कप्तान हरमन सहित इन 18 योद्धाओं पर होगा 2023 हॉकी विश्व कप में भारत का दारोमदार

2023 ओडिशा हॉकी विश्व कप पर खास लेख

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : दुनिया के बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह के सामने शुक्रवार से राउरकेला और भुवनेश्वर में एक साथ शुरू हो रहे 15 वे एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में अपनी कप्तानी में 1975 के चैंपियन भारत को 47 बरस बाद फिर पदक जिताने की चुनौती है। पेनल्टी कार्नर ‘रशर’ अमित रोहिदास टीम के उपकप्तान होंगे। सदाबहार गोलरक्षक पीआर श्रीजेश भारत के लिए यह लगातार चौथा और अपनी धरती पर तीसरा, 2020 के टोक्यो ओलंपिक में देश को चार दशक के बाद कांसा जिताने वाली टीम के कप्तान रहे मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, आकाशदीप सिंह, ललित उपाध्याय का यह लगातार तीसरा और कप्तान हरमनप्रीत सिंह, सुरेन्दर कुमार, हार्दिक सिंह, वरुण कुमार और नीलकांत शर्मा का लगातार दूसरा विश्व कप होगा। चोट के चलते एफआईएच प्रो लीग से बाहर रहे सेंटर हाफ विवेक सागर प्रसाद, जर्मनप्रीत सिंह,नीलम संजीप खेस, शमशेर सिंह, अभिषेक और सुखजीत सिंह का यह पहला विश्व हॉकी कप होगा।

भारत विश्व कप में अपने अभियान का आगाज पूल डी में स्पेन के खिलाफ राउरकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम में 13 जनवरी को पहले मैच से करेगा और 15 जनवरी को इसी मैदान पर इंग्लैंड से खेलेगा भारत की टीम अपना अंतिम पूल मैच खेलने के लिए 19 जनवरी को भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम जाएगी।भारत लगातार दूसरी और कुल चौथी बार पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी कर रहा है। भारत ने बार्सीलोना में पहले विश्व कप में अजित पाल सिंह की अगुआई में कांसा, 1973 में एम्सटर्डम में दूसरे विश्व कप में रजत और 1975 में क्वालालंपुर में तीसरे विश्व कप में दद्दा ध्यानचंद के सुपुत्र अशोक कुमार सिंह के पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में निर्णायक गोल से स्वर्ण पदक जीत चैंंपियन बनने का गौरव पाया। आपका परिचय कराते हैं भारत के उन 18 ‘योद्धाओÓं से कराते हैं जिन पर भारत की नैया किनारे लगा कर ओडिशा हॉकी ब विश्व कप में पदक जिताने का दारोमदार रहेगा।

गोलरक्षक पीआर श्रीजेश : किले की सबसे मजबूत दीवार
उम्र 34 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 274
किले की सबसे मजबूत दीवार और सबसे उम्रदराज गोलरक्षक पीआर श्रीजेश भारत के लिए अपना लगातार चौथा और अपने घर में तीसरा हॉकी विश्व कप खेलेंगे। 2021-22 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजे जाने जाने वाले और लगातार दो बार 2021 और 2022 में एफआईएच के साल के सर्वश्रेष्ठ हॉकी गोलरक्षक रहे श्रीजेश देश के उस दक्षिणी अंचल से आते हैं जिसने देश को आईएम विजयन जैसे धुरंधर फुटबॉलर दिए। श्रीजेश ने आठ बार के ओलंपिक चैंपियन भारत को टोक्यो ओलंपिक में 41 बरस बाद जर्मनी पर 5-4 से जिताने के साथ कांसे के रूप के रूप में पदक जिता अपनी अलग पहचान बनाई। श्रीजेश ने 2010 में नई दिल्ली में हॉकी विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ भारत को मैच जिताने के बाद ,2014 में हेग में और 2018 में भुवनेश्वर मे लगातार तीन संस्करणों में शिरकत की। श्रीजेश 2014, 2018, 2022 में लगातार तीन राष्टï्रमंडल खेलों में तथा लगातार तीन -2012 लंदन, 2016 रियो और 2020 टोक्यो ओलंपिक में खेले। टोक्यो ओलंपिक में भारत को कांसा दिलाने में अहम भूमिका निभाने के बाद अब श्रीजेश का सपना 1975 के चैंपियन भारत को अपने घर में हॉकी विश्व कप में पदक दिलाना है।

