वनाग्नि नियंत्रण कार्यों में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश

Instructions to take strict action against those who are negligent in forest fire control work

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण में लापरवाही बरतने पर रेंज अधिकारी, जोरासी (अल्मोड़ा वन प्रभाग, अल्मोड़ा ) को प्रभागीय कार्यालय स्तर पर सम्बद्ध किया गया है। सीएस ने जोनल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक कुमाऊँ/गढ़वाल तथा वन्यजीव परिरक्षण क्षेत्र को निर्देश दिए हैं कि वनाग्नि नियंत्रण कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन द्वारा वनाग्नि की घटनाओं की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। उनके द्वारा उच्च स्तर को भी वनाग्नि की घटनाओं की अद्यतन सूचना से अवगत कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि वनाग्नि नियंत्रण में सक्रिय वन पंचायतों/वनाग्नि प्रबन्धन समितियों/ महिला मंगल दलों/ युवा मंगल दलों की भी सहायता ली जाए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा वनाग्नि नियंत्रण हेतु प्रत्येक जिलाधिकारी को ₹5 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा जल्द ही छोटे आकार में वॉटर टैंकर क्रय किए जाएंगे, जिनकी सहायता से आसानी से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पोर्टेबल पम्पों की सहायता से आग बुझाई जा सकेगी। आग बुझाने वाले सिलेण्डरों की व्यवस्था भी तत्काल की जा रही है। डीजीपी श्री अभिनव कुमार ने बताया कि जिन स्थानों पर आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं, वहाँ पर वन विभाग के अधिकारी, एसडीएम एवं स्थानीय पुलिस बल की सयुंक्त टीम द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु एक एसओपी बनाई गई है। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशान्त वर्मा ने बताया कि वन विभाग के मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी नामित कर दिया गया है तथा सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा फील्ड हेतु प्रस्थान किया जा चुका है।

बैठक में डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक निशान्त वर्मा, सचिव दिलीप जावलकर सहित विभिन्न सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।