रविवार दिल्ली नेटवर्क
पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले डिस्क्वालिफाई हुई विनेश फोगाट की शनिवार देर रात को वतन वापसी हो गई। लोगों ने उनका ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया।
विनेश ने दिल्ली एयरपोर्ट से अपने पैतृक गांव बलाली तक 125 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला। रास्ते में करीब 100 जगहों पर खाप पंचायतों और ग्रामीणों द्वारा विनेश फोगाट का स्वागत किया गया। करीब 13 घंटे चले रोड के बाद वह रविवार रात 12 बजे पैतृक गांव बलाली पहुंचीं। उन्होंने सबसे पहले हनुमान मंदिर में माथा टेका।
गांव के खेल स्टेडियम में विनेश को ग्रामीणों और अनेक सामाजिक संगठनों ने सम्मानित किया गया। मंच पर विनेश की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद विनेश ने कुर्सी पर बैठकर ही लोगों को संबोधित किया। इस दौरान विनेश फोगाट ने संन्यास वापस लेने के संकेत भी दिए हैं, विनेश फोगाट ने कहा कि ओलंपिक मैडल का घाव गहरा, रेसलिंग छोडऩे पर कुछ नहीं कह सकती। लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी। घाव को भरने में बहुत टाइम लगता, लेकिन आज जो गांव और देश का प्यार देखा, इससे घाव भरने में हिम्मत मिलेगी।
विनेश ने कहा कि वे जिस रेसलिंग को छोडऩा चाहती थी, या छोड़ दिया है, इस पर कुछ नहीं कह सकती। आज के प्यार से मुझे बहुत हिम्मत मिली है। जिंदगी की लड़ाई बहुत लंबी है। उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। एक छोटा सा हिस्सा मै पार कर आई हूं। यह भी अधूरा रह गया। हम एक साल से लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं, वह आगे भी जारी रहेगी।
विनेश ने कहा कि मै खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं, मैंने ऐसे गांव में जन्म लिया है। आज मैं गांव का कर्ज अदा करने में अपनी भूमिका निभा पाई हूं। मैं चाहती हूं कि गांव से हर एक घर से मेरी एक बहन निकले जो मेरे रेसलिंग के रिकॉर्ड तोड़े। मेरी बहनों की मेरे से जो सहायता होगी वह मैं करूंगी और कोच की अदा भी मैं निभाऊंगी।