‘हमारे लिए तकदीर बदलने का एक और मौका’
किसी भी खिलाड़ी हर विश्व कप खास होता है। भारत के लिए लगातार चौथा, अपने घर में तीसरा और ओडिशा में लगातार दूसरा हॉकी विश्व कप खेलना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है। हम 2018 में भुवनेश्वर हॉकी विश्व कप में सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाए थे। अब 2023 का ओडिशा हॉकी विश्व कप में हमारे लिए तकदीर बदलने का एक और मौका है।हम अपने अभियान का आगाज राउरकेला में कर नया इतिहास बनाएंगे। उम्मीद है कि हम बेहतर कर 2023 में हॉकी विश्व कप में शीर्ष पर रहेंगे।

-पीआर श्रीजेश

मध्यपंक्ति की मजबूत कड़ी :मनप्रीत सिंंह
उम्र 30 बरस। भारत के लिए अतर्राष्टï्रीय हॉकी मैच : 314। गोल : 24
भारत की मध्यपंक्ति की मजबूत कड़ी हैं मनप्रीत सिंह। मनप्रीत पंजाब के उसी मीठा पुर से आते हंै जिसने भारत को ओलंपियन परगट सिंह जैसा दुनिया का बेहतरीन फुलबैक व कप्तान दिया। अपनी प्रेरणादाई कप्तानी में आठ बार के ओलंपिक चैंपियन भारत को 2020 के टोक्यो ओलंपिक में 41 बरस बाद कांसे के रूप में पहला पदक जिता कर मनप्रीत अपने आदर्श परगट सिंह से दो कदम आगे निकल गए। मनप्रीत भारत के लिए पिछले लगातार तीन ओलंपिक में खेले और अब भारत के लगातार तीसरा विश्व कप खेलने जा रहे हैं और मौजूदा भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा 314 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। मनप्रीत भी भारत के लिए श्रीजेश की तरह लगातार 2014, 2018 और 2022 -तीन राष्टï्रमंडल खेलों, 2018 एशियाई खेलो में कांसा और ब्रेडा में अंतिम चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे। 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजे जाने वालें मनप्रीत की कप्तानी में भारत 2018 में भुवनेश्वर में पिछले हॉकी विश्व कप के विवादास्पद क्वॉर्टर फाइनल में अंतत: उपविजेता बनी नीदरलैंड से 1-2 से हार गया था।

इतिहास बनाने का एक और मौका’
‘हॉकी विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में अपने घर में भारत की नुमाइंदगी करने से बड़ा और कोई सम्मान नहीं। पिछले विश्व कप हम भुवनेश्वर में बहुत करीब से इतिहास बनाने से चूक गए थे। हमने बहुत मेहनत की है। हमें उम्मीद है अपनी हाल ही कामयाबी के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए इस बार विश्व कप में इतिहास बनाने में कामयाब होंगे।

-मनप्रीत सिंह

आक्रमण व रक्षण की कड़ी :आकाशदीप सिंंह
उम्र 28 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 219। गोल : 85
अब ‘लिंकमैन’ के रूप में आकाशदीप सिंह पर इस बार ओडिशा हॉकी विश्व कप में भारत की चुनौती बहुत आगे ले जाने की जिम्मेदारी होगी। भारत की मौजूदा टीम में आकाशदीप(85गोल) सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय गोल करने में तीसरे नंबर पर हैं। आकाशदीप को बेशक यह मलाल ताउम्र रहेगा कि चीफ कोच ग्राहम रीड द्वारा नजरअंदाज किए जाने से वह चार दशक के बाद टोक्यो ओलंपिक में कांसा जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए। आकाशदीप बेशक लिंकमैन के रूप में खेलेंगे लेकिन अग्रिम पंक्ति मनदीप, ललित उपाध्याय और अभिषेक के लिए आगे गोल के लिए गेंद बढ़ाने की जिम्मेदारी उन पर रहेगी।

आकाशदीप ने भुवनेश्वर में 2018 के विश्व कप में सिमरनजीत सिंह के मिल कर जैसा शानदार खेल दिखाया उससे भी बेहतर खेल की आस भारत मौजूदा विश्व कप में करेगा। 2012 की चैंपियंस ट्रॉफी से भारत के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज करने के बाद उन्होंने 2014 में सरदार सिंह की अगुआई में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई। वह 2014 और 2022 के राष्टï्रमडल खेलों में रजत पदक जीतने टीम के सदस्य रहे। भारत के लिए 2014 में हेग, 2018 में भुवनेश्वर विश्व कप में खेलने बाद के वह लगातार तीसरी बार इसमें खेलेंगे।

