वसुन्धरा राजे की घोषणा – मैं नही लें रही राजनीति से सन्यास, राजस्थान से बाहर कही नही जा रही…

  • कांग्रेस ने देर रात 23 उम्मीदवारों की छठी सूची जारी की एक सीट आरएलडी के लिए छोड़ी
  • कांग्रेस और भाजपा के शेष अधिकृत उम्मीदवार अब नामांकन दाखिल करने के अन्तिम दिन ही भरेंगे नामांकन

गोपेंद्र नाथ भट्ट

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा राजनीति से सन्यास लेने सम्बन्धी बयान की देश प्रदेश में आज काफी चर्चा रही लेकिन स्वयं वसुन्धरा राजे ने ही इसका खण्डन करते हुए कहा कि मैं राजस्थान से बाहर कही नही जा रहीं। मैंने अपने बेटे सांसद दुष्यन्त सिंह के परिप्रेक्ष्य में कहा था कि पहले मुझे उसकी चिन्ता रहती थी लेकिन अब उसकी परिपक्वता देख मुझे लगता है कि अब उसके लिए निश्चिन्त होने का समय आ गया है।इसका अर्थ यह नही है कि मैं राजनीति से सन्यास ले रही हूँ। उन्होंने झालावाड़ में झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से अपना पर्चा दाखिल करते हुए पुनः कहा कि झालावाड से मेरा साढ़े तीन दशक का साथ रहा है और यहाँ से यह मेरा 10वीं बार का नामांकन है। आज मैं जो कुछ भी हूं, झालावाड़ परिवार के सहयोग और आशीर्वाद की बदौलत ही हूं।

राजस्थान विधान सभा के लिए इस माह के अंतिम सप्ताह में होने वाले चुनाव के लिए अब कांग्रेस और भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार नामांकन दाखिल करने के अन्तिम दिन छह नवम्बर को ही अपने नामांकन पत्र जमा करा पायेंगे। हालाँकि दोनों दलों के कुछ उम्मीदवारों ने अपने आपको पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बता कर नोमिनेशन फार्म जमा करवायें है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख दलों ने अपने अपने दलों में असन्तोष और बगावत को रोकने के लिए ऐन वक्त पर पार्टी केंडिडेट को अपना चुनाव चिन्ह जारी करने की नीति अपनाई है।ऐसे में दोनों पार्टियों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की अंतिम सूचियाँ जारी नही की हैं। दोनों दलों में अभी भी बगावत की आग सुलग रही है । भाजपा ने अपनी पहली सूची में सात सांसदों को टिकट दिया था उसके बाद भारी असन्तोष देखा गया और पार्टी के कई नेता दल बदल कर दूसरे दल की प्रत्याशी भी बन गए। उसके बाद कांग्रेस में भी ऐसे ही दृश्य देखें जा रहें हैं।

राजस्थान विधान सभा चुनाव के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने शनिवार देर रात राजस्थान के शेष 44 सीटों में से 23 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है ।कांग्रेस ने एक सीट राष्ट्रीय लोक दल के कोटे से मंत्री सुभाष गर्ग के लिए छोडी है।

सूची में हवा महल से राज्य के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी का टिकट काट दिया गया है, उनकी जगह जयपुर शहर जिला अध्यक्ष आर आर तिवारी को टिकट दिया है। वहीं विद्याधर नगर से पिछली बार हारे सीताराम अग्रवाल को टिकट दिया गया है।

वहीं भरतपुर की सीट इंडिया एलाइंस के लिए छोड़ दी है वहां से राष्ट्रीय लोक दल के सुभाष गर्ग को टिकट दिया जाएगा जोकि वर्तमान में गहलोत मंत्रिपरिषद के सदस्य भी है।

आदिवासी बहुल डूंगरपुर के चौरासी से एआईआईसी के पूर्व सचिव और बाँसवाड़ा डूंगरपुर के पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा को टिकट दिया गया है।

कांग्रेस ने अब तक 179 (एक सीट आरएलडी) सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए है इसके बावजूद अभी भी 21 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची आना बाकी है।

राज्य के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी का टिकट काटने से लगता है कि कोटा से नगरीय विकास मंत्री शान्ति धारीवाल और आरटीडी सी अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ के टिकटों पर अब भी संकट के बादल घीरे हुए है। कांग्रेस की अंतिम सूची रविवार और सोमवार को आने पर स्थिति साफ़ हों जायेंगी। इन तीनों नेताओं को कांग्रेस हाई कमान विगत 25 सितम्बर की घटना का दोषी मान रहा है।

इधर भाजपा अब तक अपने 184 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है लेकिन उसको भी अपने 16 और प्रत्याशियों की सूची जारी करनी है। संभवत भाजपा भी रविवार को अपनी अंतिम सूची जारी कर देंगी।

प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनने के प्रयास में बीएसपी,आम आदमी पार्टी,जेपी जनता पार्टी,माकपा,बीटीपी,आरएलपी और अन्य दलों के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में ताल ठोकने को उतर रहें है ।नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तिथि नौ नवम्बर है ।इसके बाद ही पता चलेगा कि मैदान में कुल कितने प्रत्याशी बचते है तथा कहाँ सीधा मुक़ाबला होंगा एवं कहा त्रिकोणा और कहा कहा चतुष्कोणीय तथा बहु कोणीय मुक़ाबला होंगा। इस बार भी चुनावी समर में कई दिलचस्प किस्से देखें और सुने जायेंगेएवं कई नए रिकार्ड भी बनेंगे। इसकी शुरुआत भी हो गई है। भाजपा में वसुन्धरा राजे के समर्थक और पूर्व मन्त्री यूनुस खान ने शनिवार को भाजपा से त्यागपत्र देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।राजस्थान में भाजपा ने अभी तक किसी मुस्लिम को टिकट नही दिया है।

राजस्थान में आज चुनाव पर्चा भरने वालों की बहार देखी गई । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपने कुछ उम्मीदवारों के नामांकन के वक्त मौजूद रहें।कल रविवार होने के कारण नामांकन पत्र नही भरें जायेंगे और सोमवार को अंतिम दिन पर्चा दाखिल कर अपना शक्ति प्रदर्शन करने वालों की भीड़ दिखेंगी।

देखना होंगा कि चुनावी पर्चा भर इस कठिन परीक्षा में सफल होने की कसौटी में कितने लोग तीन दिसम्बर को आने वाले चुनाव परिणामों में पास होंगे यह देखना दिलचस्प होंगा ?