रविवार दिल्ली नेटवर्क
धर्म के नाम पर निर्दोष जनों की घृणित हत्या सिखाने वाले सम्पूर्ण मानवता के अपराधी-महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज
मुजफ्फरनगर के शगुन वेंकट में साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में विश्व धर्म संसद के आयोजन हेतु सहायता हेतु बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदसनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने विस्तार से विश्व धर्म संसद के विषय में जानकारी दी।विश्व धर्म संसद का आयोजन 17,18,19, 20 और 21 दिसंबर 2024 को शिवशक्ति धाम डासना में यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन के द्वारा अन्य संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा।
बैठक को सम्बोधित करते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि संपूर्ण विश्व में अपने मजहब के नाम पर निर्दोष जनों की हत्या करने का नाम ही इस्लामिक जिहाद है और ये सिखाने वाले संपूर्ण मानवता के अपराधी हैं।इनसे आज विश्व के सभी गैर मुस्लिमो को संघर्ष करना ही होगा। आज लोकसभा चुनावों में जिस तरह से भारत के प्रधानमंत्री को जगह जगह अपनी सभाओ में इस्लामिक जिहाद की चर्चा करनी पड़ा, ये बहुत ही चिंता की बात है। यह दर्शाता है कि स्थिति अब कितनी खराब हो चुकी है।प्रधानमंत्री जी ने अपनी चुनावी सभाओं में वही सब कुछ कहा है जो हम पिछले अनेक वर्षों से कहते आ रहे हैं। आज प्रधानमंत्री जी की बात को गम्भीरता से लेकर इसका समाधान खोजने की जरूरत है। हमे यह भी समझना पड़ेगा कि इस्लामिक जिहाद किसी समुदाय विशेष, किसी क्षेत्र विशेष या देश विशेष की समस्या नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व के गैर मुस्लिमो की समस्या है और इसके समाधान के लिये विश्व स्तर के प्रयास अति आवश्यक है। विश्व धर्म संसद इसका रास्ता खोजने का कार्य करेगी। विश्व धर्म संसद के लिए चारों पीठो के जगद्गुरु शंकराचार्य जी को मार्गदर्शन के लिये निवेदन किया जा चुका है। अब हम देश के सभी पंथों, सम्प्रदाय और धार्मिक समूहों के धर्मगुरुओ से विश्व धर्म संसद का सहयोगी बनने का निवेदन करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जिहाद की विभीषिका को न समझने के कारण ही आज सम्पूर्ण मानवता विनाश की ओर तेजी से जा रही है। हम सनातन धर्म के मानने वाले इस्लामिक जिहाद के सबसे निरीह शिकार रहे हैं। इतने अवर्णनीय अत्याचारों के बाद भी हम विश्व को अपनी पीड़ा बता नहीं पाए जिसके कारण सम्पूर्ण विश्व इस्लामिक ज़िहाद को समझने में असफल हो गया।आज समय आ चुका है कि हम अपनी गलतियों को सुधारते हुए सम्पूर्ण विश्व को अपने साथ हो रहे अन्याय और अत्याचारों की सच्चाई से अवगत कराए और सम्पूर्ण विनाश को वैचारिक रूप से संघर्ष के लिये तैयार करें।हम विश्व धर्म संसद के माध्यम से अपनी यह जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जो अमानवीयता गत वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के जिहादियों ने निर्दोष यहूदियों के साथ दिखाई,वह उन्होंने हजारो बार हमारे साथ कि है।अब समय आ गया है कि हम हिन्दू दुनिया को दिखाए की हम अहिंसक हैं परंतु कायर या कमजोर नहीं। विश्व धर्म संसद एक दैवीय आयोजन होगा।हम इसको करने में कोई भी कसर नही छोड़ेंगे और इस आयोजन के बाद सम्पूर्ण विश्व का इस्लाम के जिहाद के बारे दृष्टिकोण बदल जायेगा।
बैठक का संचालन राजू सैनी ने किया। बैठक में बिट्टू सिखेड़ा, योगेंद्र वर्मा, जितेंद्र पंवार, प्रवीण महादेव, संदीप जिंदल, नीटू त्यागी, सुरेश कुमार बारी, चाहन सिंह बलियान, अजय सिरोही, गुलशन चौहान, मोहित बजरंगी, शालू बहन,भारत राजपूत, आचार्य पंकज शास्त्री, रीता गुप्ता योगाचार्य, बसंत कश्यप, साक्षी वर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। बैठक में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियो ने अपनी संपूर्ण शक्ति से विश्व धर्म संसद के सहयोग और समर्थन का संकल्प लिया।