धामी के कुशल नेतृत्व में मंगलमय रही चारधाम यात्रा

सुनील तिवारी

22 अप्रैल 2023 को शुरू हुई चारधाम यात्रा का शनिवार (18 नवंबर) को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही समापन हो गया. केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट कुछ दिन पहले ही बंद हो चुके थे. 6 माह से कुछ अधिक दिनों तक चली इस बार की चारधाम यात्रा कई मायनों में ख़ास रही. मानसून काल में चारधाम यात्रा में कुछ रूकावट जरुर आई लेकिन इसके बावजूद भी चारधाम पहुँचने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला निर्बाध रूप से जारी रहा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में इस बार की चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं, पुरोहितों, व्यवसायियों, स्थानीय निवासियों आदि सभी के लिए मंगलमय रही. धामी सरकार की पुख्ता तैयारियों के चलते चारधाम यात्रा का ये सीजन सभी के लिए सुरक्षित एवं सुखद भी रहा. सबसे बड़ी बात यह है कि इस सीजन में चारधाम के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने पूर्व के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए. चारधाम यात्रा के इतिहास में यह पहली बार है कि एक सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या ने 55 लाख का आंकड़ा पार किया है. कोरोना महामारी की वजह से दो साल ( 2020 एवं 2021) बाधित रही चारधाम यात्रा पोस्ट कोविड काल में नित् नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. 2021 में आंशिक रूप से हुई चारधाम यात्रा में महज 5.18 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये थे. कोविड काल के बाद 2022 में चारधाम यात्रा सुचारू रूप से शुरू हो पाई और उस सीजन में 46.27 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम की यात्रा की थी. इस साल (2023) तो चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या ने नया इतिहास ही रच दिया. चारधाम यात्रियों के लिए धामी सरकार द्वारा की गई सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं से श्रद्धालु गदगद नजर आये और उन्होंने इसके लिए धामी सरकार की जमकर प्रशंसा भी की. इससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में चारधाम यात्रा और अधिक भव्य होगी और वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या 1 करोड़ का आंकड़ा पार करेगी.

आपदा के 10 साल बाद बना नया रिकॉर्ड
जून 2013 में केदारनाथ में आई भीषण आपदा ने चारधाम यात्रा को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया दिया था. आपदा के भीषण मंजर को देखकर लोगों में चारधाम यात्रा के प्रति भय व्याप्त हो गया था. ऐसी स्थिति में ये अनुमान लगा पाना मुश्किल था कि फिर से चारधाम यात्रा कब शुरू होगी. उस समय ये उम्मीद किसी को नहीं थी कि इतने कम समय में चारधाम यात्रा फिर से रफ़्तार पकड़ लेगी और नए रिकॉर्ड बनायेगी. आज आपदा के 10 साल बाद चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या का जो रिकॉर्ड कायम हुआ है, इसका बहुत सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जाता है. आपदा के बाद केदारपुरी को संवारने में पीएम मोदी का सबसे बड़ा योगदान है. उन्होंने दिव्य एवं भव्य केदारपुरी के पुनर्निर्माण का जो संकल्प लिया था, उसे बड़ी शिद्दत के साथ पूरा कर रहे है. वे स्वयं ही समय-समय पर केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेते रहते हैं. पीएम मोदी देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रखते हैं और उन्होंने स्वयं कई बार केदारनाथ एवं बद्रीनाथ की यात्रा करके लोगों को सुरक्षित चारधाम यात्रा का सन्देश दिया. प्रधानमंत्री बनने के बाद से वे अब तक 6 बार श्री केदारनाथ धाम की यात्रा कर चुके हैं और 2 बार श्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा की है. पीएम मोदी की यात्रा के बाद से देवभूमि उत्तराखंड के इन आध्यात्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है. यही कारण है कि इस बार उत्तराखंड के इन स्थलों की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान रच दिया है. आज चारधाम के लिए ट्रिपल आर ( रोड, रेल एवं रोपवे) कनेक्टविटी पर कार्य किया जा रहा है. चारधाम आलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग एवं गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे का कार्य प्रगति पर है. इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का उद्देश्य चार धामधाम यात्रा को सुरक्षित, सरल एवं सुलभ बनाना है.

नए रिकॉर्ड से गदगद धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा में इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुँचने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य सरकार द्वारा की गई पुख्ता तैयारियों का ही परिणाम है कि इस बार 55 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुगम, सुरक्षित और निर्बाध यात्रा हेतु तमाम इंतजाम राज्य सरकार के स्तर से किए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप इस बार यात्रा ने नए रिकॉर्ड कायम किए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामे ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी स्वयं चारधाम यात्रा पर नियमित रूप से अपडेट लेते रहते हैं और उनके द्वारा अक्सर उत्तराखंड के धार्मिक स्थानों पर आना दर्शाता है कि उनका देवभूमि से कितना विशेष लगाव है.

सुखद एवं सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए प्रतिबद्ध रही धामी सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए थे, जिसमें चारों धामों में श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण से लेकर दर्शन तक की अलग-अलग व्यवस्था शामिल है. यात्रा के लिए अधिक संख्या में उन्नत एम्बुलेंस उपलब्ध करना और डॉक्टरों की एक विशेष टीम का गठन, जिसके कारण श्रद्धांलुओं के लिए यात्रा बेहद सुविधाजनक रही। इसी क्रम में चार धाम तीर्थ स्थलों पर 50 हेल्थ ATM भी स्थापित किए गए जो तीर्थयात्रियों को टेली-मेडिसिन सेवाएं प्रदान कर रहा था.

सफल चारधाम यात्रा से खिले सभी के चेहरे
चार धाम यात्रा के सफलता पूर्वक संपन्न होने पर सरकार के साथ-साथ पुरोहित, व्यवसायी, स्थानीय लोग आदि सभी प्रसन्नचित नजर आये. श्रद्धालुओं की संख्या में इज़ाफा से यात्रा के जुड़े सभी व्यवसायियों के व्यवसाय में काफी मुनाफा हुआ और बहुत सारे लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हुआ. खच्चर वाले हो या हेली सेवा वाले, होटल व्यवसायी हो या फूल-प्रसाद बेचने वाले छोटे व्यवसायी, सभी के लिए चारधाम यात्रा का यह सीजन सुखद एवं यादगार रहा.