ऑनलाइन गेम प्रमोशन ईडी का सितारों पर कसता शिकंजा

ED tightens its grip on stars for online game promotion

संजय सक्सेना

पिछले कुछ वर्षों में भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। लाखों युवा इस दुनिया की ओर आकर्षित हो कर अपना सब कुछ यहां तक की जान भी गवा रहे हैं,वहीं दूसरी तरफ इसके प्रमोशन से बॉलीवुड सितारों से लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स तक करोड़ो रूपये अपनी जेब में डाल रहे है। सलमान खान जैसे बड़े सितारे तक जूपी लूडो खेलने के लिये टीवी व अन्य सोशल प्लेटफार्म पर लोगों को उसकाते हुए नजर आ जाते हैं,यही हाल अन्य गेमों का है,हास्य कलाकार कपिल शर्मा हों या क्रिकटर हरभजन सिंह,युवराज और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ी काफी लम्बी लिस्ट है ऐसे नामों की,यही वजह है जैसे-जैसे यह उद्योग फल-फूल रहा है, इसके साथ ही कानूनी शिकंजा भी कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर अब उन मशहूर हस्तियों पर है जो इन ऑनलाइन गेम्स के प्रमोशन से जुड़े रहे हैं। खासकर उन पर जिनका संबंध संदिग्ध गेमिंग और सट्टा एप्स से रहा है।

क्या है मामला?

ईडी ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुछ ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की जांच शुरू की है। आरोप है कि ये प्लेटफॉर्म्स गेमिंग के नाम पर सट्टा चला रहे हैं और अवैध तरीकों से पैसे का लेन-देन कर रहे हैं। इन कंपनियों ने आम जनता का भरोसा जीतने के लिए फिल्मी सितारों और सोशल मीडिया सेलेब्रिटी का सहारा लिया। जांच के दौरान यह सामने आया कि कई बड़े बॉलीवुड सितारे और यूट्यूब/इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर्स ने मोटी रकम लेकर इन गेमिंग एप्स का प्रचार किया। ये प्रचार वीडियो, विज्ञापन, सोशल मीडिया पोस्ट या लाइव सेशंस के माध्यम से लाखों लोगों को इन प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने में सहायक बने।

किन सितारों पर है शक की निगाह?

हालांकि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, जिन सेलेब्रिटी पर ईडी की नजर है, उनमें कुछ बड़े नाम शामिल हैं। बॉलीवुड अभिनेता’’कुछ शीर्ष स्तर के युवा अभिनेता, जिन्होंने ऑन लाइन लूडो आदि मोबाइल गेम्स और रमी, पोकर जैसे रियल मनी गेम्स के प्रमोशन में भाग लिया है, उनके खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। इनमें से कुछ ने इन ऐप्स के विज्ञापनों में अभिनय किया, जबकि कुछ ने सोशल मीडिया के जरिए प्रचार किया। कॉमेडी और यूट्यूब सितारे’’ स्टैंडअप कॉमेडियन और यूट्यूब इन्फ्लुएंसर्स, जिनकी फैन फॉलोइंग लाखों में है, ने इन प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रमोशनल डील्स साइन किए थे। कुछ मामलों में इन डील्स की रकम करोड़ों में बताई जा रही है। कुछ पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों और टी20 लीग से जुड़े चेहरों ने भी इस इंडस्ट्री में एंट्री ली। ईडी की जांच में यह देखा जा रहा है कि इन हस्तियों को भुगतान किस स्रोत से किया गया, और क्या यह पैसा वैध था।

क्या सिर्फ प्रमोशन करना अपराध है?

यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या किसी सेलेब्रिटी द्वारा प्रमोशन करना ही उन्हें अपराधी बना देता है? विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई सेलेब्रिटी बिना उचित जांच-पड़ताल किए ऐसे प्लेटफॉर्म्स का प्रचार करता है जो बाद में अवैध साबित होते हैं, तो उन्हें जांच में सहयोग करना पड़ सकता है।ईडी का फोकस इस बात पर है कि क्या इन सेलेब्रिटी को यह पता था कि जिस कंपनी का वे प्रचार कर रहे हैं, वह मनी लॉन्ड्रिंग या सट्टा जैसी गतिविधियों में लिप्त है। यदि साबित हो जाता है कि किसी को पूरी जानकारी थी और फिर भी उन्होंने प्रमोशन किया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई संभव है।

ईडी की अब तक की कार्रवाई

ईडी ने इस सिलसिले में कुछ डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियों के दफ्तरों पर छापेमारी की है जो इन सेलेब्रिटी और गेमिंग कंपनियों के बीच कड़ी का काम करती थीं। कुछ बैंकों और पेमेंट गेटवे कंपनियों से भी ट्रांजैक्शन डिटेल्स मांगे गए हैं। इसके साथ ही ईडी ने कुछ सेलेब्रिटी को समन भी भेजे हैं, जिनसे पूछताछ की तैयारी है। इनसे उनके अनुबंधों, भुगतान की विधि और प्रमोशनल सामग्री की जानकारी मांगी जा रही है।

कब बनेंगे गेम के कायदे कानून

उक्त घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर भारत में स्पष्ट और कड़े कानून कब बनेंगे। वर्तमान में कुछ राज्यों में सट्टा और रियल मनी गेम्स पर रोक है, लेकिन एक राष्ट्रीय स्तर की नीति की कमी से ऐसी गतिविधियों को अंधेरे में अंजाम दिया जाता है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक इस क्षेत्र में पारदर्शिता और उचित रेगुलेशन नहीं लाया जाएगा, तब तक ऐसे मामलों में सेलेब्रिटी की भूमिका भी संदेह के घेरे में आती रहेगी।

कुल मिलाकर ऑनलाइन गेमिंग और रियल मनी ऐप्स की दुनिया में चमक-दमक तो बहुत है, लेकिन अब जांच एजेंसियों की नजर भी उसी चमक के पीछे छिपी सच्चाई पर है। जब बड़े सितारे किसी ब्रांड से जुड़ते हैं, तो उसका असर आम जनता पर होता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि वे किस चीज का प्रचार कर रहे हैं, उसकी जिम्मेदारी लें।ईडी की यह जांच इस दिशा में एक बड़ा कदम है,इससे न केवल अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर शिकंजा कसने के लिए, बल्कि प्रमोशन से जुड़े लोगों को भी जवाबदेह बनाने के लिए।