पीआईबी ने किया तीन नए आपराधिक कानूनों के विषय पर मीडिया कार्यशाला ’वार्तालाप’ का आयोजन

PIB organizes media workshop 'Varwalaap' on three new criminal laws

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के देहरादून स्थित पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा आज पुलिस मुख्यालय में एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के विषय पर मीडिया कार्यशाला ’वार्तालाप’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड पुलिस, महानिदेशक श्री अभिनव कुमार ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों में काफी बदलाव किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता में 190 छोटे- बड़े बदलाव, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 बदलाव किए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि राज्य स्तर पर कानूनों को लागू करने के 6 समितियों का गठन किया गया है। यह जनशक्ति समिति, प्रशिक्षण समिति, सीसीटीएनएस समिति, इंफ्रास्ट्रक्चर समिति, पुलिस मैन्युअल समिति और जागरूकता समिति हैं। नए कानूनों में फोरेंसिक जांच को अत्यधिक प्राथमिकता दी गई है। इस दौरान नई दिल्ली की महानिदेशक ने पत्रकारों को संबोधित कर कहा कि मीडिया को इन तीन नए कानूनों के बारे में विस्तृत चर्चा के लक्ष्य के साथ उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से वार्तालाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इन तीन नए कानूनों का लक्ष्य किसी को दंड देना नहीं, अपितु न्याय देना है।

उपमहानिरीक्षक (प्रशिक्षण) बरिंदरजीत सिंह ने बाताया कि नए कानून पीड़ितों और नागरिकों को ज्यादा अधिकार देते हैं और न्याय व्यवस्था को समय सीमा में बांधने का काम करते हैं। नए कानूनों में फोरेंसिक एविडेंस के माध्यम से कन्विक्शन रेट में भी इजाफा होगा। अपर पुलिस अधीक्षक, पीटीसी नरेंद्रनगर श्री शेखर सुयाल ने तीन नए आपराधिक कानूनों पर जानकारी देते हुए बताया कि पहले के कानूनों में लंबित मामलों की संख्या में बढ़ोतरी दर की समस्या को नए कानून सुधारेंगे। नए कानूनों के तहत जब्ती के मामले में वीडियोग्राफी अब अनिवार्य कर दी गई है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सहायक विवेचना अधिकारी श्री जावेद अहमद ने कहा कि नए कानून का मकसद न्यायिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करना है। इसमें अपराध जैसे संगठित अपराध, आतंकवाद अपराध, भारत की अखंडता और संप्रभुता को आघात पहुंचाने वाले अपराध जोड़े गए हैं। कार्यक्रम में पीआईबी देहरादून के उप निदेशक श्री रोहित त्रिपाठी ने पुलिस विभाग के सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद प्रेषित किया। उन्होंने कहा कि बेहतर जनतंत्र के लिए इन तीन कानूनों को लागू किया जाएगा।

इस मौके पर उत्तराखंड पुलिस के अपर महानिदेशक सीबीसीबाईडी डॉ. वी मुर्गेशन, अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था ए पी अंशुमन सहित पुलिस विभाग और पीआईबी के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।