शाहरुख खान- फौजी का सफर जवान तक का सफर

विवेक शुक्ला

शाहरुख खान का जलवा बरकरार है। ‘पठान’ के बाद ‘जवान’ हिट हो गई है। सब जगह शाहरुख खान नजर आ रहे हैं। अब खबर आ रही है कि शाहरुख खान को हर समय महाराष्ट्र पुलिस के 6 पुलिस कमांडो मिलेंगे। उन्हें पूरे भारत में सिक्योरिटी दी जाएगी और वे एमपी-5 मशीन गन, एके-47 असॉल्ट राइफल और ग्लॉक पिस्तौल से लैस होंगे। उनके घर पर भी हर समय चार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। मतलब करीब तीसेक साल पहले दिल्ली से मुंबई गया का नौजावन अब किंग खान बन चुका है। शाहरुख खान के पारिवारिक मित्र,लेखक और प्रख्यात वास्तु विशेषज्ञ डॉ. जेपी शर्मा कहते हैं कि शाहरुख खान अब भी वैसे ही जैसे व दिल्ली के दिनों में थे। वे बेहतरीन इंसान हैं। वे यारों-दोस्तों को भूलते नहीं हैं।

हालांकि सफलता अपनी कीमत मांगती है। उस कीमत को शाहरुख खान को भी चुकाना पड़ा। अब वे शाहरुख खान से किंग खान सफल बिजनेसमैन भी बन गए। पर इसके बदले में उनसे उनका शहर और वहां के य़ार-दोस्त कहीं पीछे छूटने लगे है।

शाहरुख खान का अपने शहर दिल्ली में आना जाना लगातार कम होता जा रहा है। इसी शहर के न्यू राजेन्द्र नगर में उनका जन्म हुआ, सेंट कोलंबस स्कूल, हंसराज कॉलेज और जामिया में वे पढ़े-लिखे। उनकी पत्नी गौरी भी दिल्ली से है। उसने शाहरुख खान से तब शादी की थी जब शाहरुख खान को बुलंदियों को छूना था।

वे दिल्ली में कमोबेश पत्नी गौरी के घर ही आते। जब तक फौजी सीरियल वाले कर्नल कपूर थे तो वे दिल्ली आने पर उनसे मिलना नहीं भूलते थे। पर कपूर साहब 2019 में चल बसे। इसके बाद कोरोना ने दो-ढाई साल तक जिंदगी की रफ्तार को रोक दिया।

पठान के बहिष्कार के शोर के बीच शाहरुख खान ऑटो एक्सपो में कुछ देर के लिए आए और वापस मुंबई चले गए। ना प्रेस से मिले और ना ही अपने दोस्तों-यारों से। डॉ. जेपी शर्मा कहते हैं कि वे इसी दिल्ली के गौतम नगर में रहे, एनएसडी से बंगाली मार्केट के रास्ते को, उन्होंने ना जाने कितनी बार पैदल नापा। फौजी सीरीयल की शानदार सफलता से उन्हें अखिल भारतीय स्तर पर पहचान मिल गई थी। फौजी की कामयाबी के बाद वे मुंबई चले गए। मुंबई में वे हर पल आगे बढ़ते रहे। गौतम नगर वाला शख्स अरब सागर की लहरों को लगभग छूते सैकड़ों करोड़ रुपये के विशाल बंगले का मालिक बन गया। उसकी बड़े घर में रहने की मन्नत पूरी हो गई।

शाहरुख खान राजधानी के तारीखी एहले इस्लाम कब्रिस्तान,जिसे दिल्ली वाले दिल्ली गेट कब्रिस्तान भी कहते हैं करीब करीब डेढ़ साल पहले कब्रिस्तान में अपने अब्बा और अम्मी की कब्र पर फूल चढ़ाने और फातिहा पढ़ने के लिए आए थे। वह शबे बारात का दिन था और शाहरुख खान अपने कुछ दोस्तों के साथ पहुंचे थे। वे अपने अब्बा ताज मोहम्मद और अम्मी फातिमा जी की सगमरमर के पत्थरों से बनी मजारों पर पहुंचे और उन्हें खिराजे अकीदत पेश किया। वे वहां पर कुछ देर तक बैठ गये थे। वास्तव में वे बहुत भावुक पल थे।

