लालू का 4,39,80,650 करोड़ का ” लैंड फॉर जॉब ” फ्रॉड उजागर ,परिवार की घेराबंदी शुरू

संदीप ठाकुर

आज की राजनीति में किसी भी नेता काे मुंह खोलना भारी पड़ जाता है। लालू
यादव व उनके परिजनों ने भाजपा के खिलाफ इधर मुंह खोला और उधर डेढ़ दशक से
अधिक पुराने मामले की फाइल सीबीआई और आयकर विभाग ने खाेल दी। ताजा मामला
जमीन के बदले नौकरी का है, जो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के समय का
यानी 2009 से पहले का है। जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआई
ने इस साल मई में मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद से इसमें करीब डेढ़
दर्जन लोगों के नाम आ चुके हैं। रेलवे के कई अधिकारियों के साथ साथ लालू
प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हिमा यादव का नाम भी इसमें है। इसी
मामले में लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी रहे भोला यादव को गिरफ्तार किया
जा चुका है और तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी संजय यादव से सीबीआई पूछताछ
कर चुकी है। रेलवे से ही जुड़ी कंपनी आईआरसीटीसी के एक मामले में तेजस्वी
यादव के ऊपर भी तलवार लटक रही है। दिलचस्प यह है कि
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने डेढ़ दशक के बाद इस मामले में कार्रवाई शुरू की है।

रेलवे भर्ती घोटाला वर्ष 2004 से 2009 के बीच के समय का है। आरोप यह है
कि लालू यादव रेल मंत्री थे तो पहले अस्थायी तौर पर नियुक्ति कराते थे और
फिर जैसे ही जमीन की डील पूरी जाती, नौकरी को स्थायी कर दिया जाता था।
इस तरह से सैकड़ों लोगों और अपने सगे-संबंधियों को नौकरी देने का आरोप
लालू यादव पर है। सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में वैसे लोगों को
भी नामजद किया गया है जिन्होंने लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी पाई है।
जमीन किसने और कितनी दी इसका भी जिक्र एफआईआर में किया गया है। सीबीआई ने
एफआईआर में लालू परिवार के चार सदस्यों के साथ जमीन देकर नौकरी लेनेवाले
12 व्यक्तियों का भी पूरा ब्योरा दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये
सारी जमीन पटना में ही है। सूत्रों के मुताबिक जमीन का कुल रकबा 1,05,292
वर्ग फुट है और सर्किल रेट के अनुसार इनदिनाें जमीन की कीमत 4,39,80,650
करोड़ रुपए है। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी,
बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और
जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई। इस मामले में भाला यादव फिलहाल
जेल में हैं।

बताते चलें कि भोला यादव के नाम का शुमार लालू यादव के सबसे करीबी नेताओं
में है। भोला यादव को लालू यादव का ‘हनुमान और उनकी ‘परछाई’ तक कहा जाता
है। भोला यादव लालू यादव के कितने नजदीक हैं इसका अंदाजा इस बात से भी
लगता है कि लालू यादव जब जेल में थे तो भोला यादव भी वहीं रहते थे। भोला
यादव वर्ष 2015 में दरभंगा के बहादुरपुर के विधायक थे। वर्ष 2020 चुनाव
में हायाघाट से वाे चुनाव हार गए थे। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट
दायर कर दी है। चार्जशीट में लालू समेत 14 लाेगाें काे आरोपी बनाया गया
है। लालू परिवार पर घोटाले की एक तलवार और लटक गई है।