उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में विकसित हो रहा है

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : उत्तराखण्ड में निहित शिक्षा सामर्थ्य को संवारने के लिए इन्वेस्टर्स समिट के तहत विद्यालयी, तकनीकी और उच्च शिक्षा का सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आज उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में विकसित हो रहा है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में निवेशकों द्वारा रुचि दिखाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निवेशकों को सरकार द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा। निवेशकों की किसी भी प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए शासन और प्रशासन प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने देश की शिक्षा व्यवस्था को नया स्वरूप प्रदान किया है और राज्य ने इसे प्रभावी रूप से लागू भी किया है। राज्य के 200 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 08 ट्रेड में व्यवसायिक शिक्षा दी जा रही है तथा 331 विद्यालय में प्रक्रिया अंतिम चरण पर है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना के माध्यम से राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में शोध गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों और शोधार्थियों को 18 लाख रुपए तक का शोध अनुदान दिया जा रहा है।

वर्तमान में 22 निजी विश्विद्यालय सहित 275 निजी महाविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।

उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि राज्य में सभी बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ ही शिक्षा की पहुंच सुलभ हो इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। राज्य में विद्यालय, उच्च और तकनीकी का समेकित विकास हो, इसके लिए निजी और सरकारी संस्थानों को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा। सत्र में सचिव रविनाथ रमन, शूलिनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो0 अतुल खोसला, संपर्क फाउंडेशन से विनीत नय्यर, यूपीएस के चांसलर डॉक्टर सुनील राय, दून स्कूल के चेयरमैन अनूप सिंह बिश्नोई, शारदा यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रदीप कुमार गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।