हम कोई मंदिर का घंटा नहीं जो कोई भी बजा जाए….

We are not a temple bell which can be rung by anyone

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान में तपते सूरज के साथ लोकसभा चुनाव की गर्मी भी बढ़ती जा रही है और सभी दलों के नेताओं ने चुनाव प्रचार में दमखम लगा दिया है।भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के दौरे भी परवान पर चढ़ रहे हैं। राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों का चुनाव पहले दो चरणों में ही संपन्न हो जाएगा इसलिए सभी पार्टी के नेताओं का ध्यान राजस्थान पर केंद्रित है।भाजपा प्रदेश की सभी सीटों पर जीत के लिए इस बार भी गंभीर दिख रही है तथा अपने निवर्तमान 24 सांसदों में से 12 सांसदों राहुल कसवां (चुरू), रामचरण बोहरा (जयपुर शहर्व), सुभाष बहेडिया(भीलवाड़ा),नरेंद्र कुमार खीचड़(झुंझुनू),कनक मल कटारा(बांसवाड़ा डूंगरपुर),अर्जुन लाल मीणा(उदयपुर), डॉ मनोज राजोरिया(करौली धौलपुर),निहाल चंद मेघवाल(श्री गंगा नगर),रंजीता कौली(भरतपुर),देवजी पटेल(जालौर सिरोही) तथा जसकौर मीणा(दौसा) के टिकट काट कर 14 स्थानों पर नए चेहरे उतारे है। भाजपा ने नागौर की सीट पिछली बार रालौपा के हनुमान बेनीवाल को समझौता में दी थी। भजनलाल शर्मा मंत्रिपरिषद में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी(राजसमंद),केबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़(जयपुर ग्रामीण) और अलवर के पूर्व सांसद बालक नाथ के विधायक बन जाने से उनके स्थान पर नए चेहरे चुनाव मैदान में सामने लाए गए हैं । इसके साथ ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए बांसवाड़ा डूंगरपुर के दमदार आदिवासी नेता महेन्द्र जीत सिंह मालविया और नागौर के कांग्रेसी परिवार की सदस्य ज्योति मिर्धा को भी क्रमशः बांसवाड़ा डूंगरपुर तथा नागौर सीट पर चुनाव मैदान में उतारा गया हैं। भाजपा की ओर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा , केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर,भूपेंद्र यादव अलवर, अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर और कैलाश चौधरी बाड़मेर सीट से अपना भाग्य अजमा रहे हैं।

भाजपा ने इस बार और भी व्यवस्थित ढंग से चुनावी रणनीति अपना कर अपने सभी क्षत्रपों को चुनाव मैदान में झौक दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह एवं अमित शाह के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा तथा अन्य केंद्रीय नेताओं एवं भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी राजस्थान का धुंआधार दौरे कर रहें हैं। विशेष कर कमजोर दिखने वाली अथवा टक्कर वाली सीटों चुरू, नागौर, सीकर, झुन्झुनू, बाड़मेर, अजमेर, बांसवाड़ा डूंगरपुर ,जालौर सिरोही,भीलवाड़ा, श्री गंगा नगर आदि पर विशेष फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी और प्रदेश के अन्य नेता भी चुनाव प्रचार में अपना पसीना बहा रहे है।

भाजपा,कांग्रेस और अन्य दलों से बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल हो रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या को देख कर भी भाजपके नेता गण गदगद हो रहे है।

भारतीय जनता पार्टी के सामने इस बार भी राजस्थान की सभी 25 सीटों को जीत कर हैट्रिक लगाने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस के सामने पिछले दो आम चुनावों में प्रदेश की एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं करने के बाद इस बार भी विजय का खाता खोलने की चुनौती है। हालांकि कांग्रेस इस मर्तबा प्रदेश की सभी 25 सीटों पर चुनाव नही लड़ 22 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है और पार्टी ने तीन सीटें सीकर, नागौर और बांसवाड़ा डूंगरपुर को इंडिया एलायंस के लिए छोड़ दिया है। जहां क्रमशः वामपंथी दल माकपा के कामरेड अमराराम, रालोपा के हनुमान बेनीवाल और भारतीय आदिवासी पार्टी बाप के उम्मीदवार राज कुमार रोत मैदान में है।कांग्रेस में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी (भीलवाड़ा )और कुछ विधायकों को छोड़ कर अधिकांश चेहरे नए है। भाजपा से कांग्रेस में आए चुरू सांसद राहुल कसवां उसी सीट पर चुनाव मैदान में है। इसी तरह बाड़मेर में रालौपा से कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदाराम बेनीवाल ने भाजपा की निंद उड़ा रखी हैं।

हालांकि कांग्रेस की बांसवाड़ा डूंगरपुर सीट पर दुविधा पूर्ण स्थिति पैदा हो गई है और इस सीट पर अभी भी कांग्रेस में अंतर्विरोध जारी है। कांग्रेस ने इस सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी बाप को समर्थन देने की घोषणा की है लेकिन पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार अरविंद डामोर द्वारा ऐन वक्त तक नामांकन वापस नही लेकर पार्टी की उलझाने बढ़ा दी है। इसी प्रकार बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधान सभा से भाजपा में शामिल हुए महेंद्र जीत सिंह मालवीय द्वारा इस्तीफा देने से खाली हुई इस सीट पर लोकसभा के साथ ही हो रहे उप चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी एडवोकेट कपूर सिंह ने नाम वापस नही लेकर पार्टी को गंभीर चुनौती दे दी हैंl कांग्रेस पार्टी ने इन दौनों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया लेकिन निष्कासित किए जाने के बाद भी विधायक प्रत्याशी कपूर सिंह ने कहा है कि हम कोई मंदिर का घंटा नहीं जो कोई भी बजा जाए। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि हमारे ही नेता पार्टी को खत्म करना चाहते है। मुझे पार्टी का सिम्बल मिला है और हम चुनाव लडे़ंगे। ये मेरे आत्मसम्मान और पार्टी की लड़ाई है।इसलिए नामांकन वापस नहीं लिया।

राजस्थान में 12 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे और इन लोकसभा सीटों पर 17 अप्रैल को चुनाव प्रचार संपन्न होगा इसलिए दोनों दलों के नेता सबसे अधिक पहले चरण की सीटों पर अधिक ध्यान दे रहें है।

लोकसभा चुनाव के धुंआधार प्रचार अभियान केcमध्य भाजपा और कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार प्रसार को धार देने में जुट गई है। पार्टी अपने उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाओं से लेकर रैलियों के जरिए वोट बैंक को मजबूत करने के जतन में जुटी है। इसी कड़ी में एक ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी विभिन्न जिलों का सघन दौरे कर रहे है।वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पुत्र वैभव गहलोत की सीट जालौर सिरोही पर पूरा दम लगा रहे है। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट आदि के साथ चुनाव के रण में लगे हुए है।

देखना है राजस्थान में तपती धूप में नेताओं की मेहनत क्या परिणाम लाती है?