भारत की ई काॅमर्स पाॅलिसी में हो बदलाव

  • सीटीआई ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से की मांग
  • CTI की मांग पर DCGI ने 20 कंपनियों को नोटिस जारी किया
  • बिना लाइसेंस ऑनलाइन दवाइयां बेच रही 20 कंपनियों पर DCGI की कार्रवाई
  • सीटीआई ने DCGI के कदम का किया स्वागत

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देश की बड़ी ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियों और 20 अन्य ऑनलाइन दवा विक्रेताओं को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के मानदंडों के उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीसीजीआई ने पहले मई और नवंबर 2019 और फिर 3 फरवरी 2023 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक कार्रवाई और अनुपालन के लिए आदेश भेजा था। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि उनकी मेहनत रंग लाई है। दिल्ली समेत देशभर के केमिस्ट व्यापारी काफी परेशान थे। लंबे समय से मेडिकल स्टोर और केमिस्ट एसोसिएशन इस संदर्भ में आवाज उठा रही थीं।

कोविड-19 के समय भी बगैर लाइसेंस दवाओं की सप्लाई का मुद्दा उछला था।

दवाओं के रिटेल और होलसेल दुकानदार सीटीआई से संपर्क कर रहे थे।

पिछले दिनों वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और डीसीजीआई को पत्र लिखकर ऐसी ऑनलाइन कंपनी के खिलाफ एक्शन लेने की गुहार लगाई थी।

अब 20 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिन्हें जवाब देने के लिए 2 दिन का वक्त मिला। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो एक्शन हो सकता है। ये कंपनियां ड्रग्स एंड केमिस्ट एक्ट 1940 का उल्लंघन कर रही हैं। कई कंपनियां ई-कॉमर्स के जरिए भारी डिस्काउंट पर दवा बेच रही है। इनके पास ड्रग लाइसेंस तक नहीं है। ऑनलाइन खरीद-फरोख्त में कौन-सी दवा असली है और कौन सी नकली? इसका पता लगा पाना आसान नहीं है।

बृजेश गोयल ने कहा कि डीसीजीआई को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसा नहीं हो, ई-कॉमर्स पॉलिसी की समीक्षा हो। नए सिरे से परिभाषा तय हो।

इसमें कई खामियां हैं , दवाइयां मरीजों के स्वास्थ्य और जान से जुड़ी होती हैं।