इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए शुक्रवार को त्रिपुरा के रास्ते भारत में अवैध घुसपैठ कराने में शामिल चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस साल अक्टूबर में गुवाहाटी में एनआईए द्वारा दर्ज मानव तस्करी के मामले के तहत त्रिपुरा पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में यह गिरफ्तारियां की गईं।
एनआईए ने इससे पहले, 8 नवंबर 2023 को मानव तस्करी सिंडिकेट पर देशव्यापी छापेमारी के बाद 29 प्रमुख गुर्गों को गिरफ्तार किया था।
एनआईए की जांच के अनुसार, शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित थे और इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए 29 लोगों से जुड़े हुए थे। वे उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा के कई जिलों में सक्रिय सुसंगठित सिंडिकेट से जुड़े रैकेटियर्स के इशारे पर मानव तस्करी की गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। सिंडिकेट का नेटवर्क भारत के अन्य हिस्सों में स्थित गुर्गों से भी जुड़ा हुआ था।
जांच से यह भी पता चला है कि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी भारत में बांग्लादेशी मूल के व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ की सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से सक्रिय तस्करों के साथ समन्वय कर रहे थे।
एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपी सीमा पार से भारत में तस्करी करके लाए गए व्यक्तियों के लिए जाली भारतीय पहचान दस्तावेजों की भी व्यवस्था कर रहे थे।
भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संचालित संगठित मानव तस्करी सिंडिकेट के बारे में विश्वसनीय सूचना के बाद एनआईए द्वारा 6 अक्टूबर 2023 को मामला दर्ज किया गया था। एनआईए को जानकारी मिली थी कि विदेशी मूल के व्यक्तियों को भारत के विभिन्न हिस्सों में बसाने के इरादे से अवैध रूप से तस्करी की जा रही है।
मानव तस्करी सिंडिकेट के देश के विभिन्न हिस्सों और सीमा पार सक्रिय अन्य मददगारों और तस्करों के साथ संबंध पाए गए। इन संबंधों की पहचान भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से मानव तस्करी गतिविधियों में लगे एक बड़े नेटवर्क के हिस्से के रूप में की गई थी।