रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में नाबार्ड की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक ली। सीएस ने लोक निर्माण, सिंचाई, पशुपालन, स्कूली शिक्षा, कौशल व तकनीकी शिक्षा विभाग को 24 घंटे की डेडलाइन देकर अवशेष 383.11 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट तत्काल नाबार्ड को भेजने के निर्देश दिए। सीएस ने 31 जुलाई की समयसीमा निर्धारित करते हुए सभी विभागों को वित्त विभाग को डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विभागों को भविष्य में नाबार्ड की समय सीमा के अनुसार ही अपने प्रोजेक्ट के बजट बनाकर समयबद्धता से भेजने की सख्त हिदायत दी है। इसके साथ ही सीएस ने विभागों को शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) के तहत पार्किंग, मलिन बस्तियों के पुनर्विकास एवं शहरी वनीकरण के प्रोजेक्ट को शीर्ष प्राथमिकता पर नाबार्ड को भेजने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विभागों को दिए गए लक्ष्य के 50 प्रतिशत प्रोजेक्ट 30 जून, 60 प्रतिशत प्रोजेक्ट 31 जुलाई तथा 100 प्रतिशत प्रोजेक्ट 15 अगस्त तक वित्त विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने वित्त विभाग को भी प्रतिपूर्ति हेतु बिल नाबार्ड में जमा कराने हेतु प्रत्येक चार माह का टारगेट दिया है। मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग को जलस्रोतों एवं नदियों के पुनर्जीवीकरण के प्रोजेक्ट नाबार्ड हेतु प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि राज्य के ग्रामीण विकास में नाबार्ड द्वारा प्राप्त होने वाली वित्तीय सहायता का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि वित्त विभाग ने 360.47 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट प्राप्त किए हैं। जिनमें सिंचाई से 77.40 करोड़ के 10, लोक निर्माण से 193.11 करोड़ के 89, तकनीकी शिक्षा से 66.96 करोड़ के 4, पशुपालन से 9.52 करोड़ का 1, ग्रामीण निर्माण विभाग से 13.4811 करोड़ के 5 प्रोजेक्ट हैं। राज्य में नाबार्ड के तहत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि से 2.05 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधाओं का सृजन एवं पुनरूद्धार किया गया है। लगभग 14,766 किमी ग्रामीण सड़कों के नेटवर्क का निर्माण एवं सुधार किया गया है। 27307 मीटर ब्रिज का निर्माण हो चुका है। इसके अलावा 23.77 लाख ग्रामीण आबादी को पेयजल सुविधा मिल चुकी है। 241 स्कूल एवं आईटीआई का निर्माण एवं पुनरूद्धार हो चुका है। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, सीजीएम नाबार्ड सहित वित्त, लोक निर्माण, सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।