दीपक कुमार त्यागी
- भारतीय जनता पार्टी ने गाजियाबाद के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को बनाया गाजियाबाद विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी।
- संजीव शर्मा ने राजनीतिक संघर्ष की लंबी पारी खेली है, जिसका भारतीय जनता पार्टी ने दिया ईनाम।
- संजीव शर्मा की पहचान सत्ता पक्ष व विपक्ष में रहते हुए क्षेत्र के आम जनमानस की आवाज़ को दमदार ढंग से उठाने वाले राजनेता के रूप में होती है।
गाजियाबाद : गाजियाबाद में विधानसभा का उपचुनाव चल रहा है, राजनीतिक गलियारों में भाजपा के लिए काफी सुरक्षित माने जाने वाली इस गाजियाबाद की चर्चित विधानसभा सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़ने के इच्छुक दिग्गज भाजपाईयों की बहुत लंबी कतार थी। इन सभी लोगों की क्षेत्र में पकड़ तो मज़बूत थी ही साथ ही भाजपा हाईकमान में अपनें-अपने मजबूत संबंधों के चलते सभी को उम्मीद थी कि टिकट उन्हीं की झोली में आकर के गिरेगा। लेकिन टिकट की इस लंबी दौड़ में गाजियाबाद महानगर भाजपा के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बाजी मार ली है, लंबे समय से चल रहे कयासों को आज पूर्ण विराम देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने गाजियाबाद से उपचुनाव के लिए संजीव शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। संजीव शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने से उनकी टीम में जबरदस्त जोश है, बस अब संजीव शर्मा को पार्टी के अन्य सभी टिकटार्थियों व उनकी टीम को भाजपा के पक्ष में एकजुट करके रखने की चुनौती है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के बारे में कहा जाता है कि उनके अधिकांश कार्यकर्ताओं का प्रत्याशी व्यक्ति विशेष नहीं होकर के कमल का फूल होता है, जिससे काफी हद तक गुटबाजी कम हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ जिस तरह से गाजियाबाद सीट के उपचुनाव को लेकर के अन्य सभी पार्टियों ने टिकट वितरण किया है, उसको देखकर के लगता है कि संजीव शर्मा, उनकी समस्त टीम व भाजपाईयों ने अगर अपने चुनावी पत्ते सही ढंग से फेंटने का कार्य कर दिया तो लखनऊ विधानसभा जाने की उनकी डगर बहुत ज्यादा कठिन नहीं है।
हालांकि शहर की राजनीति पर पल-पल नज़र रखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संजीव शर्मा गाजियाबाद जनपद की राजनीति के एक मंझे हुए तेजतर्रार अनुभवी खिलाड़ी हैं, उनके पास एक लोगों को चुनाव लड़ाने के साथ-साथ बहुत लंबा राजनीतिक अनुभव है, वहीं सत्ता पक्ष भाजपा का मौजूदा महानगर अध्यक्ष होने के चलते उनके पास गाजियाबाद महानगर में मजबूत सक्रिय व्यक्तिगत टीम उपलब्ध है। बहुत सारे लोगों का कहना है कि सत्ता पक्ष व विपक्ष में रहते हुए संजीव शर्मा को उन्होंने शहर की ज्वलंत समस्याओं को लेकर के और आम जनमानस के हक के लिए लड़ते हुए समय-समय पर देखा है। हालांकि चुनावी रणभूमि में संजीव शर्मा को 2019 से ही गाजियाबाद के महानगर अध्यक्ष होने का बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि उनके कार्यकाल में आम मतदाता से जुड़े हुए बेहद महत्वपूर्ण लोकसभा, विधानसभा व नगर निगम के चुनाव संपन्न हुए हैं और उन सभी में संजीव शर्मा ने सक्रिय रूप से भाग लेते हुए प्रत्याशियों को विजयी बनाने की रणनीति बनाकर के उसको धरातल पर सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाने का कार्य किया है। जिस मेहनत का संजीव शर्मा को अपने चुनाव की चुनावी रणभूमि में भारी लाभ अवश्य मिलेगा।