‘विश्व कप में पदक जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे’
‘बतौरसीनियर खिलाड़ी मेरी यह जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि हमारी टीम के नौजवान खिलाड़ी जल्द से जल्द मैदान में मैच में खुद को स्थिति के मुताबिक ढाले। तैयारियां बढिय़ा रही हैं। हम हॉकी विश्व कप में पदक जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।’

-आकाशदीप सिंह

ड्रैग फ्लिकर लाजवाब: हरमनप्रीत सिंह
उम्र 26बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 164। गोल : 126
1975 के चैंपियन भारत को अपने घर में ओडिशा 2023 हॉकी विश्व कप में पदक जिताने में दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रैग फ्लिकर में से एक कप्तान हरमनप्रीत सिंह का रोल सबसे अहम रहने वाला है। भारत के लिए 164 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में हरमनप्रीत के कुल सबसे ज्यादा126 गोल खुद इसकी गवाही देते हैं। पेनल्टी कॉर्नर पर अचूक निशाना साध ड्रैग फ्लिक से गोल कर हरमनप्रीत सिंह ने भारत 2020 के टोक्यो ओलंपिक में जिस तरह अहम भूमिका निभाई अब उनसे वैसी ही भूमिका टीम 2023 के हॉकी विश्व कप में निभाने की कर रही है। 2016 में लखनउ में जूनियर हॉकी विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के अहम सदस्य रहे हरमनप्रीत को बचपन में बहुत कम उम्र में अपने खेत में ट्रैक्टर का गियर बदलना ड्रैग फ्लिक लगाने में दक्षता हासिल करने में बहुत काम आया। 2020-21 एफआईएच प्रो लीग में ड्रैग फ्लिक से सबसे ज्यादा 18 गोल कर भारत को तीसरा स्थान दिलाने में हरमनप्रीत ने अहम रोल निभाया। वह 2018 में चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का अहम हिस्सा रहे और अब वह ओडिशा में लगातार दूसरा हॉकी विश्व कप खेलेंगे। हरमनप्रीत सिंह के ड्रैग फ्लिक पर निशाने सधे रहे तो भारत 47 बरस बाद अब अपने घर में जरूर विश्व कप में पदक जीतेगा।

‘अब वक्त विश्व कप में पदक जीतने का है’
‘हॉकी विश्व कप जैसे बड़े मंच पर भारत की कप्तानी करना मेरे लिए गर्व की बात है। हम घर में अपने प्रशंसकों के सामने विश्व कप में खेलने को बेताब है। हमारा हर खिलाड़ी इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने को बेताब है। हमने बीते कुछ बरसों में बढिय़ा प्रदर्शन किया है। हमने 2020 में टोक्यो ओलंपिक में कांसा और 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता। अब वक्त विश्व कप में पदक जीतने का है।

-हरमनप्रीत सिंह, कप्तान

मनदीप सिंह : जानते हैं गोल करने की कला
उम्र 27 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 194। गोल : 96
पतले-दुबले छरहरे 27 बरस के मनदीप सिंह का दुनिया की किसी भी रक्षापंक्ति को उसकी डी में पहुंच छका कर गोल करने में जवाब नही है। उनकी कदकाठी और गोल करने की क्षमता भारत के सर्वकालीन स्ट्राइकर मोहम्मद शाहिद के साथी रहे मोहम्मद नईम की बरबस याद दिलाती है। भारत की टोक्यो ओलंपिक में कांसा जीतने वाली टीम के अहम सदस्य रहे मनदीप सिंह भारत की मौजूदा टीम में मनप्रीत सिंह और वरुण कुमार सहित उन तीन खिलाडिय़ों में से एक है जो ओलंपियन परगट सिंह के गांव मीठापुर से हैं। ये तीनों ही भारतीय टीम की जान है और मौजूदा टीम में सबसे 96 अंतर्राष्ट्रीय गोल कर गोल दागने में दूसरे नंबर पर हैं।एक दिलचस्प बात यह है कि वह भारत को 2016 में लखनउ में जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप जिताने से पहले 2014 में हेग में सीनियर विश्व कप में खेल चुके थे। वह 2018 में राष्टï्रमंडल खेलों, और इसी साल ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी में रजत जीतने वाली तथा भुवनेश्वर में विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में नीदरलैंड से 1-2 से हारने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे। वह हाल ही में बर्मिंघम 2022 राष्टï्रमंडल खेलों में रजत तथा 2021-22 एफआईएच प्रो लीग में तीसरे स्थान पर रहने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे। मनदीप भी लगातार तीसरा हॉकी विश्व कप खेलेंगे।

