एनआईए ने बदमाशों के ठिकानों से बंदूकें और गोलियां बरामद की

इंद्र वशिष्ठ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, बदमाशों और हथियारों के सौदागरों के बीच उभरती सांठगांठ को खत्म करने के लिए हरियाणा में बदमाशों के ठिकानों पर छापे मारी की है. एनआईए ने बंदूकें, कारतूस और अन्य हथियार बरामद किए हैं.

चौटाला गांव में छापा-
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर बीस दिसंबर की रात को सिरसा के चौटाला गांव में छोटू भाट और सिरसा के ही तख्तमल गांव के जग्गा सरपंच के घरों /ठिकानों पर छापेमारी की गई.
एनआईए को तलाशी के दौरान एक रायफल, एक बंदूक, दो पिस्तौल, सौ से ज्यादा कारतूस और तेजधार वाले हथियार मिले हैं.

एनआईए की चौथे दौर की यह छापे मारी हरियाणा और पंजाब में स्थित कुख्यात बदमाशों और उनके हथियार आपूर्तिकर्ताओं पर की गई कार्रवाई का हिस्सा है. एनआईए द्वारा इस तरह के संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क के खिलाफ जांच शुरू करने के बाद वे आतंकवादी संगठनों और नेटवर्क से जुड़े हुए पाए गए है।

बंबीहा निशाने पर-
एनआईए के अनुसार वर्तमान तलाशी का उद्देश्य कुख्यात बदमाश बंबीहा के नेतृत्व वाले आतंकी- गैंगस्टर सिंडिकेट के फरार लोगों के ठिकानों के अलावा अवैध हथियार सप्लाई करने वाले बुनियादी ढांचे को खत्म करना था. यह गिरोह पंजाब सीमा से अपने ठिकाने लगे होने का फायदा उठा रहे थे. एनआईए के अनुसार इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और मददगारों ( सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर) को खत्म करने के लिए जांच जारी है।

दो मामले दर्ज-
एनआईए ने भारत और विदेश में आतंकवादियों, गैंगस्टरों और नशीले पदार्थ/ हथियारों के तस्करों बीच उभरती सांठगांठ को तोड़ने और खत्म करने के मकसद से अगस्त, 2022 में 2 मामले दर्ज किए थे.

छापा अभियान-
इसके बाद एनआईए ने सितंबर ,अक्टूबर और नवंबर में पांच राज्यों में सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी. एनआईए का छापे और तलाशी का यह अभियान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में संगठित आपराधियों के सिंडिकेट और नेटवर्क, गैंगस्टरों के आपराधिक और व्यापारिक सहयोगियों, हथियार आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का हिस्सा है।

तस्करी से धन जुटा रहे-
एनआईए को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये गिरोह लक्षित हत्याओं (टारगेट किलिंग) को अंजाम दे रहे थे.ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन भी जुटा रहे थे।

लोगों में डर पैदा किया-
आपराधियों के सिंडिकेट और गैंगस्टरों द्वारा हाल ही में किए गए सनसनीखेज अपराधों और व्यवसायियों, डॉक्टरों सहित पेशेवरों आदि को जबरन वसूली के लिए किए फोन कॉल ने लोगों के बीच व्यापक डर पैदा कर दिया था।

डराने के लिए अपराध का प्रचार-
ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए इन अपराधों को प्रचारित करने के लिए सोशल मीडिया
(साइबर-स्पेस) का उपयोग कर रहे थे।

विदेशों से गिरोह चला रहे-
जांच से यह भी पता चला है कि इस तरह की आपराधिक वारदात स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों और मादक पदार्थों के तस्करों और नेटवर्क के बीच गहरी साजिश थी, जो देश के भीतर और बाहर दोनों जगह से संचालित हो रहे थे।
कई गिरोह के सरगना और सदस्य भारत से भाग गए थे और वह पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया सहित विदेशों से गिरोह चला रहे हैं।

जेल से साज़िश-
इनमें से अधिकांश साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थी और उन्हें गिरोह के गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया जा रहा था।