
मनीष कुमार त्यागी
गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) राज्य की औद्योगिक अधोसंरचना को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने के लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त किया जा सके। इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए यूपीसीडा द्वारा साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित 6 किलोमीटर लंबे ‘सौर्य ऊर्जा मार्ग’ के सुंदरीकरण और आधुनिकीकरण हेतु एक महत्त्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है।
इस परियोजना के माध्यम से औद्योगिक मार्ग को हरित, सुरक्षित और स्मार्ट शहरी कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा, जो न केवल क्षेत्र की औद्योगिक छवि को निखारेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों, उद्यमियों व श्रमिकों को एक अत्याधुनिक और बेहतर शहरी अनुभव भी प्रदान करेगा।
‘सौर्य ऊर्जा मार्ग’ होगा स्मार्ट अधोसंरचना और हरियाली से सुसज्जित
योजना के अंतर्गत मार्ग के दोनों ओर हरियाली, प्रतीकात्मक मूर्तियाँ, स्मार्ट सोलर लाइटिंग, फुटपाथ, खाद्य विक्रय (फूड वेंडिंग) क्षेत्र, पर्गोला संरचनाएं, कूड़ेदान तथा सूचनात्मक संकेतक (साइनेज) विकसित किए जाएंगे।
प्रमुख विशेषताएं:
हरित पट्टी और वृक्षारोपण: मार्ग के किनारे और सेंट्रल वर्ज पर अमलतास, गुलमोहर, फाइकस जैसे सजावटी वृक्ष लगाए जाएंगे। साथ ही, ड्यूरांटा और वेडेलिया जैसे ग्राउंड कवर पौधे धूल नियंत्रण एवं वायु शुद्धिकरण में मदद करेंगे।
सौर ऊर्जा एवं स्मार्ट लाइटिंग: ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइट्स और सोलर ट्री लगाए जाएंगे, जो कार्बन उत्सर्जन में 85% तक की कमी लाने में सहायक होंगे और रात्रिकालीन सौंदर्य बढ़ाएंगे।
फुटपाथ एवं छायादार पथ: दिव्यांगजन-अनुकूल टैक्टाइल पाथवे, विश्राम हेतु बेंच और हर 500 मीटर पर सुंदर पर्गोला संरचनाएं बनाई जाएंगी।
कला एवं मूर्तियां: क्षेत्र की औद्योगिक विरासत को दर्शाने वाली थीम आधारित मूर्तियां प्रत्येक 1 किलोमीटर पर स्थापित की जाएंगी।
फूड वेंडिंग ज़ोन एवं पार्किंग: फूड विक्रेताओं के लिए निश्चित क्षेत्र और खुले पार्किंग स्थल प्रमुख स्थानों पर विकसित किए जाएंगे।
स्वच्छता और साइनेज: सम्पूर्ण मार्ग पर स्मार्ट डस्टबिन और दिशासूचक संकेतक लगाए जाएंगे।
परियोजना लागत और रख-रखाव
इस परियोजना की अनुमानित कुल लागत ₹7 करोड़ है, जिसमें ₹2 करोड़ सिविल कार्यों के लिए, ₹1 करोड़ हरियाली एवं लैंडस्केपिंग कार्यों के लिए, तथा ₹4 करोड़ विद्युत एवं लाइटिंग अधोसंरचना पर व्यय किया जाएगा। परियोजना की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु 5 वर्षों के लिए समग्र अनुरक्षण अनुबंध (Comprehensive Maintenance Contract) भी प्रस्तावित है।
परियोजना से अपेक्षित लाभ:
- पर्यावरणीय सुधार: हरियाली और जल प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से स्थानीय तापमान में औसतन 3°C की कमी और धूल स्तर में 60% तक की कमी संभव।
- सामाजिक प्रभाव: नागरिकों एवं श्रमिकों के लिए सुरक्षित पथ, विश्राम स्थल और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
- आर्थिक अवसर: फूड वेंडिंग ज़ोन के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा; पार्किंग से राजस्व प्राप्ति भी संभव।
- सांस्कृतिक पहचान: औद्योगिक कला और मूर्तियों से कॉरिडोर की सांस्कृतिक महत्ता बढ़ेगी।
- दीर्घकालिक स्थायित्व: रख-रखाव अनुबंध परियोजना की गुणवत्ता और स्थायित्व को बनाए रखने में सहायक होगा।
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा, “साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में ‘सौर्य ऊर्जा मार्ग’ का सुंदरीकरण केवल एक अधोसंरचना परियोजना नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश को पर्यावरणीय रूप से सशक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, आर्थिक रूप से जीवंत और रोजगारोन्मुख राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। हमारा उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों को वैश्विक मानकों के अनुरूप स्मार्ट और हरित बनाना है, ताकि निवेशकों, श्रमिकों और आम नागरिकों को एक सुरक्षित, आकर्षक और सतत वातावरण प्रदान किया जा सके। यह परियोजना जहां औद्योगिक क्षेत्र की छवि को उन्नत करेगी, वहीं निर्माण कार्य और फूड वेंडिंग ज़ोन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी। इस नवोन्मेषी पहल के माध्यम से यूपीसीडा, उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।”