विनोद तकियावाला
देश की राजधानी में आये दिन भारत के विभिन्न प्रान्तो से लोग अपनी जीवकोपार्जन हेतु आते है। इन में अधिकतर लोग जो अपनी नौकरी – पेशा के लिए वही दिल्ली / एन सी आर में अपने सर पे एक छत का सपना देखता है । खुशनसीब है वे लोग जिन्हे आप घर होने का सपना पूरा हो पाता है, लेकिन कुछ ऐसे लोग है खास मजदुर बर्ग के ऐसे लोग जो अपनी जरूरतो को पुरा करने के लिए देहाड़ी ‘ रेहडी पटरी ‘ घरेलू रूप अपनी सेवा देते है।उन्हे रोटी के लिए तो पारिश्रमिक रूप मे एक रकम मिल जाती है।जिसे अपनी दैनिक जरूरतों की पुर्ति कर लेता है लेकिन दिल्ली जैसे महानगर में सर छुपाने के लिए कुछ खाली जगह पर एक अस्थायी आशियाना बना लेता है। जिसे कई बार स्थानीय निवासियो ‘ पुलिश व प्रसासन का कोपभाजन बनना पड़ता है। ऐसे ही अस्थाई आशियाना को अवैध र्निमाण को दिल्लीवासी की भाषा झुग्गी का नाम जाना जाता है।इस श्रंख्ला में दिल्ली के सटे नोएडा मे नोएडा प्राधिकरण के अरबों रुपए की जमीन पर बनी अवैध रूप से बने झुग्गियों को तोड़ने के लिए ‘मास्टर प्लान’ तैयार किया गया है। सुत्रो के मुताबिक नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने प्राधिकरण के अधिकारीयो के सेत्र एक बैठक की है। इस बैठक में सर्किल-1 और 6 के अधिकारी के अलावा एसीईओ स्तर के अधिकारी शामिल हुए । सीईओ ने निर्देश दिया कि जिन झुग्गी वालों को मकान का आवंटन हो चुका है और जिनकी झुग्गी सील हो चुकी है,10 अप्रैल तक उनको ध्वस्त कर जमीन पर कब्जा लिया जाए।जैसा कि सर्व विदित रहे कि इसके लिए सन 2016 से पहले यहां अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी एनफोर्समेंट विंग की थी लेकिन अभी तक अजाम तक नही पहुँच गया है।क्योकि इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले पर कई लोगो का हाथ है ‘ चाहे वह स्थानीय नेता हो या कोई नामी गिरामी आदमी हो यहाँ पर सभी राजनीतिक दल के समथर्क व झंडे दोनो आप को मिल जाएगा।नोएडा का र्निमाण एक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया था। देखते देखते यहाँ पर मजदुर व मजबुर ने अपना बसेरा बनाया। परिणाम स्वरूप इनमें औद्योगिक सेक्टर- 4, 5, 8, 9 और 10 में अथॉरिटी अपनी ही जमीन नहीं बचा पा रहा।जब तक अथॉरिटी के अफसर कुछ समझते पाते तब तक वहां 20 हजार से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ी बनकर तैयार हो चुकी थी।प्रसासन एक बार फिर जगी तथा इन झुग्गी वासियों को दूसरे स्थान पर बसाकर जमीन को खाली कराए जाने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। नोएडा अथॉरिटी ने एक पुर्नस्थापन योजना निकाली,जिसके तहत इन झुग्गी वासियों को मकान आवंटित किए. लैकिन झुग्गीवासी यहां से जाने को तैयार नहीं हैं।इन चारों सेक्टरों में महज कुछ झुग्गी वाले ही यहां से अपने मकान में शिफ्ट हुए ।कुछ ने तो फ्लैट भी ले लिया और झुग्गी भी नहीं खाली कर रहेIऐसे लोगो को यहाँ से खाली कराकर उनकी झुग्गी को तोड़ने की बात कही गई है।इसकी पटकथा की नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने लिखी तथा इसके लिए एक बैठक सर्किल-1 और 6 के अधिकारी के अलावा एसीईओ स्तर के अधिकारी शामिल हुए. सीईओ ने निर्देश दिया कि जिन झुग्गी वालों को मकान का आवंटन हो चुका है और जिनकी झुग्गी सील हो चुकी है,10 अप्रैल तक उनको ध्वस्त कर जमीन पर कब्जा लिया जाए।जो झुग्गी वाले आवंटन के बाद भी मकान पर कब्जा नहीं ले रहे और झुग्गी खाली नहीं कर रहे, ऐसे आवंटियों का आवंटन एक सप्ताह में निरस्त किया जाए. यही नहीं जिन्होंने कब्जा लेने के बाद किस्तों का भुगतान नहीं जमा किया है, उनको नोटिस जारी किया जाए. वहीं सेक्टर-122 में बने इन मकानों में टूट फूट की मरम्मत के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
2016 से पहले यहां अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी एनफोर्समेंट विंग की थी।जिसके असफल रहने पर 2016 में इस विंग को भंग करी दिया गया था. साथ ही इसकी जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण ने सर्किल को दे दी थी, लेकिन अब भी कुछ ही झुग्गियों को हटाया जा सका है । जिसका ब्योरा निम्न प्रकार है।सेक्टर-4 में 140 झुग्गी वालों को फ्लैट दिए गए करीब 301.05 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई, 27 झुग्गी तोड़ी गई ।सेक्टर-5 में 19 झुग्गी झोपड़ी वालों में फ्लैट दिए गए 55.75 वर्गमीटर जमीन खाली कराई, 5 झुग्गी ध्वस्त की गई ।सेक्टर-8 में 760 झुग्गी झोपड़ी वालों को फ्लैट दिए गए ।आपको बता दे कि प्रसासन द्वारा 32 इग्गी को ध्वस्त कर356.80 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई है।
सेक्टर-9 में 471 झुग्गी झोपड़ी वालों को फ्लैट दिए गए, 256.45 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई, 23 झुग्गी ध्वस्त की गई ।सेक्टर-10 में 179 झुग्गी झोपड़ी वालों को फ्लैट दिए गए, 390.25 वर्गमीटी जमीन खाली कराई गई, 35 झुग्गी तोड़ी गई,लेकिनअभी सेक्टर-5 में 534 सेक्टर-8 में 5586 सेक्टर-9 में 3941सेक्टर-10 में 1015 झुग्गी है।जहाँ पर अवैध रूप से झुगियाँ है।
अगर स्थानीय निवासियों व उद्यमीयो का मानना है कि ये झुग्गी वाले यहा से कई जाने वाले नही है। यहाँ पर इन्हे मुफ्त की विजली पानी व अन्य सुविधाए उपलब्ध कराई जाती है। इसके उपर नोएडा के कई हस्तियों का हाथ है। ये झुग्गी वाले राजनीतिक दलों का वोट बैक है। अकेले नोएडा प्राधिकरण इनका कुछ नही बिगाड़ सकता है। वह भी तक जब सिर आने 2024 का आम लोक सभा का चुनाव है।ऐसे कोई प्रसासन या प्रशासक्र क्या करेगा | खैर मुझे क्या । फिलहाल यह कहते हुए आप हम विदा लेते । ना ही काहुँ से दोस्ती ना ही काहुँ से बैर । खबरी लाल तो माँगे सबकी खैर ।