दोनों पारियों मे हमारी बल्लेबाजी घटिया रही: रोहित

  • टेस्ट जीतने के लिए जरूरत बतौर टीम बढिय़ा बल्लेबाजी की
  • अपने गेंदबाजों की आलोचना नहीं करना चाहूंगा
  • उम्मीद करता हूं कि हमारे गेंदबाज यह समझेेंगे कि उनसे कहां गलती हुई

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत को अपनेे टेस्ट करियर का आागाज करने वाले प्रसिद्ध कृष्ण और शार्दूल ठाकुर जैसे तेज गेंदबाजों की दिशाहीन गेंदबाजी और कप्तान रोहित शर्मा सहित शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की नाकामी के चलते सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मात्र तीन दिन पहले क्रिकेट टेस्ट मैच में एक पारी और 32 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा। इससे भारत की दक्षिण अफ्रीका को उसके घर में हरा कर पहली टेस्ट सीरीज जीतने की हसरत पर एक बार फिर पानी फिर गया। उपकप्तान जसप्रीत बुमराह और उनके साथ मोहम्मद सिराज जैसे तेज गेंदबाज और अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने जरूर विकेट चटकाने के साथ कसी हुई गेंदबाजी की।

भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने पहले टेस्ट में टीम की करारी हार के बाद कहा, ‘ केएल राहुल ने पहली पारी में बेहतरीन शतक जड़ा और दूसरी पारी में विराट ने बढिय़ा पारी खेली लेकिन दोनों पारियों में हमारी बल्लेबाजी घटिया रही। टेस्ट जीतने के लिए बतौर टीम बढिय़ा बल्लेबाजी की जरूरत होती है और हम ऐसा करने में नाकाम रहे। हमारे बल्लेबाजों को चुनौती मिली। हम खुद को पिच के मुताबिक ढाल नहीं पाए। केएल राहुल ने पहली बार दिखाया कि इस तरह की पिच पर कैसे बल्लेबाजी की जाती है। मैं यहां अपने गेंदबाजों की ज्यादा आलोचना नहीं करना चाहूंगा कि क्योंकि वे दक्षिण अफ्रीका में बहुत ज्यादा नहीं खेले हैं।हमारे जल्द से जल्द से एकजुट होना अहम है बावजूद इसके कि इस तरह की हार से उबरना मुश्किल होता लेकिन बतौर खिलाड़ी आपको इस तरह के दौर से गुजरना पड़ता है। हमें खुद को इससे उबारना होगा। हम पिछले पांच छह बरस से अपने विदेशी दौरों पर अभ्यास मैच खेल रहे हैं और हमने फस्र्ट क्लास मैच खेलने का भी प्रयाग किया लेकिन हम सेंचुरियन पर जिस पिच पर खेले वैसी पिचें हमें अभ्यास मैचों में नहीं मिलती। हमारे लिए अपने ढंग से खुद को अपने मुताबिक पिच पर खेल कर तैयार करना हमने बेहतर समझा। जब हम पिछली बार ऑस्ट्रेलिया गए और और जब 2018 में हम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर आए थे तो इन पिचों पर गेंद घुटने से उपर नहीं आई थी। वहीं सेंचुरियन में गेंद उछाल ले हमारे सिर के उपर से भी निकली। यही कारण था कि हमने खुद को अपने अंदाज में तैयार करना बेहतर समझा। जब आपको अभ्यास मैचों टेस्ट मैच की सी स्थितियां मिले तो बात अलग होती है। हमने अपने पिछले तीन चार दौरों से यही देचा है कि हमें अभ्यास मैचों में ऐसी स्थितियां नहीं मिलती है।

उन्होंने कहा, ‘ जहां तक प्रसिद्ध की बात है तो उन्होंने बीते दो-तीन बरस में देश के लिए सफेद गेंद से बहुत क्रिकेट खेल बहुत संभावनाएं दिखाई थी। प्रसिद्ध अपने करियर के पहले टेस्ट में अच्छी गेंदबाज नहीं कर पाए और हम सभी भी जब भारत के लिए पहला टेस्ट खेलते हैं तो जरूर नर्वस होते हैं। मुमकिन है कि सेंचुरियन अच्छा प्रदर्शन न किया हो लेकिन आप हमारे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ उसके घर में किए प्रदर्शन को न भूले। अपनी बढिय़ा बल्लेबाजी के दम पर हमने ऑस्ट्रेलिया में उससे टेस्ट सीरीज जीती। हमने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के दम पर इंग्लैंड से उसके घर में टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराई। बुमराह ने बढिय़ा गेंदबाजी की और हम सभी जानते हैं कि वह कितने बेहतरीन गेंदबाज हैँ। बुमराह बस दूसरे छोर से जो सहयोग चाहते बस उन्हें वही पहले टेस्ट में सेंचुरियन में नहीं मिला। सच कहूं कि यदा-कदा ऐसा होता है। हमारे तीनों अन्य गेदबाजों ने वाकई बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें बहुत कामयाबी नहीं मिली। पहले टेस्ट की तरह टेस्ट आपको बहुत कुछ सिखाता है मसलन गेंदबाजी में एक इकाई के रूप में आपको क्या करना है। उम्मीद करता हूं कि हमारे गेंदबाज यह समझेेंगे कि उनसे कहां गलती हुई और अगले टेस्ट में और मजबूती से गेंदबाजी करेेंगे। जहां तक प्रसिद्ध की बाात है कि उनमें वह कम अनुभवी है लेकिन उनके पास दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गेंदबाजी के लिए सब कुछ था। हमारे कुछ गेंदबाज चोट के कारण हमें इस दौरे के लिए उपलब्ध नहीं थे। हमें जो गेंदबाज उपलब्ध थे हमने उन्हीं में गेंदबाजों को चुना।’