रविवार दिल्ली नेटवर्क
भोपाल : एम्स भोपाल दो सफल किडनी प्रत्यारोपण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अंग प्रत्यारोपण की दिशा में बड़ी प्रगति की ओर बढ़ रहा है।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक, प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने अंग दान को बढ़ावा देने में समाज की भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “एम्स भोपाल में किडनी प्रत्यारोपण की सफलता हमारी समर्पित टीम की विशेषज्ञता और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में हमारे द्वारा की जा रही प्रगति का प्रमाण है। हालांकि, असली चुनौती लोगों को अंग दान के लिए प्रेरित करने और जीवन बचाने में निहित है। इस नेक कार्य में योगदान देने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए, क्योंकि जीवन का उपहार सबसे बड़ा उपहार है जो कोई दे सकता है।”
वर्तमान में, आठ मरीज प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त दाताओं की प्रतीक्षा सूची में हैं। इन किडनी प्रत्यारोपण की सफलता एम्स भोपाल की अंग प्रत्यारोपण सेवाओं के विस्तार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। संस्थान में जल्द ही हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है, ताकि भविष्य में व्यापक मल्टी-ऑर्गन प्रत्यारोपण सेवाएं प्रदान की जा सकें।
प्रत्यारोपण कार्यक्रम के सफल संचालन के साथ ही अंग दान को लेकर लोगों में झिझक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद, कई लोग अंग दान के लिए आगे नहीं आते हैं, जिससे जरूरतमंद मरीजों और उपलब्ध दाताओं के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है। एक व्यक्ति आठ लोगों को जीवनदान देकर उनके जीवन को बचा सकता है, इसलिए अंग दान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।
एम्स भोपाल अंग प्रत्यारोपण में अपनी क्षमताओं का विस्तार करने और नवीनतम चिकित्सा प्रक्रियाओं के माध्यम से मरीजों की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। संस्थान अंग दान की दर बढ़ाने और प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत है।