सलीमा टेटे की अगुआई वाली भारतीय जू्. टीम के पास नीदरलैंड से हिसाब चुकता करने का मौका

नीदरलैंड से सेमीफाइनल जीत इतिहास रच सकता है भारत
भारत की स्ट्राइकर मुमताज, ललरिंडकी, संगीता को भुनाने होंगे मौके
भारत को नीदरलैंड की ‘गोलमशीनÓजिपी व फाकी को रोकना होगा
नीदरलैंड को रोकने के लिए गोलरक्षक बिच्छू को दिखानी होगी मुस्तैदी

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : कप्तान सेंटर हाफ ओलंपियन सलीमा टेटे के अनुकरणीय खेल से भारत ने अजेय रह कर पोशेफस्ट्रूम (दक्षिण अफ्रीका ) में नौवें एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में स्थान बनाया। अनुभवी ओलंपियन ललरेमसियामी और शर्मिला देवी को ‘लिंकवूमैनÓ के रूप में खिलाने की भारत की रणनीति अब तक कामयाब रही है। कप्तान सहित इन तीनों ओलंपियनों के आगे हमले के लिए बराबर गेंद बढ़ाने का ही नतीजा है कि स्ट्राइकर मुमताज खान फिलहाल अब तक छह, ललरिंडकी तीन, संगीता कुमारी और खुद ललरेमसियामी दो-दो गोल करभारत के लिए बेहतरीन फिनिशर साबित हुई हैं। सुशीला चानू की कप्तानी में स्ट्राइकर वंदना कटारिया (पांच गोल) और रानी रामपाल (चार गोल) की हॉकी की कलाकारी से भारत ने 2013 में मॉन्शेनग्लाडबाख में सातवें विश्व कप में इंग्लैंड को शूटआउट में 3-1 से हराकर कांसा जीता था। भारत की टीम तब सेमीफाइनल में अब तक सबसे ज्यादा कुल तीन बार खिताब जीतने वाली नीदरलैंड से 0-3 से हार गई थी।  तब  भी नीदरलैंड ने दक्षिण अफ्रीका 9-1 को हराकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया था और इस बार भी उसने उसने मेजबान टीम 5-0 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई है।

सलीमा टेटे की अगुआई वाली भारतीय जूनियर टीम सुशीला चानू की कप्तानी में 2013 में मॉन्शेनग्लाडबाख में तब नीदरलैंड से सेमीफाइनल में मिली 0-3 से हार का हिसाब चुकता कर सकती है। तब कांसा जीतने वाली जूनियर भारतीय टीम की पांच खिलाड़ी -रानी रामपाल, वंदना कटारिया, नवनीत कौर, सुशीला चानू और दीप ग्रेस मौजूदा जूनियर टीम की कप्तान सलीमा टेटे, ललरेमसियामी और शर्मिला देवी के साथ बीते बरस टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम की रीढ़ रही थी। सलीमा टेटे की अगुआई वाली मौजूदा भारतीय हॉकी टीम नीदरलैंड को रविवार को सेमीफाइनल में हराने में कामयाब रही तो फिर अपने पदक का रंग और चमकदार कर नया इतिहास रच देगी। भारत ने मौजूदा संस्करण के क्वॉर्टर फाइनल सहित अपने अब तक कुल चार मैचों में 14 गोल किए हैं और दो गोल खाए हैं। वहीं नीदरलैंड ने गोल की बारिश करते हुए अब तक क्वॉर्टर फाइनल सहित कुल 43 गोल किए हैं और एक भी गोल नहीं खाया है।

भारत को नीदरलैंड से 2013 की सेमीफाइनल की हार का हिसाब चुकता करना है तो उसकी स्ट्राइकर मुमताज खान, ललरिंडकी और संगीता कुमारी को डी के भीतर मिले गोल के मौके के हर मौके को भुनाने के साथ पेनल्टी कॉर्नर भी बनाने होंगे। इन तीनों के साथ ललरेमसियामी और शर्मिला देवी को खुद नीदरलैंड की रक्षापंक्ति को बिखरेने के लिए बराबर जवाबी हमले बोलने होंगे। भारत को नीदरलैंड को जीत से रोकना है तो दो हैटट्रिक तक अब तक सबसे ज्यादा कुल 12 गोल कर उसकी ‘गोल मशीनÓ बनी स्ट्राइकर जिपी डिकी, एक हैट-ट्रिक सहित दस गोल करने वाली लूना फाकी और नूर उमरानी (पांच गोल) को रोकना होगा। दीपिका (जू.) भले ही स्ट्राइकर हैं लेकिन वह ड्रैग फ्लिक के रूप में वह भारत की तुरुप का इक्का हैं। भारत के लिए भले ही पेनल्टी कॉर्नर पर सीधे एक गोल दीपिका (जू.) ने ही किया लेकिन चतुराई और विविधता दिखाते हुए खासतौर पर इनडायरेक्ट गोल करने में खासा कामयाब रहा। भारत के पास पेनल्टी कॉर्नर और यूं भी डी के भीतर रिबाउंड पर गोल करने में ललरेमसियामी, मुमताज, खुद दीपिका और संगीता देवी हैं।

भारत की मध्यपंक्ति में खुद कप्तान सलीमा टेटे की ‘रोविंग मिडफील्डर’ के रूप में खेलना होगा और रक्षापंक्ति में उपकप्तान इशिका चौधरी, मरिना ललेरमंगहाकी, प्रीति व अक्षता अबासो ढेकले की नीदरलैंड की अग्रिम पंक्ति में जिपी, फाकी और उमरानी के हमलों को नाकाम करने में मदद करनी होगी। भारत को नीदरलैंड के विजयरथ को रोकना है तो उसकी गोलरक्षक बिच्छू देवी खरीबम को पूल मैच में जर्मनी के मैच जैसी मुस्तैदी दिखानी होगी। बिच्छू देवी खरीबम और उपकप्तान इशिका चौधरी का खेल भारत की सीनियर महिला टीम के लिए खेलने के अनुभव से खासा बेहतर हुआ। खुद बिच्छू देवी खरीबम ने भी ठीक कहा है कि सीनियर टीम के लिए एफआईएच प्रो लीग जैसे बड़े मंच पर खेलने का अनुभव इस जूनियर विश्व कप में उनके बहुत कम आया है। इशिका चौधरी को मैच के मिजाज के मुताबिक भारत के किले की चौकसी करना खूब आता है।