‘फोकस बढिय़ा हॉकी खेलने और योजना को अमली जामा पहनाने पर’
‘मैं भारत की हॉकी विश्व कप टीम का हिस्सा बन फख्र महसूस कर रहा हूं। हम जानते हैं हम जानते हैं हमारा लक्ष्य क्या है और इसके लिए हम एक समय एक मैच की बाबत ही सोचेंगे। हमारा फोकस बढिय़ा हॉकी खेलने और योजना को अमली जामा पहनाने पर है। हम इस विश्व कप में पदक जीतने के लिए शिद्दत से अपना सर्वश्रेष्ठï खेलेंगे।’

-मनदीप सिंह

ललित उपाध्याय: लाजवाब है कलाकारी
उम्र 29 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 133। गोल : 31
स्ट्राइकर ललित उपाध्याय बाबा भोले नाथ की उसी वाराणसी नगरी से आते हैं जिसने भारत को मोहम्मद शाहिद जैसा बेहतरीन हॉकी कलाकार और विवेक सिंह जैसा सेंटर हाफ दिया ललित उपाध्याय महरूम शाहिद की हॉकी की कलाकारी को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। एक बनाम एक और पेनल्टी शूटआउट में ललित उपाध्याय अपनी हॉकी की कलाकारी के कारण 2023 विश्व कप में भारत की तुरुप के इक्के साबित होने वाले हैं। 2020 में टोक्यो ओलंपिक में और हेग में 2014 में पही बार विश्व कप खेलने वाले ललित उपाध्याय लगातार तीसरा विश्व कप खेलेंगे। वह भारत की 2018 के एशियाई खेलों में कांसा तथा 2022 में बर्मिघम में राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम के सदस्य है।

‘ध्यान अपने मकसद पर लगाना होगा’
‘मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मुझे देश की इसमें नुमाइंदगी करने का मौका मिल रहा है। हम पिछले कई बरस से अच्छी हॉकी खेल रहे हैं। इस बार विश्व कप में हमारे पास पदक जीतने का बढिय़ा मौका है और इसके लिए हमें कदम ब कदम आगे बढ़ ध्यान अपने मकसद पर लगाना होगा।

-ललित उपाध्याय

दुनिया के सबसे तेज रशर: अमित रोहिदास
उम्र 29 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 131। गोल : 19
अमित रोहिदास ने खुद को ओडिशा के अपने ही गांव सोउनामरा(सुंदर गढ़) की देश को मुस्तैद फुलबैक देने की भारत के लिए तीन ओलंपिक, तीन विश्व कप और तीन एशियाई खेल सहित सबसे ज्यादा 412 अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच वाले हॉकी इंडिया के मौजूदा अध्यक्ष दिलीप टिर्की का सही वारिस साबित किया है। अमित रोहिदास की गिनती पेनल्टी कॉर्नर पर गोली की रफ्तार से आते ड्रैग फ्लिक को उसी तेजी से रोकने वाले भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे तेज ‘रशर’ में होती है। साथ ही पेनल्टी कॉर्नर पर खुद ड्रैग फ्लिक से गोल करने भी अमित को खूब आता है। ईसाई बहुल आदिवासी गांव में एक छोटी दुकान चलाने वाले के बेटे अमित रोहिदास नेे दिलीप टिर्की को खेलते देख कर हॉकी थामी ही नहीं बल्कि अब वह अपने प्रदेश में भारत के लिए लगातार दूसरा हॉकी विश्व कप खेलने जा रहे हैं। 2013 में पहली बार भारत की जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में नुमाइंदगी करने के बाद 2014 में सीनियर वर्ग में पुरुष विश्व लीग फाइनल में भारत के लिए खेलने के बाद वह भीड़ में खो से गए लेकिन 2017 में हॉकी इंडिया लीग में दमदार प्रदर्शन सेे सीनियर भारतीय टीम में फिर वापसी की। भारत को 2020 में टोक्यो ओलंपिक में कांसा जिताने, 2021-22 में एफआईएच प्रो लीग में तीसरे स्थान तथा 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जिताने में अहम भूमिका निभाने पर अमित रोहिदास को 2023 हॉकी विश्व कप में भारत की उपकप्तानी सौंपी गई हैे।

