दुर्लभ वन्यप्राणी पेंगोलिन के शिकार एवं तस्करी में दो वर्षों से फरार स्थाई वारंटी 2 आरोपी गिरफ्तार

Permanent Warranty: 2 accused arrested for hunting and smuggling of rare wild animal pangolin, absconding for two years

रविवार दिल्ली नेटवर्क

भोपाल : स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मध्यप्रदेश क्षेत्रीय इकाई जबलपुर, वनमंडल दक्षिण सिवनी, वनमंडल दक्षिण बालाघाट एवं पुलिस थाना लांजी के द्वारा संयुक्त रूप से घेराबंदी कर कचहरी चौक सिवनी से आमिर हुसैन निवासी सिलचर जिला कछार असम एवं अमूल्य मंडल जिला कूच बिहार पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया है।

उक्त आरोपियों के विरूद्ध वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के अर्न्तगत वनमंडल दक्षिण बालाघाट में वन अपराध प्रकरण क्रमांक 11614/20 दिनांक 20 सितंबर 2014 वन्यप्राणी पेंगोलिन के शिकार व उसके अवयवों की तस्करी के संबंध में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। विगत 2 वर्षों से उक्त आरोपी फरार थे तथा इसके विरूद्ध माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी लांजी जिला बालाघाट द्वारा स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। जिन्हें स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स द्वारा पकड़ने के लिये लगातार प्रयास किया जा रहा था। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मध्यप्रदेश को मुखबिर से 8 मई 2014 को सूचना प्राप्त हुई कि उक्त दोनों आरोपी सिवनी के आसपास मध्यप्रदेश में आये हुये है।

संयुक्त दल द्वारा कचहरी चौक के पास घेराबंदी कर उक्त हुलिये अनुसार संदिग्ध व्यक्ति को रोक कर पूछताछ की गई उन्होंने अपना नाम आमिर हुसैन एवं अमूल्य मंडल बताया, जिन्हें गिरफ्तार कर स्थानीय अमले को सौंपा गया। आरोपियों को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी लांजी जिला बालाघाट में पेश किया जावेगा।

इन तस्करों द्वारा पेंगोलिन के स्केल्स मुख्यत: उडीसा, छत्तीसगढ़, आन्ध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश से खरीदे जाते है तथा उसे असम, मिजोरम, मेघालय के व्यापारी को बेचा जाता है जहां व्यापारियों के द्वारा उसे म्यानमांर (बर्मा) होते हुये चीन भेजा जाता है।

एसटीएसएफ के द्वारा दुर्लभ प्रजाति वन्यप्राणी पेंगोलिन के अवयवों की तस्करी का अतंर्राज्यीय एवं अतंर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इसमें 197 आरोपियों को देश के 15 राज्यों से गिरफ्तार किया जा चुका है। इंटरपोल द्वारा पेगोंलिन को विश्व में सबसे ज्यादा तस्करी किया जाने वाला स्तनपायी कहा है। वन्यप्राणी पेंगोलिन के अवयवों की तस्करी एशिया एवं अफ्रीका के कई देश से की जाती हैं। इसकी मांग मुख्यत: चीन, म्यामार, थाईलैंड, मलेशिया, हॉगकॉग और वियतनाम आदि देशों में है।