अजय कुमार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के बड़े ‘खिलाड़ी’ समाजवादी पार्टी के साथ कांगे्रस के रिश्ते खराब नहीं हों इसको ध्यान में रखते हुए कांगे्रस फंूक-फूंक कर कदम रख रही है। इसी के चलते कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की लखनऊ में सितंबर माह में प्रस्तावित रैली को अब विधानसभा उपचुनाव तक के लिये स्थगित कर दिया गया है।जबकि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद प्रदेश कांग्रेस ने लखनऊ में रैली करने का निश्चय लिया था।दरअसल,लोकसभा चुनाव में आइएनडीआइए गठबंधन को उत्तर प्रदेश में एनडीए से ज्यादा सीटों पर जीत मिलने के बाद कांग्रेस ने नए सिरे से प्रदेश में अपना जनाधार खड़ा करने के लिए राहुल व खरगे की रैली आयोजित की थी। रैली की तिथि तय नहीं की गई थी, लेकिन मौखिक रूप से केंद्रीय नेतृत्व ने सहमति दे दी थी। कांग्रेस बिना समाजवादी पार्टी को लिये रैली करके सपा से टकराव नहीं लेना चाहती थी,लेकिन कहीं न कहीं वह दबाव की राजनीति बनाये हुए हैं।
इसी के चलते लोक सभा चुनाव के परिणाम से उत्साहित कांग्रेस विधानसभा उपचुनाव में भी पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के लिए समाजवादी पार्टी पर दबाव बना रही है। अंतिम निर्णय दिल्ली से होना है, प्रदेश कांग्रेस ने उन सीटों पर अपनी दावेदारी जता दी है, जिन सीटों पर पिछले विस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों की जीत हुई थी। प्रदेश में 10 विस सीटों पर विस उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस महसूस कर रही थी कि लखनऊ में कांग्रेस की रैली से प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन मजबूत होगा,जिसका फायदा उसे चुनाव में मिलेगा,लेकिन समाजवादी पार्टी की सोच कुछ अलग थी।सपा नेताओं को लगता था कि कांग्रेस यूपी में पैर पसारने के लिये रैली कर रही है। रैली के संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में रैली के आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। फिलहाल केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि अब उपचुनाव के बाद ही रैली रखी जाएगी।