‘लगातार दूसरे विश्व कप में खेलने को लेकर रोमांचित’
‘मैं भारत के लिए लगातार दूसरे विश्व कप में खेलने को लेकर रोमांचित तो हूं कुछ नर्वस भी हूं। मैं अपने घरेलू मैदान पर लगातार दूसरा विश्व कप खेलूंगा। यह खास अहसास है औरं इस मौके को भुनाने के लिए सब कुछ झोंक दूंगा।

-अमित रोहिदास, उपकप्तान

ड्रैग फ्लिकर के रूप में वरुण देते हैं विकल्प
उम्र 27 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 118। गोल : 29
वरुण कुमार भारत की म$ौजूदा हॉकी टीम में मीठापुर से आने वाले मनप्रीत और मनदीप सिंह के साथ तीसरे अहम खिलाड़ी हैं। भारत के लिए लगातार दूसरा विश्व कप खेलने जा रहे 2016 में जूनियर हॉकी विश्व कप जीतने वाली टीम में हरमनप्रीत सिंह के साथ सुर्खियों आए में आए वरुण कुमार को बतौर ड्रैग फ्लिकर बहुत विकल्प देते हैं। बस ड्राइवर के बेटे वरुण 2017 में बेल्जियम दौरे से भारतीय सीनियर टीम में जगह बनाने के बाउ 2018 में ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी में रजत, एशियाई खेलों में कांसा और 2018में भुवनेश्वर में विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में स्थान बनाने वाली टीम का अहम हिस्सा रहे। रिजर्व खिलाडिय़ों के रूप में शामिल होने के बाद 2020 के टोक्यो ओलंपिक में सिमरनजीत के साथ मौका मिलने पर सही वक्त पर गोल कर भारत को कांसा जिताने के बाद बीते बरस बर्मिंघम राष्टï्रमंडल में रजत जिताने में अपनी चमक दिखाई। बस वरुण को ध्यान रखना होगा कि वह मैदान पर बेवजह कार्ड ले बाहर होने की गलती से बचे।

विश्व कप के रूप में मिली चुनौती और मौके को भुनाने को बेताब
‘मैं खुशकिस्मत हूं कि भारतीय टीम प्रबंधन ने मुझ पर भरोसा कर मुझे लगातार दूसरे बार हॉकी विश्व कप के लिए चुना। मैं विश्व कप के रूप में मिली चुनौती और मौके को भुनाने को बेताब हूं।’

-वरुण कुमार

सुरेन्दर कुमार : रक्षापंक्ति का आधार
उम्र 29 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 172। गोल : 4
लंबे कद के सुरेन्दर कुमार हरियाणा के करनाल के करीब छोटे से गांव से आते हैं। 2013 में भारत की जूनियर हॉकी विश्व कप में अपनी चमक दिखाने के एक बरस के भीतर ही एशियन चैंपियंस ट्रॉफी से सीनियर टीम में जगह बनाने के साथ टीम की रक्षापंक्ति का आधार बन गए सुरेन्दर कुमार। हॉकी इंडिया लीग में दिल्ली वेवराइडर्स के लिए खेलते हुए भारत के रणनीतिक रूप से चतुर कोच माने जाने वाले सैड्रिक डिसूजा के मार्गदर्शन में न्यूजीलैंड के साइमन चाइल्ड के साथ खेल अपना खेल खूब निखारा और 2016 में रियो ओलंपिक में भारत की टीम में खेले। 2018 में भारत के लिए भुवनेश्वर में पहला हॉकी विश्व कप खेला और और जकार्ता में एशियाई खेलों में कांसा जीतने वाली टीम के अहम फुलबैक रहे। सुरेन्दर कुमार सफाई से प्रतिद्वंद्वी फॉरवर्ड से गेंद छीन कर जवाबी हमले बनाने में लाजवाब है। अपना लगातार दूसरा विश्व कप खेलने जा रहे सुरेन्दर 2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांसा और 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम की रक्षापंक्ति की रीढ़ रहे।

‘फोकस बढिय़ा खेल को जारी रखे पर’
‘भारत की हॉकी विश्व कप टीम का हिस्सा बनना एक खास अहसास है। हमने बीते दो बरस से बतौर टीम बढिय़ा प्रदर्शन किया। हमारा फोकस बढिय़ा खेल को जारी रखे पर है। हम अपने घर में लगातार दूसरा विश्व कप खेलने औरं जीतने को बेताब हैं।

