गरीब परिवार की महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम बन रही है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

Pradhan Mantri Ujjwala Yojana is becoming a medium of empowerment for women from poor families

रविवार दिल्ली नेटवर्क

रायपुर : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना गरीब परिवार की महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम बन रही है। देश के अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 36 लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
एक समय ऐसा था जब उच्च और उच्च मध्यम परिवारों के घरों में रसोई गैस कनेक्शन होता था। गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए ऐसी सुविधा जुटाना एक सपने जैसा था। गरीब परिवारों की महिलाओं को परिवार संभालने की जिम्मेदारी के साथ-साथ असुविधाजनक ढ़ंग से लकड़ी या कोयले के माध्यम से चूल्हे में खाना पकाना पड़ता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की गरीब महिलाओं की दिक्कतें को समझते हुए तथा उनके सशक्तिकरण के लिए इस योजना की शुरूआत 2016 में की।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में छत्तीसगढ़ में अबतक 36 लाख से अधिक गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं। रसोई गैस मिलने से किचन का वातावरण काफी सुविधाजनक हो गया है। महिलाओं को धुल धुएं से मुक्ति मिल गई है। खाना पकाने में उन्हें काफी कम समय लग रहा है। महिलाओं के समय में भी बचत हो रही है।

लाभार्थियों की जुबानी-

रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के ग्राम भुइयांपानी निवासी विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर परिवारों के 60 वर्षीय नान्हीबाई ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें जंगल जाना नहीं पड़ता। ना ही मजबूरी में खाना बनाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करनी पड़ती हैं। जंगल से लकड़ी लाने में जंगली जानवरों का खौफ रहता था। चूल्हे के धुंए से भी राहत मिल रही हैं। बैकुण्ठपुर निवासी हितग्राही 30 वर्षीय श्रीमती रामबाई, 55 वर्षीय श्रीमती मानकुंवर बाई, 25 वर्षीय श्रीमती दुर्गा, 35 वर्षीय फूलबासन बाई, 31 वर्षीय श्रीमती ऊषा बाई ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले भोजन बनाते समय धुआं के कारण खांसी और आंख से आंसू बहते थे। अब गैस-चूल्हा मिलने से इस समस्या से छुटकारा मिल गया है। श्रीमती फूलबासन बाई कहती है कि गैस चूल्हा से खाना बनाना काफी आसान हो गया है। बर्तन भी काले नहीं होते हैं। यह योजना परिवार के लिए और पर्यावरण के लिए भी बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रही है। गैस चूल्हा होने से पेड़ की कटाई भी रूकेगी और हरियाली भी बने रहेगी।