नगीना लोकसभा सीट : इंडी गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं आजाद पार्टी के चन्द्रशेखर आजाद

Nagina Lok Sabha seat: Chandrashekhar Azad of Azad Party can spoil the game of Indi alliance

संजय सक्सेना

उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट इस बार काफी सुर्खियों में है। यहां मुकाबला चतुष्कोणीय है। इसकी वजह है चार साल पहले बनी आजाद समाज पार्टी, जिसके अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद जो इस सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर पार्टी ने पूरा दम लगाया हुआ है. लेकिन सपा-बसपा के प्रत्याशी आने से यहां दलित मुस्लिम वोट का बंटवारा हो सकता है, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलने की उम्मीद है. गौरतलब हो, नगीना लोकसभा सीट पर दलित और मुस्लिम वोटर्स निर्णायक भूमिका में है. परिसीमन के बाद 2008 में ये सीट अस्तित्त्व में आई थी, तब से अब तक यहां से सपा, भाजपा और बसपा के सांसद रह चुके हैं. जबकि बीजेपी सिर्फ एक ही बार साल 2014 में चुनाव जीत पाई है. इस चुनाव में सपा और बसपा अलग-अलग चुनाव लड़े थे, और दोनों दलों को लगभग बराबर ही वोट मिले थे.

पिछले लोकसभा चुनाव की बात की जाये तो साल 2019 में हुए आम चुनाव में सपा और बहुजन समाज पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसके बाद इस सीट से बसपा को आसानी से जीत मिल गई थी. लेकिन इस बार सपा और बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं वहीं तीसरी पार्टी के तौर पर चंद्रशेखर आजाद भी ताल ठोंक रहे हैं. ऐसे में दलित मुस्लिम वोटर्स तीन उम्मीदवारों के बीच सपा के मनोज कुमार, बसपा के सुरेंद्र पाल सिंह और चंद्रशेखर आजाद के बीच बंटे हुए दिख रहे हैं. चंद्रशेखर आजाद का दावा है कि उनकी पार्टी पिछले एक साल से इस सीट पर मेहनत कर रही है. चुनाव को एलान होने के बाद से खुद आजाद ने भी पूरा दम लगाया हुआ है. वो घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बड़ों के पैर छूकर और महिलाओं के हाथ जोड़कर उनका समर्थन मांग रहे हैं जाहिर है कि वो बड़े स्तर पर सपा-बसपा के वोटों में सेंध लगाने को तैयार हैं.

चंद्रशेखर आजाद पर पिछले दरवाजे से बीजेपी के साथ मिले होने का आरोप भी लग रहे हैं. लेकिन आज़ाद का कहना है कि उन्होंने गोलियां खाईं हैं और बीजेपी का विरोध करने की वजह से वो जेल भी गए हैं. इसलिए उन्हें लेकर ऐसी बातें करना बेमानी है. आज़ाद ने बसपा नेता आकाश आनंद के चुनाव प्रचार में उतरने पर कहा कि वो मुंह में चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना है. चंद्रशेखर आजाद ने नगीना सीट से पहले ही चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था, जिसके बाद माना जा रहा था कि इंडिया गठबंधन में उन्हें शामिल किया जा सकता है लेकिन बाद में सपा अध्यक्ष से उनकी बातचीत टूट गई. जिसके बाद चंद्रशेखर आज़ाद अकेले ही मैदान में कूद गए हैं. वहीं इस सीट पर दलित-मुस्लिम वोट बंटने से इसका सीधा फ़ायदा बीजेपी को होगा और अब बीजेपी यहां मजबूत स्थित में पहुंच गई है.