-सुरेन्दर कुमार

जर्मनप्रीत सिंह : निरंतर बेहतर
उम्र 26 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 50। गोल : 6
जर्मनप्रीत देश के सरहदी सूबे पंजाब के अमृतसर के करीबी गांव से आते हैं। फिलहाल रेलवे में कार्यरत जर्मनप्रीत सिंह ने जूनियर स्तर पर निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर 2018 में ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी से भारत की सीनियर टीम के लिए आगाज कर उसे रजत पदक जिता बतौर फुलबैक छाप छोड़ी। मौका मिलने पर जर्मनप्रीत आगे बढ़ कर खुद मैदानी गोल करने के साथ ड्रैग फ्लिक और लौटती गेंद को गोल डालना खूब जानते हैं। वह भारत की 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत जीतने वाली टीम का अहम हिस्सा रहे।

‘विश्व कप टीम में चुना जाना सपने का सच होना’
‘हॉकी में विश्व कप सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। मेेरे लिए हॉकी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना जाना सपने का सच होने का सा है। हमने टीम के रूप में बढिय़ा तैयारी की है और इसमें भारत को विश्व कप में पदक जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

-जर्मनप्रीत सिंह

कृष्ण बहादुर पाठक: जीवट के धनी
उम्र 25 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 80।
कृष्ण बहादुर पाठक का परिवार 1990 में रोजी रोटी की तलाश में पड़ोसी देश नेपाल से आकर कपूरथला(पंजाब) में बस गया। कृष्ण बहादुर पाठक खुद खेल में रूचि नहीं थी लेकिन पिता टेक बहादुर चाहते थे कि बेटा हॉकी खेले और उन्हें सुरजीत हॉकी में भर्ती करा दिया। बस इसके बाद तो हॉकी उन्हें आने रास लगी। अब नेपाली की बजाय पंजाब के किसी भी खिलाड़ी से बेहतर पंजाबी बोलते हैं। भारत की 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने वाली टीम में विकास दहिया के बाद वह दूसरे गोलरक्षक थे। जीवट के धनी कृष्ण बहादुर पाठक ने सदाबहार पीआर श्रीजेश के साथ मिलकर बराबर अपने गोलरक्षण को सुधार कर उनका सही वारिस साबित किया। पाठक 2018 के भुवनेश्वर विश्व कप और 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भी भारत के रिजर्व गोलरक्षक रहे। भारत अपना अभियान 2023 विश्व कप में स्पेन के खिलाफ करेगा। स्पेन के खिलाफ हाल ही में एफआईएच प्रो लीग में शूटआउट में बेहतरीन बचाव जीत दिलाने में अहम रोल निभाया। वह भारत की एफाआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरा और बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों की रजत पदक जीतने वाली टीम के गोलरक्षक रहे।

‘हर हाल में सर्वश्रेष्ठ देने को बेताब’
‘मैं भारत के लिए हॉकी विश्व कप के लिए हर हाल में सर्वश्रेष्ठ देने को बेताब हूं।-पाठक

हार्दिक सिंह: मेहनत रंग लाई
उम्र 26 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 84। गोल : 6
हार्दिक सिंह को हॉकी भले ही विरासत में मिली लेकिन भारत की सीनियर हॉकी टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें खुद को कुंदन की तरह कसौटी पर घिसा। भारत की जूनियर टीम में न चुने जाने पर गुरमैल सिंह जैसे ओलंपियन और भारत में ड्रैग फ्लिकर के रूप में सबसे पहले पहचान बनाने वाले अपने चाचा जुगराज सिंह की धैर्य धरने की सलाह पर अमल करने का फल उन्हें आखिरकार मिल2018 में एशियन चैंपियंस जिताने में बतौर रक्षापंक्ति सेंटर हाफ अहम रोल निभाने के बाद उन्हें 2018के भुवनेश्वर हॉकी विश्व कप में देश की नुमाइंदगी का मौका मिला। हार्दिक ने इसके बाद भी निरंतर मेहनत जारी रखी और 2020 के टोक्यो ओलंपिक में दो गोल कर भारत को कांसा जिताने के साथ बीते बरस एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरा स्थान और 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जिताने के साथ टीम के नियमित सदस्य बन गए। भारत के लिए लगातार दूसरा विश्व कप खेलने जा रहे हार्दिक पर भारत की मध्यपंक्ति का दारोमदार रहेगा।

