- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के भौतिक विज्ञान विभाग में मैटेरियल्स एंड डिवाइसेज पर दो दिनी चौथी राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस- एनसीएमडी-2023 का अविस्मरणीय अनुभवों के संग समापन, डिवाइस डवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत टीएमयू का आईआईटी, दिल्ली के संग कोलाबोरेशन
रविवार दिल्ली नेटवर्क
- फील्ड इमिशन तकनीक में नैनोमैटेरियल्स की महत्वपूर्ण भूमिका: शान्तनु घोष
- कृषि में टेरा हर्ट्ज़ तकनीक के प्रयोग से कम होगी पानी की खपत: प्रो. अनिल कुमार
- लिक्विड क्रिस्टल हर जगह मौजूद, डीएनए भी एक तरह का लिक्विड क्रिस्टल: डॉ. जयप्रकाश
- डॉ. अमित शर्मा ने कॉन्फ्रेंस की समरी, जबकि डॉ. विष्णु श्रीवास्तव ने दिया वोट ऑफ थैंक्स
- दो दिनी नेशनल कॉन्फ्रेंस के तकनीकी सत्र में कुल 50 रिसर्च पेपर किए गए प्रस्तुत
आईआईटी, दिल्ली के प्रो. शान्तनु घोष ने महत्वपूर्ण घोषणा की, तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद और आईआईटी, दिल्ली मिलकर डिवाइस डवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत फील्ड इमिशन बेस्ड प्रोटोटाइप्स बनाने में काम करेंगे। इसके लिए तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद से हमारा पहले ही कोलाबोरेशन हो चुका है। मेटल इंसुलेटर नैनोकंपोजिट फिल्मस फॉर इलेक्ट्रॉन इमिशन, मैगनेटिक स्टोरेज एंड सर्स एप्लीकेशंस पर बोलते हुए प्रो. घोष ने कहा, फील्ड इमिशन टेक्नोलॉजी में नैनोमैटेरियल्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। फील्ड इमिशन टेक्नोलॉजी के जरिए बेहतर डिस्प्ले डिवाइसेज, इमेजिंग डिवाइसेज और एक्स-रे जनरेटर बनाए जा सकते हैं। प्रो. घोष तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के भौतिक विज्ञान विभाग में मैटेरियल्स एंड डिवाइसेज पर आयोजित दो दिनी चौथी राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस- एनसीएमडी-2023 के समापन मौके पर बतौर मुख्य वक्ता ऑनलाइन बोल रहे थे।कॉन्फ्रेंस में बतौर अतिथि वक्ता- यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के प्रो. अनिल कुमार चौधरी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डॉ. जयप्रकाश, एडवांस्ड सेंसर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के निदेशक डॉ. श्याम सुदंर तिवारी और एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता के डॉ. सुजय घोष, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रो. कमलेश पाण्डेय बतौर सेशन चेयर मौजूद रहे। फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के डायरेक्टर एवं कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने वैलिडिक्टरी भाषण दिया और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरिए किए। कॉन्फ्रेंस कन्वीनर डॉ. अमित शर्मा ने कॉन्फ्रेंस की समरी प्रस्तुत की, जबकि कॉन्फ्रेंस सेक्रेटरी डॉ. विष्णु श्रीवास्तव ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। अंत में सभी अतिथियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कॉन्फ्रेंस के तकनीकी सत्र में 28 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए, जबकि दोनों दिन में कुल 50 रिसर्च पेपर प्रस्तुत हुए। संचालन रिसर्च स्कॉलर मिस महक परासर ने किया।
यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के प्रो. अनिल कुमार चौधरी ने डवलपमेंट ऑफ सम एलटी/एसआई गैलियम आर्सेनाइड सेमीकंडक्टर एंड ऑर्गेनिक क्रिस्टल्स बेस्ड टेरा हर्ट्ज़ सॉर्सेंज फॉर स्पेक्ट्रोस्कोपी एंड टू डी इमेंजिंग ऑफ ऑर्गेनिक एंड हाई एनर्जी मैटेरियल्स पर अपना व्याख्यान दिया। प्रो. चौधरी बोले, टेरा हर्ट्ज़ तकनीकी का प्रयोग एग्रीकल्चर, विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने और छिपे हुए ऑब्जेक्ट को सर्च करने में बेहद कारगर है। एग्रीकल्चर में टेरा हर्ट्ज़ तकनीक के प्रयोग से पानी की खपत को कम किया जा सकता है। विस्फोटक पदार्थ एक्स-रे तकनीक से जांच करते समय विस्फोट कर सकते हैं, लेकिन टेरा हर्ट्ज़ तकनीक में विस्फोट का डर नहीं रहता है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डॉ. जयप्रकाश ने लिक्विड क्रिस्टल एंड नैनो कम्पोजिट्स एंड देयर एप्लिकेशंस पर बोलते हुए कहा, लिक्विड क्रिस्टल हर जगह मौजूद हैं, जैसे- डीएनए भी एक तरह का लिक्विड क्रिस्टल ही है। लिक्विड क्रिस्टल का उपयोग डिस्प्ले डिवाइसेज़ बनाने में किया जा रहा है। नैनोपार्टिकिल्स को लिक्विड क्रिस्टल में डोपिंग करके डिस्प्ले की क्वालिटी को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही लिक्विड क्रिस्टल को मेमोरी डिवाइस के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है। मसलन जब किसी डिस्प्ले की पॉवर को बंद कर दिया जाता है तो डिस्प्ले पर लिखा भी हट जाता है, लेकिन लिक्विड क्रिस्टल से लिखने पर और कुछ सेकेंड एक बार पॉवर देकर भी तीस दिनों तक डिस्प्ले पर देखा जा सकता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस में कन्वीर्न्स-डॉ. दीप्तोनील बनर्जी, डॉ अमित कुमार शर्मा, के संग-संग फैकल्टीज़ प्रो. एसपी पाण्डेय, डॉ. पवन कुमार सिंह, डॉ. अमित गंगवार, प्रो. आरके जैन, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. गन्धर्व कुमार, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. जरीन फारूख़, डॉ. संकल्प गोयल आदि के अलावा रिसर्च स्कॉर्ल्स और फिजिक्स विभाग के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।