युवा अभिनय की कला को तरासते हुए बिना हिम्मत हारे निरंतर काम हासिल करने का प्रयास करते रहें – जस्सी सिंह

दीपक कुमार त्यागी 

देश के हर वर्ग के लोगों को आकर्षित करने वाली फिल्मी दुनिया में बिना किसी गॉडफादर के अपना एक विशिष्ट स्थान बना चुके अभिनेता जस्सी सिंह से वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार त्यागी ने अभिनय की दुनिया के बारे में विस्तार से चर्चा की, हमारे सम्मानित पाठकों के लिए प्रस्तुत है उस चर्चा के कुछ महत्वपूर्ण अंश

आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है।

– मैं पंजाब के फाजिलका जनपद के अबोहर गांव का एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार से आता हूं और फिलहाल परिवार के साथ मुंबई में रहता हूं।

आपका पंजाब से माया नगरी मुंबई में पहुंच कर अभिनय का सफर कैसे शुरू हुआ।

– पंजाब में रहते समय पारिवारिक हालातों से उत्पन्न मजबूरियों ने हमारे परिवार को गांव में विभिन्न समस्याओं से घेर रखा था, वहीं मेरे परिवार को वर्ष 1984 के दंगों के बाद आतंकवादियों से निरंतर पंजाब छोड़ने की धमकी मिलने लगी, जिसके चलते मेरा परिवार जीवन यापन के लिए मुंबई पहुंच गया और फिर जीवन संघर्ष की बेला पर चलते हुए परिवार को पालने के लिए अभिनय करने के क्षेत्र में कूद पड़ा।

आपका फिल्मी दुनिया में अभिनय का सफर कैसे शुरू हुआ।

– मैंने मुधमति जी व रोशन तनेजा जी के एक्टिंग स्कूल से अभिनय का कोर्स किया और बिना किसी गॉडफादर के फिल्मी दुनिया में अवसर तलाशने के लिए निकल पड़ा। लंबे संघर्ष के बाद शाहरुख मिर्जा जी की फिल्म संजय में मुझे विलेन के रूप में पहला ब्रेक मिला, जिसके बाद फिर कभी मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और मैं देश की छह भाषाओं की लगभग 60 से अधिक फिल्मों व सीरियलों में काम कर चुका हूं, मेरा यह सफर निरंतर जारी है।

फिल्मी दुनिया से लव-कुश रामलीला में अभिनय क्यों।

– प्रभू श्रीराम की लीला हमारी सनातन संस्कृति का एक बेहद अनमोल गौरवशाली हिस्सा हैं, जो हम लोगों को मर्यादित जीवनशैली सिखाता है, मैं अपने आपको भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे प्रभू श्रीराम के आशिर्वाद से दिल्ली की विश्व प्रसिद्ध लव-कुश रामलीला में काम करने का मौका मिला। इसके लिए में कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार जी व अन्य सभी का तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं।

लव-कुश रामलीला में आपका क्या किरदार है।

– प्रभु श्रीराम के आशिर्वाद से मैं लव-कुश रामलीला में प्रकांड विद्वान रावण के पुत्र मेघनाथ, महर्षि विश्वामित्र, केवट आदि का बेहद महत्वपूर्ण किरदार निभा रहा हूं और मैं आशा करता हूं कि मैं अपने प्रशंसकों व सम्मानित दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा।

आपका सबसे पसंदीदा किरदार कौन सा है।

– मेरा सबसे पसंदीदा किरदार आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानिपत में जनरल वाहब खान व जोधा-अकबर में राजा भद्रा का रहा है, मैंने अग्निपथ, बेशर्म, सन ऑफ सरदार, सेंसर, प्रोग्राम आदि फिल्मों में भी कार्य किया है।

फिल्मी दुनिया की तरफ आकर्षित युवाओं को आपका क्या संदेश है।

– फिल्मी दुनिया की तरफ आकर्षित युवाओं को मेरा संदेश है कि आज के दौर में फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के अवसर मिलना बेहद कठिन हो गया है, क्योंकि अधिकांश प्रोडक्शन हाउस ने अपना काम आउटसोर्सिंग पर दे दिया है, जो भी युवा फिल्मी दुनिया में काम का अवसर तलाश रहे हैं आज उनके सामने ग्रुप बाजी से लड़ने की चुनौती भी हर पल खड़ी हुई है, इसलिए मेरा उन सभी युवाओं को संदेश है कि वह दृढ़संकल्प के साथ अपने अभिनय की कला को तरासते हुए बिना हिम्मत हारे निरंतर काम हासिल करने का प्रयास करते रहें।