‘विश्व कप की चुनौती के लिए बेहतर तैयार’
‘भारत के लिए मेरा यह लगातार दूसरा हॉकी विश्व कप होगा। जब मैंने पहला विश्व कप खेला तब मैं बहुत युवा था। इस बार विश्व कप की चुनौती के लिए मैं बेहतर ढंग से योगदान को तैयार हूं। हमारी टीम ने बहुत मेहनत की है। हॉकी विश्व कप में पदक जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेेंगे।

– हार्दिक सिंह

शमशेर सिंह : मैदान पर शेर
उम्र 25 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 47। गोल : 10
शमशेर सिंह ने पंजाब के बेहद गरीब से आकर मैदान पर लिंकमैन के रूप में शेर दिल प्रदर्शन कर भारत की सीनियर हॉकी टीम में अपनी नियमित जगह बनाई है। 2019 में टोक्यो टेस्ट इंवेंट से सीनियर भारतीय टीम में आगाज करने के बाद जब आकाशदीप सिंह जैसे सदाबहार स्ट्राइकर को बाहर रख कर शमशेर सिंह को 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में चुना गया तो तब चीफ कोच सभी आलोचकों के निशाने पर आ गए थे। रीड शमशेर की मॉडर्न हॉकी की जरूरत के मुताबिक ऑफ द बॉल रनिंग के कायल थे। शमशेर ने रीड की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए भारत को2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांसा, एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरा स्थान और 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत जिता पहली बार 2023 के विश्व कप की टीम में पक्की जगह बनाई।

‘भारत को विश्व कप में पदक जिताने में कसर नहीं छोड़ूंगा’
‘मै खुशकिस्मत हूं कि मुझे हॉकी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया। मैं भारतीय टीम को विश्व कप में पदक जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।

-शमशेर सिंह

विवेक सागर प्रसाद: ‘विवेक’ लाजवाब
उम्र 22 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 90। गोल : 16
दद्दा ध्यानचंद की हॉकी विरासत को आगे बढ़ाने वाले भारत की 1975 हॉकी विश्व कप की जीत के हीरो अशोक कुमार सिंह के मध्य प्रदेश हॉकी अकेडमी में शिष्य रहे विवेक सागर प्रसाद का बतौर सेंटर हाफ अपने नाम के मुताबिक ‘विवेक’ लाजवाब। विवेक अपने भारतीय टीम के साथी स्ट्राइकरों के लिए बहुत चतुराई से गेंद बढ़ाने के साथ अपने छोटे कद का लाभ उठाते हुए प्रतिद्वंद्वी टीम की रक्षापंक्ति को छका गोल कर हर हॉकी उस्ताद चाहे वह हरेन्द्र सिंह हों ग्राहम रीड हर किसी को अपना मुरीद बना लेते हैं। 2023 में अपना लगातार दूसरा विश्व कप खेलने जा रहे विवेक भारत के लिए 17 बरस की उम्र खेल कर सबसे कम उम्र में खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। वह भी मनदीप सिंह की तरह भारत के लिए जूनियर विश्व कप से पहले भुवनेश्वर में 2018 में सीनियर विश्व कप में खेल कर अपनी छाप छोडऩे में कामयाब रहे। विवेक नेजूनियर विश्व कप 2021 में उन्होंने भारत की कप्तानी की और टीम चौथे स्थान पर रही। विवेक भारत की 2018में ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी में रजत,जकार्ता एशियाई खेलों तथा 2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांसा एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरा स्थान और 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जिताने वाली भारतीय टीम के अहम सदस्य रहे।

‘निगाहें विश्व कप मे अभियान रोचक ढंग से शुरू करने पर’
‘लगातार दूसरी बार भारत की हॉकी विश्व कप टीम का सदस्य बनना मेेरे लिए गौरव की बात है। हमारी टीम की निगाहें विश्व कप में अपना अभियान रोचक ढंग से शुरू करने पर लगी हैं।

-विवेक सागर प्रसाद

नीलकांत शर्मा : बराबर आगे, और आगे
उम्र 27 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 91। गोल : 13
नीलकांत शर्मा ने पूर्वोत्तर में मणिपुर की भारतीय हॉकी टीम को कोथाजीत सिंह और चिंगलसाना सिंह जैसे की हॉकी आक्रामक मिडफील्डर की परंपरा को आगे बढ़ाया। 2016 में भारत को लखनउ में जूनियर विश्व कप जिता कर नीलकांत सुर्खियों में आए। 2018 में भुवनेश्वर में पहली बार सीनियर हॉकी विश्व कप में खेले2021 में अर्जुन अवार्ड से नवाजे जा चुके नीलकांत छोर बदल कर हमला बोले दुनिया की किसी भी रक्षापंक्ति को छकाने में सक्षम। भारत को 2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांसा, एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरा स्थान और 2022 में बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जिताने में कौशल दिखाया।