संजीव शर्मा के राजनीतिक सफ़र पर एक सरसरी निगाह डालें तो वर्ष 2007 में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करके भाजपा में अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की थी। जिसके कुछ समय के बाद ही संजीव शर्मा को भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष बना दिया गया था और वह लगभग 3 वर्ष तक इस पद पर दमदार ढंग से कार्य करते रहे थे। जिसने भाजपा में संजीव शर्मा की संगठनात्मक स्तर पर एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में छवि बनाने का कार्य किया था। उसके बाद संजीव शर्मा ने फिर कभी भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में पीछे मुड़कर नहीं देखा, वह आये दिन नये-नये महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करने लगें, उसी कड़ी में संजीव शर्मा को प्रदेश संयोजक सूचना एवं रोजगार प्रकोष्ठ का दायित्व दिया गया था। वहीं वर्ष 2013 में संजीव शर्मा को महानगर महामंत्री के पद का दायित्व दिया गया था। संगठन में संजीव शर्मा ने क्षेत्रीय संयोजक प्रचार-प्रसार विभाग का कार्य भी सफलतापूर्वक संभालने का काम किया था। बाद में उनकी यह मेहनत जबरदस्त रंग लाई और संजीव शर्मा को वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने गाजियाबाद का महानगर अध्यक्ष बनाया, जोकि अब वर्तमान तक में भी सुचारू रूप से चल रहा है। यहां आपको बता दें कि संजीव शर्मा के कार्यकाल में वर्ष 2019 से ही भारतीय जनता पार्टी में गाजियाबाद महानगर का संगठन अभियान और आयाम के दौरान उच्च स्थान पर काबिज रहा है। वहीं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा जो भी कार्यक्रम संजीव शर्मा को दिए गए हैं, उनको सफलतापूर्वक संपन्न कराने का काम उन्होंने किया है। देश व दुनिया में जब भयावह कोरोना काल में लोग अपनी व अपनों कि जान बचाने के लिए घरों में छिपकर के बैठे हुए थे, उस वक्त संजीव शर्मा ने अपनी टीम के साथ ग्राउंड पर उतर कर के जरूरतमंद लोगों को भोजन, खाद्य सामग्री, दवाइयां, घर पहुंचाने का इंतजाम आदि कराने का काम किया था। संजीव शर्मा के कार्यकाल में ही वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद महानगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तीनों विधानसभा के भाजपा विधायकों ने पहले से ज्यादा मतों से विजय प्राप्त करने का कार्य किया था। उनके कार्यकाल में ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में दोनों ब्लॉक प्रमुखों ने दमदार ढंग से विजय प्राप्त की थी। संजीव शर्मा के कार्यकाल में ही जिला पंचायत अध्यक्ष गाजियाबाद पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। वहीं गाजियाबाद नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने महापौर के साथ-साथ 67 पार्षदों के साथ रिकॉर्ड जीत हासिल करते हुए नया कीर्तिमान बनाने का काम किया था। संजीव शर्मा की रणनीति के दम पर ही वर्ष 2024 में भाजपा सांसद प्रत्याशी अतुल गर्ग ने भी जीत हासिल करने का कार्य किया था। वहीं स्थानीय निकाय के प्रत्याशी धर्मेंद्र भारद्वाज ने जीत हासिल की, इसके अलावा ग्रेजुएट प्रत्याशी दिनेश गोयल तथा शिक्षक प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा ने भी रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने का कार्य किया था। संजीव शर्मा के कुशल नेतृत्व में गाजियाबाद महानगर संगठनात्मक ढांचे में भाजपा में नितनए मुकाम हासिल करके तेजी से आगे बढ़ कर लोगों को जोड़ने का कार्य कर रहा है। वहीं संजीव शर्मा को़ भाजपा के कार्यकर्ताओं, सामाजिक और व्यापारिक संगठनों को साथ लेकर चलने की कला भी आती है, जिस सबके चलते ही संजीव शर्मा भाजपा कार्यकर्ताओं की पसंद बन कर के उभरे हैं। संजीव शर्मा ने अपनी कार्य कुशलता, व्यवहार कौशल से क्षेत्र के आम जनमानस के साथ साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त करने का कार्य किया है और जिस प्यार, ताकत व आशीर्वाद के फलस्वरूप ही अब संजीव शर्मा गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव की रणभूमि में भाजपा प्रत्याशी बनाए गए हैं। संजीव शर्मा को भाजपा प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद से ही महानगर भाजपा में जबरदस्त खुशी की लहर व्याप्त है, लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि संजीव शर्मा शहर विधानसभा के भावी विधायक हैं।