
भारत-जर्मनी लोकतांत्रिक संवाद को मिली नई ऊर्जा
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली/जयपुर : विधान सभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को जर्मनी प्रवास के दौरान बर्लिन में “रेजीरेंडर बर्गरमाइस्टर” – बर्लिन के शासक महापौर के कार्यालय एवं जर्मन स्टेट असेंबली का अवलोकन किया।
देवनानी को बर्लिन मेयर ने बताया कि बर्लिन की स्टेट असेंबली का भवन न केवल बर्लिन की प्रशासनिक शक्ति का प्रतीक है अपितु आधुनिक लोकतंत्र की उत्कृष्ट कार्यप्रणाली का जीवंत उदाहरण भी है।
इस अवसर पर देवनानी ने बर्लिन की कार्यकारी प्रणाली, लोकतांत्रिक स्वरूप एवं डिजिटल गवर्नेंस की बारीकियों को निकटता से देखा और उसकी पारदर्शिता व सुगठित व्यवस्था की प्रशंसा की। उन्होंने बर्लिन सीनेट के प्रशासनिक तंत्र और जनहित नीतियों के क्रियान्वयन मॉडल को “संगठित लोकतंत्र की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति” बताया।
देवनानी ने कहा बर्लिन जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर का प्रशासनिक मॉडल यह दर्शाता है कि तकनीक, नागरिक सहभागिता और पारदर्शिता के साथ एक शहर किस प्रकार भविष्य की दिशा तय कर सकता है। राजस्थान विधानसभा के लिए यह अनुभव अत्यंत प्रेरणादायी है।
इस ऐतिहासिक दौरे के माध्यम से न केवल प्रशासनिक अनुभवों का आदान-प्रदान हुआ, बल्कि दो प्राचीन सभ्यताओं – भारत और जर्मनी के मध्य लोकतांत्रिक मूल्यों की साझी चेतना और संवाद की भूमि भी सशक्त हुई।
देवनानी ने बर्लिन प्रशासन को उनके सशक्त नेतृत्व और नवाचार पर आधारित प्रणाली के लिए बधाई दी और कहा कि यह यात्रा “एक विचारशील लोकतंत्र से दूसरे विचारशील लोकतंत्र की यात्रा” थी – जहाँ अनुभव, संवाद और प्रेरणा का अनमोल संगम हुआ। इस मौके पर राजस्थान विधानसभा के प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा भी मौजूद रहे|