जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम और पुरुषों को संवेदनशील बनाने के लिए नगर सुरक्षा समितियों का प्रशिक्षण

Training of city security committees to prevent gender-based violence and sensitize men

रविवार दिल्ली नेटवर्क

भोपाल : पुलिस उपायुक्त जोन- 4 , भोपाल के तत्वाधान में मुस्कान तथा आरंभ गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में बालिकाओं व महिलाओं पर होने वाली यौन हिंसा व अपराध की रोकथाम हेतु तथा जेंडर सेंसिटाइजेशन हेतु नगर एवं ग्राम रक्षा समिति की क्षमता विकास की जाने हेतु सामुदायिक पुलिस प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमे थाना चूनाभट्टी एवं थाना कोलार के नगर सुरक्षा समिति के 150 सदस्य शामिल हुए । आयोजित कार्यक्रम में “जिम्मेदार मर्दानगी” के महत्व पर चर्चा की गई।

इस कार्यक्रम में NGO संगिनी से प्रार्थना, बचपन से निहारिका एवं उदय संस्थान से शीतल दुबे द्वारा महिला सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, और प्राथमिक चिकित्सा जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस उपायुक्त जोन 04 जितेन्द्र सिंह पंवार,सहायक पुलिस आयुक्त चूनाभट्टी श्रीमति अंजली रघुवंशी,थाना प्रभारी चूनाभट्टी निरीक्षक भूपेन्द्र कौर सन्धू, थाना प्रभारी कोलार संजय सोनी सम्मिलित हुए । साथ ही नगर रक्षा समिति के राजू जौहर जिला संयोजक नगर सुरक्षा समिति थाना कोलार से महेश भटनागर संयोजक नगर सुरक्षा समिति ने भी कार्यक्रम के सुगम संचालन में भूमिका निभाई ।

नगर सुरक्षा समिति की जिम्मेदारियों और भूमिका पर चर्चा: नगर सुरक्षा समिति के कार्यों पर विशेष ध्यान देते हुए, समिति की सामुदायिक पुलिसिंग में भूमिका और जेंडर आधारित हिंसा के रोकथाम में उनकी भागीदारी पर जोर दिया गया।

जेंडर और समाजीकरण के प्रभाव पर चर्चा: जेंडर और जेंडर आधारित समाजीकरण के प्रभावों पर गहराई से चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने जेंडर संबंधी सवाल पूछे और उनके जवाबों पर विचार-विमर्श हुआ।

मिथक और तथ्य: संगिनी की डायरेक्टर प्रार्थना मिश्र ने समाज में महिलाओं और पुरुषों की पारंपरिक छवि और उनसे संबंधित मिथकों पर चर्चा की। जैसे, “महिलाओं को सहनशील बनाया गया है” और “लड़के कभी रोते नहीं”। इन मिथकों के नकारात्मक प्रभावों पर बात की गई और वास्तविकता को समझने पर जोर दिया गया।

लिंग आधारित हिंसा के आंकड़े और समाधान: लिंग आधारित हिंसा के आंकड़ों को स्लाइड प्रजेंटेशन के जरिए दिखाया गया। इसके साथ ही, हिंसा को कम करने में पुरुषों की भूमिका पर विचार किया गया।

आगामी योजनाएं

1. कम्युनिटी पुलिसिंग के अंतर्गत जागरूकता अभियान: नगर सुरक्षा समिति के साथ मिलकर समुदाय में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

2. थानों में बैठकें: नगर सुरक्षा समिति की पूरी टीम के साथ थानों में बैठकें आयोजित की जाएंगी।

3. संस्थाओं के साथ सहयोग: विभिन्न संस्थाओं को शामिल कर जेंडर आधारित हिंसा के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।

4. समुदाय में जागरूकता: समुदाय में सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

परिचय और आइस ब्रेकिंग सत्र

प्रतिभागियों को अपने नाम उनके अंदर कि ताक़त बताने को कहा गया। सभी ने त्योहारों और रैली के दौरान निभाई गई अपनी भूमिका पर चर्चा की। इसके अलावा, प्रतिभागियों की अपेक्षाओं और उनके डर को समझने की कोशिश की गई। समिति के कार्यों पर चर्चा फुरकान द्वारा संचालित इस सत्र में समिति की जिम्मेदारियों और सामुदायिक पुलिसिंग में उनकी भूमिका पर चर्चा हुई। लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ नगर सुरक्षा समिति की सक्रिय भागीदारी पर भी बात की गई।

सत्र के निष्कर्ष

सत्र के अंत में प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति जताई कि लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए जेंडर की सैद्धांतिक समझ होना जरूरी है। सुरक्षा एजेंसियों के लोगों में लैंगिक समानता की समझ बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।

लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ प्रभावकारी हल

लिंग आधारित हिंसा को रोकने में पुरुषों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया और हिंसा के रोकथाम के लिए प्रभावकारी हलों पर चर्चा की गई। ऋचा जैन जी द्वारा आज घर पर सभी साथी पुरुष चाय बनाये और महिला साथी सहयोग करे। इस रिपोर्ट में हुए संवाद और चर्चा को आगे की कार्य योजनाओं में शामिल किया जाएगा, ताकि जिम्मेदार मर्दानगी के कार्यक्रमों के जरिए लिंग आधारित हिंसा को कम करने में और प्रभावशाली कदम उठाए जा सकें।