इंद्र वशिष्ठ
फिल्म के लिए सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट देने की एवज़ में लाखों रुपए की रिश्वत लेने का मामला सामने आया है।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर दो महिलाओं समेत तीन निजी व्यक्तियों एवं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, मुंबई के अधिकारियों सहित अन्य अज्ञातों व निजी व्यक्तियों के विरुद्ध रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया है।
शिकायत में आरोप है कि सितंबर, 2023 माह के दौरान, एक निजी व्यक्ति ने 7 लाख रुपए की रिश्वत लेने एवं हिंदी में डब की गई फिल्म के लिए सीबीएफसी, मुंबई से आवश्यक सेंसर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अन्य व्यक्तियों के साथ षड़यंत्र रचा।
आरोप है कि उक्त षड़यंत्र को आगे बढ़ाते हुए, महिला अभियुक्त ने शुरुआत में सीबीएफसी मुंबई के अधिकारियों की ओर से 7 लाख रुपए की रिश्वत की मांग शिकायतकर्ता से की एवं बाद में परस्पर बातचीत के पश्चात,उसने कथित तौर पर सीबीएफसी मुंबई के कर्मियों की ओर से अपने दो अन्य सह आरोपियों के दो बैंक खातों में 6,54,000 रुपए रिश्वत के तौर पर स्वीकार किए। इसके पश्चात 26/09/2023 को कथित तौर पर हिंदी में डब की गई उक्त फिल्म हेतु सीबीएफसी, मुंबई द्वारा आवश्यक प्रमाण पत्र जारी किया गया।
यह भी आरोप है कि उक्त धनराशि के अतिरिक्त, उक्त महिला आरोपी ने अपने लिए समन्वय शुल्क के रूप में एक निजी कंपनी के खाते से अपने बैंक खाते में 20 हजार रुपए प्राप्त किए। 6,54,000 रुपए की धनराशि में से कथित तौर पर 6,50,000 रुपए की धनराशि नकद के रुप में तुरंत निकाल ली गई।
अभियुक्तों के नाम हैं: मार्लिन मेनागा, जीजा रामदास और राजन एम। इनके अलावा सेंसर बोर्ड मुंबई के अज्ञात अधिकारियों और अन्य अज्ञात निजी लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई द्वारा मुंबई सहित चार अलग-अलग स्थानों पर आरोपियों एवं आरोपियों से जुड़े अन्य व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।