रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : अग्निवीर अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर आशंकित न रहें इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को ठोस योजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। यहां के युवा बड़े पैमाने पर भारतीय सेना में भर्ती होते हैं। सेना में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर्ड जवानों को नियोजित करने में राज्य सरकार अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि सेना में 4 साल पूरे होने के बाद भी अग्निवीरों को राज्य में नौकरी व रोजगार के भरपूर अवसर मिलें। रिटायर्ड अग्निवीरों का राज्य की सेवा में भरपूर उपयोग किया जाएगा ताकि उनके नियोजित होने के साथ ही वे भी राज्य के विकास में सहभागी बन सकें। सैनिक कल्याण विभाग इस सम्बंध में प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि मैं खुद एक सैनिक परिवार में पैदा हुआ हूँ। जब देश में यह योजना आई थी, उस समय भी हमने राज्य के बहुत सारे सैनिक अफसरों, सेना के लोगों के साथ, जवानों के साथ, जो सेना में अपना पूरा जीवन लगाकर आए हैं, सबके साथ हमने बैठक की थी और मैंने जून 2022 को ही कहा था कि पुलिस समेत जितने भी हमारे राज्य के अंदर विभाग हैं, हम उनको उन विभागों में समायोजित करेंगे, उनको प्राथमिकता देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अग्निवीरों के लिए आरक्षण का प्रावधान करना होगा तो मंत्रिमंडल में निर्णय करके हम आरक्षण का प्रावधान भी करेंगे और अगर कोई एक्ट बनाना होगा तो वह भी हम विधानसभा में जरूर लेकर आएंगे।