जेएनयू में विदेशी मीडिया पर सेमिनार का किया आयोजन

Seminar on foreign media organized in JNU

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय (जेएनयू) के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने “वेस्टर्न मीडिया इकोसिस्टम एंड फ्रेमिंग ऑफ इंडिया: एक्सप्लोरिंग द डायनामिक्स ऑफ द प्रोपेगैंडा” विषय पर एक पर सेमिनार का आयोजन किया I सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में जेएनयू की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुडी पंडित जी, वरिष्ठ पत्रकार-लेखक उमेश उपाध्याय और जेएनयू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने भी हिस्सा लिया I

उमेश उपाध्याय, जो वर्तमान में अपने नए काम ‘वेस्टर्न मीडिया नैरेटिव ऑन इंडिया’ के लिए प्रशंसा अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने पुस्तक को मन के उपनिवेशीकरण को उजागर करने के साधन के रूप में परिभाषित किया और बताया कि कैसे मीडिया आज भी मन को उपनिवेशित करने का एक शक्तिशाली साधन बन गया है। उन्होंने अपनी पुस्तक से भारत के बारे में दो पश्चिमी रिपोर्ट का हवाला दिया- एक न्यूयॉर्क टाइम्स में कोविड से होने वाली मौतों के बारे में गलत सूचना और दूसरी रॉयटर्स की एशियाई खेलों में भारत की बड़ी जीत पर गलत इरादे वाली रिपोर्ट। जेएनयू के सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर स्टडीज के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने इस मुद्दे को यह कहते हुए उजागर किया, “हम जो देखते हैं, उस पर विश्वास करते हैं, लेकिन जो लोग लिख रहे हैं, वे वही लिखते हैं, जिस पर उनका विश्वास होता है।” उन्होंने कहा कि पश्चिमी आख्यान की आलोचना करना बेकार की कवायद है। हमें अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दोष देना बंद करना होगा और भारतीय मीडिया पर सवाल उठाने शुरू करने होंगे।
पाकिस्तान की चर्चा करते हुए आनंद रंगनाथन ने कहा कि पाकिस्तान न केवल एक असफल राज्य है, बल्कि एक असफल दर्शन भी है। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की अध्यक्ष डॉ. शुचि यादव ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मीडिया की भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस मुद्दे को और अधिक कठोरता से संबोधित करने के लिए पश्चिमी आख्यान पर अधिक अकादमिक कार्य करने की आवश्यकता है।

स्कूल ऑफ सोशल साइंस के डीन प्रोफेसर कौशल शर्मा ने व्याख्यान संगोष्ठी की अध्यक्षता की। इस दौरान प्रोफेसर मनुकोंडा रवींद्रनाथ ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में वक्ताओं और उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ अर्चना कुमारी और डॉ लालमुआन सांग किमी भी मौजूद रहीं।