भारतीय पायलेटों को दी जाए CAT – 3 ट्रेनिंग- बृजेश गोयल

दीपक कुमार त्यागी

  • सीटीआई ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लिखा पत्र
  • कोहरे और लो विजिबिलिटी के कारण हो रही फ्लाइट कैंसिलेशन से यात्रियों को हो रही परेशानी*
  • देश में 5% पायलेटों को भी नहीं दी गई CAT – 3 ट्रेनिंग
  • दिल्ली एयरपोर्ट से रोजाना 1.5 लाख से ज्यादा लोग करते हैं यात्रा
  • फ्लाइट लेट और कैंसिलेशन के कारण 30 – 40% कम आ रहे व्यापारी
  • दिल्ली के बाजारों में भी व्यापार पर पड़ रहा असर

देश के उत्तरी भूभाग में इस समय ठंड और कोहरा छाया हुआ है, कोहरे की वजह से फ्लाइट्स की लैंडिंग और टेकऑफ पर असर पड़ता है। फ्लाइट्स लेट होने के साथ डायवर्ट और कैंसिल तक हो जाती हैं।

इससे मुसाफिरों को तकलीफ झेलनी पड़ती है , आवागमन बाधित होने से बिजनेस पर बुरा असर पड़ता है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि हमारे देश में पायलट को CAT-3 की ट्रेनिंग नहीं दी जाती है , इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर CAT-3 सिस्टम लगा हुआ है , यदि हमारे पायलट CAT-3 ट्रेंड होंगे, तो कोहरे में जहाज को उड़ा और उतार सकते हैं। अभी देश में 5 प्रतिशत पायलट ही कैट-3 ट्रेंड हैं। CTI ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है। इसमें मांग की गई है कि अधिक से अधिक पायलट को CAT-3 ट्रेनिंग दी जाए।
यूरोपीय देशों में भी 6-6 महीने तक सर्दी पड़ती है। वहां भी मौसम बिगड़ता है, कोहरा होता है। मगर, वहां फ्लाइट्स की आवाजाही पर उतना असर नहीं पड़ता, जितना दिल्ली और उत्तर भारत में पड़ता है। वहां की टेक्नोलॉजी भारत में यूज करनी चाहिए।

सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि रोजाना दिल्ली एयरपोर्ट से 1.5 लाख से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं जिनमें से लगभग 50000 व्यापारी और बिजनेसमैन होते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में जबरदस्त ठंड और कोहरे के कारण फ्लाइट लेट और कैंसिलेशन की खबरों के कारण व्यापारियों की संख्या में बहुत कमी आई है और दिल्ली के बाजारों में भी बाहर से बहुत कम लोग आ रहे हैं जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है , पिछले 15 दिनों में दिल्ली के बाजारों में फुटफाल काफी कम हो गया है ।

कैसे काम करता है CAT 3 सिस्टम
जब रनवे नहीं दिखाई देता, तो पायलट को सिग्नलिंग सिस्टम की मदद से जमीन से 100 फुट ऊपर तक निर्देशित किया जाता है। CAT 3B में, एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम की वजह से एक विमान जमीन से 50 फुट ऊपर तक उतर सकता है। फिर पायलट अप्रोच और टचडाउन जोन-लाइटिंग सिस्टम देखकर लैंड कर सकता है। ये पूरा प्रोसेस ऑटोमेटेड होता है। इसमें एक वॉयस प्रॉम्प्ट उलटी गिनती का उपयोग करके बताता है कि जहाज रनवे से कितनी दूर है? फ्लैप को कब तैनात करना है और कब ब्रेक लगाने की आवश्यकता होगी? ऐसे में जो फ्लाइट CAT 3B के अनुरूप नहीं है, वो उन क्षेत्रों में नहीं चलाई जा सकती, जहां कोहरा या कम विजिबिलिटी है।

ये एक नेविगेशन सिस्टम
जानकार बताते हैं कि CAT 3 एक तरह से नेविगेशन सिस्टम है, जो न्यूनतम 50 मीटर की विजिबिलिटी के साथ लैंडिंग की परमिशन देता है।