मुमकिन है कि दिल्ली में सियासत करने वाली नौजवान पीढ़ी ताज मोहम्मद खान के नाम और काम से वाकिफ ना हो। लेकिन, हमें पता है कि आप उनके बेटे को बहुत अच्छी तरह जानते हैं! वह हैं शाहरुख खान। डॉ. जेपी शर्मा बताते हैं कि शाहरुख खान के पिता ताज मोहम्मद सोशल वर्कर थे और फ्रंटियर सूबे (अब पाकिस्तान) में स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े हुए थे। देश मजहब के नाम पर बंटा। मोहम्मद अली जिन्ना की अगुवाई में मुस्लिम लीग का पृथक इस्लामी राष्ट्र का सपना 14 अगस्त 1947 को पूरा हो गया। लेकिन ताज मोहम्मद जैसे बहुत से कुछ मुसलमानों को जिन्ना का पाकिस्तान मंजूर नहीं था। इन्हें मुसलमान होने के बाद भी इस्लामी मुल्क का नागरिक बनना नामंजूर था। बस, इसीलिए वे पाकिस्तान छोड़कर कांग्रेसी नेता मोहम्मद यूनुस और डब्ल्यू.एम.बाबर के साथ दिल्ली आ गये। आमतौर पर यही माना जाता है कि देश बंटा तो भारत के विभिन्न सूबों से मुसलमानों ने पाकिस्तान का रुख कर लिया।

शाहरुख खान की अम्मी फातिमा लतीफ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की करीबी थीं और दिल्ली की फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट भी रहीं। मजिस्ट्रेट बनने से पहले वो इंदिरा गांधी के निजी स्टाफ में भी थीं। वो खातिर नाम से एक रेस्तरां भी चलाया करती थीं। खातिर में फातिमा लतीफ ने पाकिस्तान की मशहूर लोक गायिका रेशमा का भी कार्यक्रम आयोजित करवाया था। खातिर का पहले नाम रेंबल था। डॉ. शर्मा की सलाह पर फातिमा लतीफ ने उसका नाम खातिर कर दिया था। जब खातिर चल रहा था तब शाहरुख खान थियेटर और टीवी के मशहूर धारावाहिक “फौजी” की शूटिंग में बड़ा कलाकार बनने के लिए संघर्षरत थे। शाहरुख खान की अम्मी मेजर जनरल शाह नवाज खान की दत्तक पुत्री थीं, जिन्होंने सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना में एक जनरल के रूप में कार्य किया था।

शाहरुख खान ने एक बार बताया था कि फौजी प्रसारित होने लगा तो इसके कलाकार जनपथ मार्केट, करोल बाग, बंगाली मार्केट में घूमने लगे। इस बहाने फौजी का प्रचार भी हो जाता। फौजी के कलाकार जनपथ में आदर्श स्टोर या डी-पॉल्स में खडे होकर कॉफी पीकर निकल जाते थे।

बहरहाल, शाहरुख खान पुलिस को मिली सुरक्षा का स्वागत होना चाहिए। खुफिया जानकारी मिली थी की शाहरुख खान को जान का खतरा है। हाल ही में उनकी फिल्म पठान और जवान के हिट होने के बाद शाहरुख अंडरवर्ल्ड और गैंगस्टार के निशाने पर है। इससे पहले सिर्फ 2 पुलिस वाले ही उनकी सिक्योरिटी में थे। किंग खान को मिली Y+ सिक्योरिटी का खर्चा खुद शाहरुख खान उठाएंगे। इसका भुगतान एक्टर को महाराष्ट्र सरकार को करना होगा। इससे पहले बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को पिछले साल लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकियों के बाद Y+ सुरक्षा सिक्योरिटी प्रोवाइड की गई थी। वहीं शाहरुख खान का का मुंबई अंडरवर्ल्ड के साथ टकराव रहा है और उन्हें खतरों का सामना करने के लिए जाना जाता है।