” नाटू नाटू ” सॉन्ग और ” द एलीफेंट व्हिस्परर्स ” ने ऑस्कर जीत रचा इतिहास

संदीप ठाकुर

ऑस्कर की रेस में इस बार आख़िरकार भारत की जीत हो ही गई। बेस्ट ओरिजिनल
सॉन्ग का ऑस्कर भारतीय फिल्म आरआरआर के गाने नाटू-नाटू ने अपने नाम
किया,साथ ही साथ “बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शार्ट” फिल्म की कैटेगरी में “द
एलिफेंट व्हिसपरर्स” को भी 95वां ऑस्कर अवार्ड मिला है। इससे पहले इंडिया
की ओर से इस कैटेगरी में ‘द हाउस दैट आनंदा बिल्ट’ (1969) और ‘एन
एनकाउंटर विद फेसेज़’ (1979) जैसी डॉक्यूमेंट्री नॉमिनेट हुई थीं लेकिन
वो अवॉर्ड नहीं जीत सकी थीं। किसी भी देश के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिलना बेहद
गर्व की बात होती है। इस बार हमें एक नहीं बल्कि दो कैटेगरी में ऑस्कर
अवॉर्ड मिला है। जिस डाक्यूमेंट्री फिल्म को अवार्ड मिला है उसे कार्तिकी
गोंसाल्विस ने डायरेक्ट किया है। इसके अलावा मशहूर निर्माता गुनीत मोंगा
ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है। गुनीत मोंगा ने अपने सोशल मीडिया
हैंडल पर ख़ुशी जाहिर करते हुए भारत की तारीफ भी की। साेशल मीडिया पर बधाई
देने वालाें का तांता लगा हुआ है। प्रधानमंत्री से लेकर कई नेता और
अभिनेताओं ने इसे भारतीय सिनेमा के लिए स्वर्णिम दिन ‘ बताय़ा है।

एसएस राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’ का गाना ‘नाटू नाटू’ ‘बेस्ट ओरिजनल
सॉन्ग’ कैटेगरी में ऑस्कर जीतने वाला पहला भारतीय और एशियन सॉन्ग बना है।
‘नाटू नाटू’ सॉन्ग चंद्र बोस ने लिखा है, जबकि इसके कंपोजर हैं एमएम
कीरावनी । इससे पहले इसी कैटेगरी में ‘नाटू नाटू’ ने गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड
जीता था और तभी से इसे ऑस्कर की रेस में सबसे आगे माना जा रहा था। इससे
पहले ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ फिल्म के गाने ‘जय हो’ ने 81वें अकेडमी
अवॉर्ड्स में ‘बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग’ कैटेगरी में ऑस्कर जीता था।”नाटू
नाटू” गाने को इससे पहले गोल्डन ग्लोब अवार्ड से भी सम्मानित किया जा
चुका है। इस गाने काे पर्दे पर जीवंत करने वाले एक्टर जूनियर एनटीआर और
रामचरण ने ऑस्कर अवॉर्ड के साथ तस्वीर शेयर करते लिखा कि ऑस्कर अवॉर्ड घर
आ रहा है’। सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है।

” द एलिफेंट व्हिसपरर्स ” तमिल भाषा में बनी डॉक्यूमेंट्री है। इस
डॉक्यूमेंट्री को साल 2022 के दिसंबर में रिलीज़ किया गया था।
डॉक्यूमेंट्री की कहानी एक आदिवासी जोड़े के बारे में है जो मधुमलाई
टाइगर रिज़र्व में रहने वाले हाथी के एक अनाथ बच्चे को गोद ले लेते हैं।
वो उसका नाम रखते हैं रघु और पाल-पोस कर बड़ा करते हैं। वो हाथी कैसे उन
दोनों की ज़िंदगी बदल देता है ? इस डॉक्यूमेंट्री में ये भी दिखाया गया है
कि कैसे सिर्फ हाथी ही नहीं बल्कि भारतीयों के जीने के लिए जंगल और जानवर
दोनों की बहुत आवश्यकता है। कहानी में एक हाथी के देखभाल के लिए ये कपल
अपनी पूरी जिंदगी लगा देते हैं। इस फिल्म को डायरेक्ट किया है कार्तिकी
गोन्साल्वेस ने। इसकी स्क्रिप्ट पर कार्तिकी के साथ गरिमा पुरा पटियालवी
ने मिलकर काम किया है। द एलिफेंट व्हिस्परर्स, 41 मिनट की लघु
डॉक्यूमेंट्री है, जो कि निर्देशक कार्तिकी गोंसाल्विस की पहली
डॉक्यूमेंट्री है। आपको बता दें कार्तिकी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हैं। इस
डॉक्यूमेंट्री के बारे में तारीफ करते हुए गुनीत ने कहा, “फिल्म में एक
सीन है जहां जंगल की बात होती है। और हमें बताया जाता है कि जंगल से हमें
उतना लेना चाहिए जितना हमें जरूरत है। क्योंकि जंगलों में हमें देने के
लिए सबकुछ है। हमें ये सीमा तय करनी चाहिए और जंगल से वही लेना चाहिए
जिसके हम हक़दार हैं।”