रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : उत्तराखण्ड में मिलेट, हाई टेक एप्पल नर्सरी, पोस्ट हार्वेस्ट इंफ्रा, कीवी फार्मिंग, हनी और महक पॉलिसी व झंगोरा के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के निर्धारण पर तेजी से कार्य चल रहा है। इसके साथ ही राज्य में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने तथा किसानों की सुविधा व हित को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सेतु आयोग व कृषि एवं उद्यान विभाग की बैठक में यूटीपीएडीएसी में संशोधन के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए उद्यान विभाग को 15 दिन की डेडलाइन दी है। इस संबंध में सब्सिडी वितरण को तीन किश्तों में 80, 10 व 10 प्रतिशत किए जाने पर चर्चा की गई। वर्तमान पॉलिसी के तहत 171 एकड़ क्षेत्र में सेब उत्पादन के प्रस्ताव के संबंध में अभी तक 436 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। हाईटेक एप्पल नर्सरी पॉलिसी के संबंध में मुख्य सचिव ने सभी स्टेक होल्डर्स के साथ चर्चा करने के बाद पॉलिसी को अंतिम रूप में जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रा पॉलिसी में वांछित संशोधन के बाद इसे राज्य से फंडिंग करवाने के साथ अंतिम रूप में प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। कीवी कल्टीवेशन पॉलिसी को एक सप्ताह से पहले फाइनल में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने कीवी उत्पादकों को 80, 10 व 10 प्रतिशत की तीन किश्तों में सब्सिडी वितरण पर चर्चा की है। राज्य में एकीकृत मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई जा रही हनी पॉलिसी को फाइनल करने के लिए मुख्य सचिव ने उद्यान विभाग को 4 सप्ताह की डेडलाइन दी है। उन्होंने मिलेट पॉलिसी में वांछित संशोधन कर इसे भी जल्द से जल्द फाइनल करने के निर्देश दिए हैं। मिलेट पॉलिसी के तहत मिलेट्स की उत्पादकता बढ़ाने तथा क्षेत्र विस्तार पर फोकस किया जाएगा। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में गेहूं व चावल की खेती से मिलेट्स की खेती में शिफ्ट करने के विजन के साथ पॉलिसी पर कार्य किया जाए। उन्होंने मिलेट्स की खेती से राज्य के किसानों को मिलने वाले कार्बन क्रेडिट पर भी जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने झंगोरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को निर्धारित करने के प्रस्ताव को भी जल्द प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में मिलेट्स उत्पादन के सटीक आंकडे़ जुटाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में फ्लोरीकल्चर की अपार संभावनाओं को देखते हुए मुख्य सचिव ने हल्द्वानी व ऋषिकेश में फूलों की मंडी स्थापित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के साथ ही मंडियों तथा विभागों के मध्य समन्वय के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में सप्लाई चेन को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने एग्रीकल्चर मास्टर प्लान के तहत सॉयल प्रोफाइलिंग के कार्य को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में टीडीसी का नाम परिवर्तित कर उत्तराखण्ड सीड कॉरपोरेशन करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई ।
इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सेतु आयोग वाइस चेयरमैन राजशेखर जोशी सहित कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।