भारत की जू.महिला हॉकी टीम को 2013 की तरह फिर कांसा जीतना है तो मौके भुनाने होंगे

भारत की स्ट्राइकर मुमताज व ललरिंडकी को अचूक निशाने लगाने होंगे
भारत को इंग्लैंड के जवाबी हमलों से चौकस रहना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : सलीमा टेटे अगुआई में भारत रविवार को पोशेफस्ट्रूम में एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप के करीबी सेमीफाइनल में नीदरलैंड से रविवार को ठीक उसी तरह 0-3 से हारा जिस तरह 2013 में मॉन्शेनग्लाडबाख (जर्मनी) में सातवें संस्करण में सुशीला चानू की अगुआई में हारा था। भारत ने 2013 में तब इंग्लैंड को सडनडेथ शूटआउट में 3-2 से हरा कर कांसा जीता था। यह भी अजब संयोग ही है कि सलीमा टेटे की अगुआई वाली भारतीय टीम के सामने अब मंगलवार को तब की तरह कांसे के लिए फिर इंग्लैंड की ही टीम होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सलीमा टेटे की अगुआई वाली भारतीय जूनियर टीम इस बार भी 2013 की तरह फिर इंग्लैंड को हरा कर कांसा जीत पाएगी। इंग्लैंड की टीम सेमीफाइनल में उस जर्मनी की टीम से 0-8 से हारी जिसे भारत ने कड़े संघर्ष के बाद 2-1 से हराने सहित अपने सभी मैच जीत पूल डी में शीर्ष स्थान पाया था। यह भी संयोग ही है कि इंग्लैंड की टीम पूल बी में दक्षिण अफ्रीका और आयरलैंड पर जीत और यूक्रेन के हटने के कारण शीर्ष पर रही । इंग्लैंड ने इसके बाद क्वॉर्टर फाइनल में अमेरिका पर 2-1 से जीत दर्ज की थी।

भारत को नीदरलैंड के हाथों सेमीफाइनल में मिली हार को भुला कर अपना ध्यान अब इंग्लैंड के खिलाफ कांस्य पदक मैच जीतने पर लगाना होगा। इंग्लैंड के खिलाफ जीत के लिए भारत की स्ट्राइकर मुमताज खान, ललरिंडकी, संगीता कुमारी
और ललरेमसियामी को गोल करने के हर मौके को भुनाना होगा। भारत ने सेमीफाइनल तक अपने सफर में कुल 14 गोल किए और मात्र पांच गोल खाए। वहीं इंग्लैंड ने सेमीफाइनल तक के सफर में भारत से एक मैच कम खेलने के बावजूद मात्र सात गोल किए और 10 गोल खाए। इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा गोल कप्तानी मिली जिगिलो (3, दो पेनल्टी स्ट्रोक, एक पेनल्टी कॉर्नर) और लॉरना मैकेंजी (पेनल्टी कॉर्नर), मैडी एक्सपर्ट, मैडी और विकी मैकाबी ने एक-एक मैदानी गोल किया। भारत को इंग्लैंड के जवाबी हमलों से चौकस रहना होगा। साथ भारत को अपनी कलात्मक हॉकी खेल कर शुरू में ही गोल कर बढ़त बनानी होगी। भारत की रक्षापंक्ति में फुलबैक उपकप्तान इशिका चौधरी और गोलरक्षक बिच्छू देवी खरीबम को इंग्लैंड के खिलाफ पेनल्टी कॉर्नर पर खासा चौकस रहना होगा। इंग्लैंड के पास कप्तान जिगिलो और लॉरना मैकेंजी के रूप में दो अच्छी ड्रैग फ्लिकर हैं।

भारत की कप्तान सलीमा टेटे भी मानती है कि नीदरलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में गोल करने के मौके न भुनाने के कारण टीम को हार झेलनी पड़ी। भारत की जीतता है तो उसकी अनुभवी ओलंपियन ‘लिंकवूमैनÓ ललरेमसियामी और शर्मिला देवी को साथी स्ट्राइकर मुमताज खान(छह गोल), ललरिंडिकी (तीन गोल), संगीता कुमारी (दो गोल), ललरेमसियामी (दो गोल) और दीपिका जू. (एक गोल) के लिए बराबर आगे गेंद बढ़ानी होगी जिससे और ये सभी स्ट्राइकर अचूक निशाने लगा गोल कर सके। कप्तान सलीमा, ललरेमसियामी और शर्मिला देवी सहित सहित तीनों ओलंपियनों के आगे हमले के लिए बराबर गेंद बढ़ाने के कारण ही स्ट्राइकर मुमताज खान, ललरिंडकी संगीता कुमारी, खुद ललरेमसियामी तथा दीपिका (जू.) नीदरलैंड को छोड़ कर बाकी मैचों में बराबर गोल करने में सफल रही हैं।

‘ध्यान अब इंग्लैंड के खिलाफ लय हासिल करने पर’
‘हमने नीदरलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में गोल करने के बहुत मौके गंवाए लेकिन एक को भी गोल मेंं न बदल पाना निराशाजनक है। बस यही लगा कि दिन नीदरलैंड के खिलाफ मैच में दिन हमारा नहीं था। अतीत में जो कुछ हुआ उसे लेकर बहुत सोचने की जरूरत ही नहीं है। अब हमें अपना पूरा ध्यान इंग्लैंड के खिलाफ मंगलवार को कांस्य पदक मैच पर लगाना है। हम इंग्लैंड के खिलाफ बढिय़ा आगाज करने में सफल रहे तो इससे हमें सही लय मिल जाएगी। हमारा ध्यान अब इंग्लैंड के खिलाफ लय हासिल करने पर ही है।’

-सलीमा टेटे, भारत की जू. टीम की कप्तान

‘हमें ताकत के मुताबिक खेलना होगा ‘
‘ इंग्लैंड एक बढिय़ा टीम है और हमने उसके पिछले मैचों के विडियो देखे हैं । मेरा मानना है कि हमारे लिए जरूरी है कि अपने खेल पर ध्यान लगा कर यह सुनिश्चित करें कि हम गोल करने के लिए मौकों को भुनाए और अपने किले की मजबूती से चौकसी करें। हमें इंग्लैंड की खिलाडिय़ों को जरा भी नहीं जगह नहीं देनी है। हमें अपनी ताकत के मुताबिक खेलना होगा।

-इशिका चौधरी , भारत की जू. टीम उपकप्तान