अमृत धारा दिवस : जनसहयोग और श्रमदान से जल सुरक्षा

Amrit Dhara Diwas: Water security through public cooperation and labor donation

रविवार दिल्ली नेटवर्क

भोपाल : अमृत-धारा दिवस पर ग्रामवासियों ने जल स्रोत से लेकर पंप हाउस और गांव के हर मोहल्ले तक की जल आपूर्ति प्रणाली का निरीक्षण किया। जल स्रोतों को साफ करने, जलभराव की समस्या को ठीक करने और जल गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए फील्ड टेस्ट किट (FTK) का उपयोग किया गया।

गांव के युवा, विशेषकर स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और स्थानीय तकनीशियनों ने पंप हाउस में जल टंकी की सफाई, विद्युत उपकरणों की जांच और पाइपलाइनों के रखरखाव में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही, पाइपलाइनों के लीक होने की समस्या का समाधान किया गया और जल आपूर्ति के लिए आवश्यक मरम्मत की गई।

जनसहयोग से जल स्रोतों के आसपास सफाई अभियान चलाया गया जिससे जल आपूर्ति प्रणाली को सुरक्षित रखा जा सके और जलजनित बीमारियों से बचाव हो सके। इस पूरे अभियान में महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी सराहनीय रही।

जल संरक्षण के प्रति जागरूकता

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य केवल जल आपूर्ति प्रणालियों की मरम्मत करना नहीं था, बल्कि ग्रामीणों में जल संरक्षण और उसके महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी था। अभियान के दौरान पंचायत भवन में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में जल संरक्षण, स्वच्छता और जल की गुणवत्ता पर चर्चा की गई। गांव के युवाओं और महिलाओं ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जल संरक्षण के महत्व को समझा।

ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) के सदस्यों ने जल स्रोतों और पंप हाउस के रखरखाव की नियमित योजनाओं पर जोर दिया। जिससे भविष्य में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

भविष्य की योजना

अमृत-धारा दिवस पर किए गए निरीक्षण और मरम्मत कार्यों का पूरा विवरण दर्ज किया गया, अगली बार जब यह अभियान दोबारा आयोजित हो, तब तक गांव के जल आपूर्ति ढांचे की स्थिति और भी बेहतर हो सके। इस दिन की सभी गतिविधियों का रजिस्टर तैयार किया गया, जिसमें पाइपलाइनों की स्थिति, जल टंकी की सफाई और मरम्मत के सभी कार्यों का दस्तावेजीकरण किया गया। अगले महीने फिर से इस तरह के निरीक्षण की योजना बनाई गई है। इससे जल आपूर्ति प्रणाली की निरंतरता सुनिश्चित हो सके। ग्रामीणों को नियमित रूप से जलकर भुगतान करने के लिए भी प्रेरित किया गया। जिससे जल आपूर्ति का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे।

समुदाय की भूमिका और सहभागिता

अमृत-धारा दिवस की सफलता का मुख्य कारण समुदाय की सक्रिय भागीदारी रही। ग्रामवासियों ने न केवल जल आपूर्ति प्रणालियों की मरम्मत में सहयोग दिया, बल्कि जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझा। जल जीवन मिशन के तहत चल रहे इस अभियान ने गांव के प्रत्येक सदस्य को यह संदेश दिया कि जल संरक्षण और स्वच्छता का काम केवल सरकार या पंचायत का नहीं है, बल्कि यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

पंचायत प्रतिनिधियों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों ने अपने नेतृत्व में ग्रामीणों को संगठित किया और उन्हें इस अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। महिलाओं और युवाओं की भागीदारी ने इस अभियान को और भी सफल बना दिया।

सकारात्मक प्रभाव

अमृत-धारा दिवस के बाद गांव में जल आपूर्ति प्रणाली की स्थिति में स्पष्ट सुधार देखा गया। पाइपलाइनों की मरम्मत और जल स्रोतों की सफाई के बाद ग्रामीणों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध होने लगा है। इस अभियान ने ग्रामीणों में जल के महत्व और उसके संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत किया है।

अभियान के दौरान किए गए जागरूकता कार्यक्रमों ने ग्रामीणों को जलजनित बीमारियों से बचने और नियमित रूप से जल गुणवत्ता परीक्षण करने के महत्व को समझाया। जल स्रोतों की सफाई और पाइपलाइनों की मरम्मत से जल आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार हुआ है, जिससे गांव के सभी घरों में सुरक्षित जल पहुंचाना संभव हो पाया है।

समापन

अमृत-धारा दिवस ने ग्रामीणों को न केवल जल आपूर्ति प्रणालियों की मरम्मत में भागीदार बनाया, बल्कि उन्हें जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया। यह दिवस जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण बना, जहां समुदाय ने मिलकर अपने गांव की जल आपूर्ति प्रणाली को मजबूत किया और भविष्य के लिए स्थायी जल स्रोतों की नींव रखी।

सुजल-शक्ति अभियान के अंतर्गत गतिविधियां जारी रहेंगी। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को पूरा किया जा सके और हर घर को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध हो सके।