महाराष्ट्र में क्यों रुका पड़ा है शिंदे के मंत्रिमंडल का विस्तार ?

संदीप ठाकुर

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के दो सप्ताह बाद भी एकनाथ शिंदे के
मंत्रिमंडल का विस्तार रुका पड़ा है,क्यों ? खुलासा आगे हाेगा। लेकिन
पहले विस्तार हुआ ताे कैबिनेट का साइज क्या होगा ? जानकार बताते हैं कि
अब विस्तार होगा नहीं करना पड़ेगा। लेकिन विस्तार पूरा नहीं बल्कि अघूरा
हाेगा। यानी कैबिनेट का साइज छोटा रखा जाएगा। दो हफ्ते तक विस्तार काे
दाे कारण की आड़ लेकर भाजपा ने रोक रखा था। पहला सुप्रीम कोर्ट की 11
जुलाई की सुनवाई के बहाने विस्तार रोक दिया गया था। जबकि सबको पता था कि
उस सुनवाई में कुछ नहीं होने वाला है। जब उसकी तारीख निकल गई तो
राष्ट्रपति चुनाव के बहाने मंत्रिमंडल का विस्तार टाल दिया गया था । पर
आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने की प्रक्रिया संपन्न हो गई। इसके
साथ ही महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार का रास्ता साफ भी साफ हो गया है।

दरअसल शिंदे और भाजपा ने मंत्रिमंडल का विस्तार रोका हुआ है। मुख्यमंत्री
के शपथ लेने के दो हफ्ते बाद भी सरकार का विस्तार नहीं हाेने की वजह यह
है कि शिंदे और भाजपा दोनों को लग रहा था कि मंत्री नहीं बन पाने वाले
विधायक वापस उद्धव खेमे में लौट सकते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री
शिंदे गुट ने अपने समर्थक सांसदों के जरिए उद्धव ठाकरे पर दबाव बनाया तो
उन्हें एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान करना
पड़ा । यदि वे यशवंत सिन्हा को समर्थन देने की बात करते तो पार्टी के
सांसद टूट सकते थे। उद्धव ने जब मुर्मू को समर्थन दे दिया तो भाजपा ने
मुर्मू को उनके पास समर्थन मांगने जाने से रोक दिया। इसलिए द्रौपदी
मुर्मू मुंबई प्रचार के सिलसिले में जब मुंबई पहुंचीं तो उन्होंने उद्धव
ठाकरे से मुलाकात तक नहीं की और न ही उनके समर्थन के लिए उनको धन्यवाद
कहा। बावजूद इसके उद्धव काे एनडीए की उम्मीदवार काे समर्थन देने की घोषणा
करनी पड़ी।

सूत्र बताते हैं कि अब उद्धव खेमा अपनी इस बेज्जती का जवाब देने का मौका
खोज रहा है। वह मौका मिलेगा एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल विस्तार से।
सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग संपन्न हो गया।
अब ताे मंत्रिमंडल का विस्तार करना ही होगा। पता चला है कि इसका रास्ता
यह निकाला गया है कि शिंदे गुट और भाजपा से थोड़े थोड़े लोगों को फिलहाल
मंत्री बना कर पूर्ण विस्तार को 15 अगस्त तक या बृहन्मुंबई नगर निगम के
चुनाव तक टाल दिया जाए। भाजपा को लग रहा है कि एकनाथ शिंदे के जरिए उद्धव
ठाकरे को शह तो दी जा सकती है लेकिन मात नहीं दी जा सकती है। इसलिए राज
ठाकरे को तैयार किया जा रहा है। देवेंद्र फड़नवीस ने उनसे मिल कर इस बारे
में बात की है। देखना है कि क्या राज ठाकरे काे भाजपा अपना तुरुप का
पत्ता बना पाने में कामयाब हो पाती है ?