एक विदेशी फिल्म निर्देशक ने कहा ‘द कश्मीर फाइल्स’ एक ” वल्गर प्रोपेगेंडा “, बॉलीवुड के दिग्गज चुप,अधिकारी पर गाज गिरनी तय

संदीप ठाकुर

53 वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के जूरी हेड नदव लैपिड । गोवा
में एक हफ्ते तक चले इस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के आखिरी दिन
ज्यूरी हेड के एक बयान ने पहले से विवादास्पद रही फिल्म ‘ द कश्मीर
फाइल्स ‘ काे एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। आरोप प्रत्यारोप का बाजार
गरमा गया है। फिल्म फेस्टिवल के जूरी हेड और इजरायल के फिल्मकार नदव
लैपिड ने भरे मंच से हिंदी फिल्म ” द कश्मीर फाइल्स ” को प्रोपेगेंडा
और भद्दी फिल्म कह दिया था। यह फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा
कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद पलायन की कहानी दिखाती है। उन्होंने आगे
कहा कि ये मूवी हमें एक ‘प्रचार, अश्लील फिल्म’ की तरह लगी। यह फिल्म
इतने बड़े प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए उचित नहीं है। वैसे नदव लैपिड
का कॉन्ट्रोवर्शियल स्टेटमेंट्स से पुराना नाता रहा है। 47 साल के
इजरायली फिल्ममेकर का अपने ही देश से लव-हेट रिलेशनशिप रहा है। उधर
बॉलीवुड के किसी बड़े निर्माता निर्देशक ने अभी तक इस पर कुछ नहीं कहा
है। फिल्म से जुड़े रहे कलाकार बचाव में बयानबाजी जरूर कर रहे हैं।

उनका बयान आते ही शुरू हाे गया खंडन मंडन का सिलसिला। दिल्ली में तैनात
इजरायल के राजदूत ने सुबह होते ही लंबा ट्वीट किया। उन्होंने इजरायल के
फिल्म निर्देशक को इस तरह के बयान देने से बचने की नसीहत दे डाली। फिल्म
निर्देशक को फटकार लगाते हुए इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने ट्वीट में कहा
कि होलोकास्ट सर्वाइवर का बेटा होने के नाते मुझे भारत में प्रतिक्रियाओं
को देखकर बहुत दुख हुआ। दरअसल, भारत में कई लोग होलोकास्ट की याद दिलाने
लगे थे। राजदूत ने कश्मीर मसले पर संवेदनशीलता की भी बात की। ‘कश्मीर
फाइल्स’ में भूमिका निभाने वाले अभिनेता अनुपम खेर ने मशहूर अमेरिकी
फिल्म निर्माता स्टीवन स्पीलबर्ग की होलोकास्ट ड्रामा ‘शिंडलर्स लिस्ट’
की तस्वीरों के साथ ही ‘द कश्मीर फाइल्स’ की एक तस्वीर भी पोस्ट की।
‘शिंडलर्स लिस्ट’ फिल्म 1993 में आई थी, जो जर्मन उद्योगपति ऑस्कर शिंडलर
पर आधारित थी जिन्होंने एक हजार से ज्यादा पोलिश-यहूदी शरणार्थियों को
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बचाया था।

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ कश्मीरी पंडितों के दर्द, संघर्ष और आघात की
कहानी बयां करती है। इसमें 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की
सच्ची घटना दिखाई गई है। विवेक अग्निहोत्री के डायरेक्शन में बनी फिल्म
में पल्लवी जोशी, प्रकाश बेलावडी, अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन
कुमार, भाषा सुम्बली, चिन्मय मंडलेकर, पुनीत इस्सर अहम रोल में दिखे। आगे
बढ़ने से पहले यह भी जानते चलते हैं कि नदव लैपिड हैं कौन ? नदव लैपिड एक
इजरायली स्क्रीन राइटर और फिल्ममेकर हैं। साल 2011 में ‘पुलिसमेन’, 2014
में ‘The Kindergarten Teacher’ और साल 2019 में ‘Synonyms’ नामक फिल्मों
का निर्देशन करने के साथ इसे लिखा भी था।नदव लैपिड साल 2015 में लोकर्नो
फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी, 2016 में कान्स फिल्म फेस्टिवल
में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी और साल 2021 में बर्लिन इंटरनेशनल
फिल्म फेस्टिवल में ऑफीशियल कॉम्पिटिशन जूरी के भी मेंबर रह चुके हैं।