‘पूरी भारतीय टीम सहित सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेताब’
‘विश्व कप हॉकी में सबसे बड़ा मंच है और मैं लगातार दूसरी बार इसमें भारतीय टीम का हिस्सा बन रोमांचित हूं। मैं पूरी भारतीय टीम सहित इसमें सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन कर देश का गौरव बढ़ाने को बेताब हूं।’

-नीलकांत शर्मा

अभिषेक : स्ट्राइकर हैं विशेष
उम्र 23 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 28। गोल : 11
लंबे कद के मजबूत कदकाठी के पहली बार हॉकी विश्व कप में शिरकत करने जा रहे अभिषेक अपनी धार व रफ्तार और कलाकारी के कारण विशेष स्ट्राइकर हैं। उनमें दुनिया की मजबूत से मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने की क्षमता है।उन्हें खुद गोल करने के साथ पेनल्टी कॉर्नर बनाना भी खूब आता है। 2021-22 में एफआईएच प्रो हॉकी से सीनियर टीम में जगह बनाई। वह भारत की एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2021-22 में तीसरे व बीते बरस बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में उपविजेता रही टीम का अहम हिस्सा रहे। अभिषेक भारत को इस बार हॉकी विश्व कप मे पदक जिताने वही भूमिका निभा सकते हैं जो कि टोक्यो ओलंपिक में बतौर स्ट्राइकर फिलहाल चोट से उबरने में जुटे सिमरनजीत ने निभाई थी।

‘लक्ष्य भारत को हॉकी विश्व जिताना’
‘भारत की हॉकी विश्व कप टीम में जगह बनाना वाकई मेरे जीवन की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। अब मेरा लक्ष्य भारत को हॉकी विश्व कप जिताने में मदद करना है। विश्व कप में खेलने को लेकर बहुत रोमाचित हूं लेकिन कुछ बैचेनी भी है।

-अभिषेक

सुखजीत सिंह: मौके भुना बने दिलजीत
उम्र 26 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 26। गोल :4
पंजाब के नौजवान स्ट्राइकर सुखजीत सिंह ने मौकों भुना की अपनी क्षमता से चीफ कोच ग्राहम रीड को खासा प्रभावित कर अनुभवी दो लंबी स्ट्राइकर-गुरजंट सिंह और दिलप्रीत सिंह को पीछे छोड़ 2023 के हॉकी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह पाई। सुखजीत पर खुद रीड और भारत की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती होगी। वह भारत के लिए एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में खेल चुके है। बड़ा सवाल यह रहेगा कि पंजाब सिंध बैंक, पंजाब पुलिस, इंडियन ऑयल के खेलने के बाद अब पंजाब नैशनल बैंक में स्थायी नौकरी पाने वाले सुखजीत भारत और चीफ कोच रीड की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेंगे।

‘भारत को विश्व कप में पदक जिताने की चुनौती’
‘मेहनत और जीवट रंग लाया मैं हॉकी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया। मेरे सामने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर भारत को विश्व कप में पदक जिताने की चुनौती है।

– सुखजीत

नीलम संजीप खेस: चुनौती बड़ी
उम्र 24 बरस। भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच : 34। गोल :5
ओडिशा के आदिवासी अंचल सुंदरगढ़ के कडुआबहल गांव से आकर जूनियर हॉकी से पहचान बना सीनियर भारतीय टीम में जगह बनाने वाले नीलम संजीप खेस अच्छे फुलबैक हैं। लेकिन उनके चयन पर अभी भी बड़ा सवाल यही है कि क्या वह किले की चौकसी के साथ बतौर ड्रैग फ्लिकर वह विकल्प देंगे जो फिलहाल रिजर्व खिलाडिय़ों में शामिल हैं। नीलम भारत की एफआई प्रो लीग 2021-22 में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम तथा ऑस्ट्रेलिया में उसके खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज में जैसी मजबूती दिखाई वैसी विश्व कप मे दिखानी होगी।

‘विश्व कप की चुनौती से वाकिफ’
‘मेरे लिए अपने घर में भारत की हॉकी विश्व कप में नुमाइंदगी करना सपने का सा है। मैं विश्व कप की चुनौती से वाकिफ हूं और इसमें टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठï करने को बेताब हूं।

-नीलम संजीप खेस