सीबीआई ने 50 लाख रुपए रिश्वत लेते रेलवे मैनेजर को गिरफ्तार किया

इंद्र वशिष्ठ

सीबीआई ने 50 लाख रुपए की घूसखोरी में एडिशनल डिवीजनल रेलवे मैनेजर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में ठेकेदार और हवाला कारोबारी भी शामिल है. सीबीआई ने अभियुक्तों के ठिकानों की तलाशी के दौरान 47 लाख रुपए भी बरामद किए है. सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि 50 लाख रुपए की घूसखोरी में एडीआरएम गुवाहाटी जितेंद्र पाल (आईआरएसई-1997), ठेकेदार, हवाला संचालक, रिश्वत देने वाले व्यक्ति आदि सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम जितेंद्र पाल सिंह एडीआरएम, ठेकेदार श्यामल कुमार देब (पैसे का इंतजाम करने वाला), हरी ओम( एडीआरएम का परिचित), योगेन्द्र कुमार (हरी ओम का ड्राइवर), विनोद कुमार सिंघल उर्फ मुकेश हवाला कारोबारी, संजीत रे और दिलावर खान (हवाला कारोबारी के खंजाची) हैं.

सीबीआई ने एडीआरएम, गुवाहाटी जितेंद्र पाल एवं ठेकेदारों आदि सहित अन्य निजी व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।
आरोप है कि आरोपी एडीआरएम जितेंद्र पाल ने निजी ठेकेदारों को ठेका करार/एग्रीमेंट देने, माप पुस्तिका तैयार करने, चालू खाता के बिलों पर कार्यवाही करने, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में जारी निर्माण कार्य हेतु लंबित बिलों के भुगतान को जल्द जारी करने के साथ-साथ सिक्योरिटी डिपॉजिट एवं बैंक गारंटी को जल्द जारी करने के लिए अनुचित पक्षपात करने के इरादे से ठेकेदारों के साथ मिलकर षड़यंत्र किया।

आरोप है कि एडीआरएम जितेंद्र पाल, मुख्य अभियंता, निर्माण, न्यू जलपाईगुड़ी, एनएफआर के पद पर कार्यरत रहने के दौरान विभिन्न ठेकेदारों से अनुचित लाभ की मांग करने और स्वीकार करने का आदी था। ठेकेदार अपने परिचित के द्वारा हवाला संचालक के माध्यम से दिल्ली में एडीआरएम जितेंद्र पाल को रिश्वत पहुंचाने की सुविधा प्रदान कर रहा था।

सीबीआई ने जाल बिछाया एवं हवाला चैनल के माध्यम से एडीआरएम जितेंद्र पाल के लिए 50 लाख रुपए की रिश्वत स्वीकार करने के दौरान उसके एक परिचित को पकड़ा। इसके बाद एडीआरएम और उक्त निजी व्यक्तियों को भी पकड़ा गया। सीबीआई द्वारा दिल्ली, नरोरा, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी , अलीगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर स्थित एडीआरएम और अन्यों के परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें 47 लाख रुपए (लगभग) नकद, लैपटॉप तथा कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। सभी गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।