस्थान को वर्ष 2025 तक टीबीमुक्त बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ प्रयास सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इसी दिशा में डॉक्टर्स डे के अवसर पर सोमवार से 9 हजार 325 ग्राम पंचायतों में ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान’ का तीसरा चरण शुरू किया गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश को टीबीमुक्त बनाने के लिए चिन्हित ग्राम पंचायतों में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान, सामुदायिक भागीदारी एवं जन जागरूकता बढ़ाने संबंधी विशेष गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में यह अभियान 7 हजार 700 ग्राम पंचायतों में आयोजित किया गया था। इनमें से 622 ग्राम पंचायतों को भारत सरकार द्वारा टीबीमुक्त पंचायत घोषित किया गया है।
श्रीमती सिंह ने बताया कि राजस्थान को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए चिकित्सा विभाग 1 जुलाई से आगामी 31 मार्च तक यह अभियान संचालित कर रहा है। अभियान के दौरान आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता वर्ष में दो बार घर-घर जाकर टीबी के संभावित रोगियों की खोज करेंगी। टीबी से उपचारित हो चुके ‘टीबी चैम्पियन’ उपचाररत रोगियों एवं संभावित रोगियों को जागरूकता गतिविधियों द्वारा टीबी रोग के लक्षण, पूर्ण उपचार एवं उपचार के दौरान नियमितता आदि को लेकर जागरूक करेंगे।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विद्यालयों, ग्राम सभा आदि में ‘टीबी रोग-शपथ’ भी दिलाई जाएगी। जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर क्षय रोगियों को सामुदायिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु ‘नि-क्षय मित्र’ बनाए जायेंगे। नि-क्षय मित्र के रूप में कोई भी व्यक्ति, भामाशाह या जनप्रतिनिधि टीबी रोगियों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार एवं अन्य सहायता उपलब्ध करवाकर सहयोग कर सकता है। वर्ष 2023 में प्राप्त लक्ष्यों को देखते हुए चिकित्सा विभाग द्वारा अगले वर्ष पूरे राज्य में यह अभियान आयोजित किया जाएगा।